Such a mysterious story of Imli Balaji of Nagaur that everyone is stunned after hearing it, it is becoming a center of faith

Last Updated:May 15, 2025, 16:00 IST
राजस्थान के मेड़ता में स्थित इमली वाले बालाजी का मंदिर 500 साल पुराना है. एक रहस्यमयी घटना के बाद यह मंदिर आस्था का केंद्र बना. भक्तों की मनोकामना पूरी होती है, पर परीक्षा भी ली जाती है.X
इमली वाले बालाजी का मंदिर
हाइलाइट्स
इमली वाले बालाजी का मंदिर 500 साल पुराना है.मंदिर में इमली के पेड़ में आग लगने की रहस्यमयी घटना हुई थी.भक्तों की मनोकामना पूरी होती है, पर परीक्षा भी ली जाती है.
नागौर. राजस्थान एक ऐसा राज्य है जहां पर सभी धर्मों के व्यक्ति निवास करते है. जहां पर सभी धर्मों के इष्ट देवी-देवताओं की पूजा की जाती है. लेकिन राजस्थान में कई ऐसे चमत्कारी मंदिर है जो देशभर में प्रसिद्ध हैं. मेड़ता को मीरा नगरी के नाम से जाना जाता है. लेकिन यहां पर इमली वाले बालाजी का भी प्रसिद्ध मंदिर है. मान्यता है कि इस मंदिर के निर्माण के पीछे भी एक रहस्यमयी घटना हुई थी. तब से यह लोगों के आस्था का केंद्र बना हुआ है.
मेड़ता सिटी के रहने वाले श्याम बोराणा बताते हैं कि इस मंदिर की स्थापना एक संत के द्वारा 500 साल पहले की गई थी. मेड़ता में इमली वाले बालाजी का मंदिर बना हुआ है. मीरा महल के पास में स्थित यह मंदिर क्षेत्र के लोगों का आस्था का केंद्र बना हुआ है. जिसे विष्णु सागर सरोवर भी कहते हैं.
मंदिर का इतिहासइस मंदिर का इमली वाले बाबा नामकरण इसलिए हुआ कि आज से करीब अट्ठारह साल पहले इस मंदिर में इमली के पेड़ में अचानक आग लग गई थी और पेड़ के सभी कोटरो में से धुआं निकलना शुरू हो गया. यह दृश्य देखकर क्षेत्र के लोग सकते में आ गए और प्रशासन हरकत में आ गया. प्रशासन ने फायर ब्रिगेड के माध्यम से आग बुझाने का प्रयास किया. लेकिन रोजाना के पांच से 10 टैंकर पानी पेड़ के तने में डालने के बावजूद भी आग पर काबू नहीं पाया गया. आखिर में भक्तों द्वारा 7 दिन का सुंदरकांड का पाठ किया और संगीत में रामधुन का आयोजन किया. इस आयोजन के बाद अगले दिन होते ही आग बुझ गई और पेड़ आज भी वैसा का वैसा हरा भरा है. यहां इमली के फल भी लगते हैं. तभी से यह आसपास के श्रद्धालुओं का धार्मिक आस्था का केंद्र बना हुआ है और इमली वाले बालाजी के नाम से यह जाना जाता है.
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मंदिर की यह है मान्यताश्याम बोराणा बताते है कि यहां पर भक्तों की मनोकामना पूरी तो होती है. लेकिन इससे पहले बालाजी के द्वारा भक्त की कठोर परीक्षा ली जाती है. श्याम ने बताया कि जिस प्रकार भक्त की मनोकामना होती है उसी प्रकार की बालाजी परीक्षा लेते है. इस मंदिर में भूत-प्रेत की समस्या का निवारण भभूती (केसर) लगाने मात्र से हो जाता है और किसी भी समस्या से गुजर रहे हो तो बालाजी की परिक्रमा देने मात्र से निवारण हो जाता है.
Mohd Majid
with more than 4 years of experience in journalism. It has been 1 year to associated with Network 18 Since 2023. Currently Working as a Senior content Editor at Network 18. Here, I am covering hyperlocal news f…और पढ़ें
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नागौर के इमली वाले बालाजी, बड़ी रहस्य्मयी है इनकी कहानी, सुनकर हो जाएंगे दंग