Rajasthan

जयपुर में तीन हजार करोड़ से बनेगी 45 किमी लंबी रिंग रोड– News18 Hindi

जयपुर. जयपुर के बाहर के दायरे में कमप्लीट रिंग रोड (complete Ring Road) बनाने की दिशा में जेडीए ने तेजी से कार्य शुरू कर दिया गया है. जयपुर जेडीए (Jaipur Development Authority) द्वारा उत्तरी रिंग रोड परियोजना (Ring road project) के लिए जारी किए गये एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट के बाद सामने आई इच्छुक फर्मों ने जेडीए अफसरों के समक्ष अपना प्रेजेंटेशन दिया.

प्रजेंटेशन के दौरान रिंग रोड उत्तरी को लेकर इच्छुक राष्ट्रीय कंसलटेंसी एजेंसियों ने अपनी योग्यता, अनुभव और सेवाओं आदि का पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रदर्शन किया. जयुपर विकास प्राधिकरण आयुक्त गौरव गोयल द्वारा रिंग रोड परियोजना के दक्षिणी कॉरिडोर की तर्ज पर ही उत्तरी कॉरिडोर के लिए भूमि अवाप्त की जाकर करीब तीन हजार करोड़ रुपये की लागत से 45 किमी लम्बाई में बनाई जाने वाली रिंग रोड परियोजना (आगरा रोड-दिल्ली रोड-उत्तरी कॉरिडोर) को मूर्त रूप देने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. इससे शहर के उत्तरी भाग का भी विकास होगा.

अब फर्म का करना है चयन

तीन हजार करोड़ रुपये से बनने वाली इस रिेंग रोड उत्तरी को लेकर बैठक में बताया गया कि जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा जयपुर रिंग रोड का उत्तरी भाग के सर्वे, प्लानिंग और क्रियान्वयन के लिए सलाहकारों से सुझाव आमंत्रित करने के लिए योग्य और अनुभवी (फर्मों) के साथ परामर्श के लिए रुचि की ईओआई आमंत्रित की गई थी. उसके बाद आई फर्मों ने आज प्रेजेंटेशन दिया है जिसका विस्तृत मंथन जेडीए द्वारा किया जाएगा.

फर्म को करने होंगे यह 11 काम

1.एनएचएआई द्वारा दिए गए एलाइनमेंट के आधार पर उत्तरी रिंग रोड को अंतिम रूप देना. आगरा रोड से सी-जोन बायपास एवं अजमेर रोड के लिए सी-जोन बायपास बनाना.

2. नवीनतम तकनीक जैसे डीजीपीएस और हायर रिजोलेशन ड्रोन सर्वे का उपयोग करते हुए 360 मीटर चौड़े कोरिडोर सर्वे कार्य.

3. विभिन्न विभागों से 360 मीटर चौड़े विकसित कोरिडोर के लिए डाटा संग्रहण करना.

4. राजस्व मानचित्रों का संग्रह और डिजिटलीकरण करना, राजस्व मानचित्रों का भू-संदर्भ, अधिरोपण, कोरिडोर के लिए भूमि स्वामित्व डेटा का संग्रह करना.

5. विकसित कोरिडोर की 360 मीटर चौड़ाई या अतिरिक्त चौड़ाई में साईट की स्थिति के अनुसार भूमि का अधिग्रहण का प्रस्ताव तैयार करना.

6. विस्तृत योजना तैयार करने सहित प्रस्तावित कोरिडोर की योजना/पुनर्याेजना तैयार करना.

7. विकसित भूमि लैंड पूलिंग मॉडल का उपयोग कर भूमि मालिकों को मुआवजे के लिए भूखंडों की पहचान करना.

8. राजस्व, नगर नियोजन और इंजीनियरिंग कम्पोनेन्टस सहित विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करना और उसमें संशोधन, सक्षम प्राधिकारी द्वारा अनुमोदन करवाना.

9. कार्य के सफल टेण्डर तक विभिन्न निविदा के दस्तावेज तैयार करना, उनका मूल्यांकन, निविदा को अंतिम रूप देना.

10. संपूर्ण कोरिडोर के लिए परियोजनाओं के क्रियान्वयन, मसौदा आवंटन पत्र और साइट योजनाओं की तैयारी के दौरान सहायता प्रदान करना.

11. परियोजना के क्रियान्वयन के लिए विभिन्न सरकारी संगठनों से वैधानिक मंजूरी प्राप्त करना.

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