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पर्यावरण के लिए ऐसा प्रेम इस युग में तो नहीं दिखेगा, पशु-पक्षियों के लिए देवदूत हैं ये महिला

Agency:Local18

Last Updated:February 21, 2025, 16:23 IST

बदलते दौर के साथ आपने कई पर्यावरणविद् को देखा होगा, जो पर्यावरण के लिए काम करते हुए अपना पूरा जीवन खपा देते हैं. ऐसे आइए आपको इस रिपोर्ट में एक ऐसे पर्यावरण प्रेमी से रूबरू करवाते हैं जिन्होंने अपना पूरा जीवन …और पढ़ेंX
पक्षियों
पक्षियों का पक्का मकान

दीपेंद्र कुमावत/नागौर- आपने आज तक ऐसे अनेकों पक्षी प्रेमियों के बारे में सुना होगा जो पक्षियों को संरक्षित और उनकी सेवा का काम करते हैं. बहुत से लोग पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए छत पर पानी रखते हैं. कुछ लोग रोज उन्हें दाना डालते हैं. लेकिन, आज हम आपको एक ऐसे इंसान के बारे में बताएंगे, जिसने पक्षियों के प्रेम में लाखों रुपए खर्च कर एक घर बना दिया. यह घर पक्षियों के लिए आश्रय स्थल बना हुआ है. यह पक्षी घर गुंबदनुमा एक हवेली की तरह है. इस घर के गुंबदों और इसके अंदर हजारों पक्षी एक साथ विश्राम कर सकते हैं.

50 साल पहले नाथी देवी ने बनवाया था पक्षी घरनागौर-कुचामन जिले के नावां रोड पर बसे छोटे से गांव मिंडा में 50 साल पहले पक्षी प्रेमी नाथी देवी पाटनी ने अपने निजी खर्चे से पक्षियों के रखरखाव व देखभाल के लिए गांव के मुख्य बाजार पर दो मंजिला कबूतर खाना बनवाया था. आज यह कबूतर खाना इस गांव की शान है. यह कबूतर खाना गांव की मुख्य जगह में शामिल हो चुका है. रोजाना सुबह दर्जनों लोग पक्षियों को दाना खिलाने के लिए इस कबूतर खाने पर आते हैं.

गांव के लोग इमारत को मानते हैं अपना गौरवग्रामीण बताते हैं कि कबूतर खाना गांव के मुख्य बाजार में स्थित पक्षी घर पक्षियों के आश्रय के काम आता है. गांव में बने इस कबूतर खाने की बनावट भव्य और अनोखी है. कारीगरों ने इस हवेली में दर्जनों गुंबद बनाए हैं. यहां कबूतर व अन्य पक्षी बैठते हैं उनके नीचे वाले हिस्से में दुकानों का संचालन होता है, जो गोलाकार है. वहीं ऊपरी हिस्से में बने गुबंद नीचे से देखने में भव्य नजर आते हैं. लोग दूरदराज से इस कबूतर खाना को देखने भी आते हैं. गांव वाले इस कबूतर खाने वाली इमारत को अपना गौरव मानते हैं


Location :

Nagaur,Rajasthan

First Published :

February 21, 2025, 16:23 IST

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पर्यावरण के लिए ऐसा प्रेम… पशु-पक्षियों के लिए देवदूत हैं ये महिला!

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