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Last Updated:April 20, 2025, 12:29 IST
गर्मी के मौसम में पशुओं को हरा चारा उपलब्ध कराना काफी मुश्किल होता है. लेकिन अजौला घास इस चुनौती का समाधान बन सकती है. उन्होंने बताया कि अजौला में 20 से 30 प्रतिशत तक प्रोटीन पाया जाता है, जो दुधारू पशुओं के लि…और पढ़ेंX
घास
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अजौला घास
हाइलाइट्स
अजौला घास गर्मी में पशुपालकों के लिए बेहतरीन विकल्प है.राज्य सरकार अजौला की खेती के लिए सब्सिडी और प्रशिक्षण देती है.अजौला घास तेजी से बढ़ती है और पोषक तत्वों से भरपूर होती है.
उदयपुर:- राजस्थान में गर्मी के मौसम में हरे चारे की भारी कमी देखी जाती है, जिससे दुधारू पशुओं के स्वास्थ्य और दूध उत्पादन पर सीधा असर पड़ता है. ऐसे समय में पशुपालकों के लिए अजौला घास एक बेहतरीन विकल्प बनकर उभर रही है. यह एक प्रकार का जलीय पौधा है, जो तेजी से बढ़ता है और पोषक तत्वों से भरपूर होता है. राज्य सरकार भी इसकी खेती को प्रोत्साहित कर रही है और इसके लिए सब्सिडी प्रदान कर रही है.
गर्मी के मौसम में चारों की किल्लतउदयपुर शहर के पशु चिकित्सालय के वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ. सुनील जैन ने Local 18 को बताया कि गर्मी के मौसम में पशुओं को हरा चारा उपलब्ध कराना काफी मुश्किल होता है. लेकिन अजौला घास इस चुनौती का समाधान बन सकती है. उन्होंने बताया कि अजौला में 20 से 30 प्रतिशत तक प्रोटीन पाया जाता है, जो दुधारू पशुओं के लिए अत्यंत लाभकारी होता है. इसके नियमित सेवन से पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और दूध उत्पादन में भी बढ़ोतरी होती है.
बड़े खेत की नहीं पड़ेगी आवश्यकताअजौला घास को उगाने के लिए किसी बड़े खेत की आवश्यकता नहीं होती. इसे घर के पिछवाड़े, गड्ढे, प्लास्टिक टैंक या सीमेंट के बने टांकों में आसानी से उगाया जा सकता है. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह बहुत तेजी से बढ़ती है और हर दो-तीन दिन में इसकी मात्रा दोगुनी हो जाती है. इससे यह लगातार हरा चारा उपलब्ध कराने में सक्षम होती है.
राज्य सरकार की ओर से पशुपालकों को अजौला की खेती के लिए न केवल सब्सिडी दी जाती है, बल्कि कृषि एवं पशुपालन विभाग द्वारा प्रशिक्षण भी दिया जाता है. किसानों को वैज्ञानिक तरीके से अजौला उगाने और इसका सही उपयोग करने की जानकारी दी जाती है.
सस्ता, टिकाऊ और पोषण से भरपूर गर्मी के मौसम में जब हरे चारे की उपलब्धता न्यूनतम होती है, तब अजौला घास एक सस्ता, टिकाऊ और पोषण से भरपूर विकल्प बनकर उभर रही है. यह पशुपालन को लाभकारी बनाने की दिशा में एक अहम कदम साबित हो रही है. ऐसे में पशुपालकों को चाहिए कि वे अजौला घास को अपनाकर अपने पशुओं के स्वास्थ्य और उत्पादकता दोनों में सुधार करें.
Location :
Udaipur,Rajasthan
First Published :
April 20, 2025, 12:29 IST
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गर्मी में पशुओं के लिए संजीवनी बनी ये घास, चारे की नहीं होगी कमी