बाड़मेर में मथुरा के सुलेमान बना रहे रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले, तीन पीढ़ियों से परिवार कर रहा यह काम

बाड़मेर. धर्म और मजहब के नाम पर तलवारें निकाल लेने वाले और ना जाने कितने ही घरों के चूल्हें बुझा देने वाले लोगों के लिए उत्तरप्रदेश के मथुरा के रहने वाले सुलेमान का परिवार किसी मिसाल से कम नही है. सुलेमान का परिवार तीन पीढ़ियों से हिन्दू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण पर्व विजयादशमी पर रावण, मेघनाद और कुम्भकर्ण के पुतले बना रहे हैं.
उत्तरप्रदेश के मथुरा की गलियों से निकल कर राजस्थान के कोटा, जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, उदयपुर में रावण दहन के लिए पुतलों का निर्माण कर चुके हैं. वहीं सुलेमान गुजरात के अहमदाबाद, पालपुर, डीसा, मेहसाणा, वापी, नवसारी में भी भव्य रावण का निर्माण कर चुके हैं. अपने दादा से सीखी इस कारीगरी पर वह अपने परिवार के हर युवा को जोड़ चुके हैं. विजयादशमी पर शनिवार को बाड़मेर के आदर्श स्टेडियम में रावण दहन किया जाएगा. रावण सहित मेघनाद व कुंभकर्ण के पुतले बनाने का कार्य अंतिम चरण में है.
आदर्श स्टेडियम में बनाए जा रहे पुतलों में रावण 65 फीट ऊंचा होगा. इसी तरह मेघनाद 55 व कुंभकर्ण का पुतला 45 फीट का होगा. नगर परिषद दशहरा महोत्सव में आतिशबाजी के लिए 7.50 लाख रुपए खर्च करेगी. दशहरे पर शाम को आकर्षक आतिशबाजी के नजारे आसमां में नजर आएंगे.
सुलेमान बताते हैं कि उनके लिए पुतलों का निर्माण किसी आराधना से कम नही है. वह बताते है कि हर धर्म सीखाता है कि अपने साथ साथ दूसरे धर्मों का आदर और सत्कार करो. हर धर्म भाईचारे का पाठ पढ़ाता है ना जाने क्यों लोग धर्म के नाम पर आपस में लड़ते हैं.
सुलेमान लोकल 18 से खास बातचीत करते हुए बताते है कि रावण, मेघनाद और कुम्भकर्ण के पुतले बनाने में करीब एक माह का समय लगता है और इसमें करीब 20 मजदूर मिलकर इस काम को करते हैं. वह बताते हैं कि वह तीसरी पीढ़ी है जो काम को कर रही है. इससे पहले पिता, दादा भी पुतले बनाने का काम करते आ रहे है. इस बार बाड़मेर में 65 फिट का रावण, 55 फिट का मेघनाद और 45 फिट का कुम्भकर्ण बनाया गया है.
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FIRST PUBLISHED : October 11, 2024, 23:15 IST