Summer Special: बेजुबानों के लिए पानी की व्यवस्था, अब नहीं जाएगी मासूम परिंदों की जान, उदयपुर पुलिस की मानवीय पहल

Last Updated:April 21, 2025, 14:02 IST
Summer Special: गर्मी की इस भयावह दोपहर में जहां इंसान भी छांव और शीतल जल की खोज में है, वहीं इन बेजुबानों की कोई आवाज नहीं होती. वे बस उड़ते हैं… थकते हैं… और कई बार प्यास से दम तोड़ देते हैं. ऐसे में यह प…और पढ़ेंX
परिंडे वितरित
हाइलाइट्स
उदयपुर में प्यासे पक्षियों के लिए सेवा अभियान शुरूउदयपुर में लगाए जा रहे हैं 5000 से अधिक परिंडेपुलिसकर्मियों ने ली परिंडों में पानी भरने की जिम्मेदारी
उदयपुर. जब आसमान से आग बरस रही हो, धरती तवे सी तप रही हो और जीव-जंतु पानी की एक बूंद के लिए भटक रहे हों, ऐसे में कोई एक हाथ आगे बढ़े… तो वो सिर्फ मदद नहीं, एक करुणा भरा संदेश होता है. राजस्थान समाज सेवा संस्थान, उदयपुर ने इसी भाव को साकार करते हुए शुक्रवार को प्यासे पक्षियों के लिए एक दिल छू लेने वाला अभियान शुरू किया.
नन्हें परिंदों के लिए गर्मी में पानी की व्यवस्थापुलिस लाइन परिसर के शांत पार्कों में जब एडिशनल एसपी (हेडक्वार्टर) गोपाल स्वरूप मेवाड़ा ने अपने हाथों से एक परिंडा टहनी पर टांगा, तो वह सिर्फ एक पात्र नहीं था—वो उन नन्हें पंखों से एक वादा था जो अब बिना डर के, हर दिन वहां अपनी प्यास बुझा सकेंगे. पुलिसकर्मियों ने भी आगे आकर इन परिंडों में नियमित रूप से पानी भरने की जिम्मेदारी ली, जो इस अभियान को और अधिक जीवंत और संवेदनशील बनाता है.
करुणा की, जिम्मेदारी की एक नई कहानीसंस्थान अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा ने नम्रता से बताया, ‘हमारा उद्देश्य सिर्फ परिंडे टांगना नहीं, बल्कि लोगों के दिलों में दया और सेवा का बीज बोना है. इस साल 5000 से अधिक परिंडे उदयपुर शहर के विभिन्न इलाकों में लगाए जा रहे हैं. हर पेड़, हर परिंडा अब करुणा की, जिम्मेदारी की एक नई कहानी कहेगा.
जीवों के प्रति कर्तव्य निभाने का संदेशगर्मी की इस भयावह दोपहर में जहां इंसान भी छांव और शीतल जल की खोज में है, वहीं इन बेजुबानों की कोई आवाज नहीं होती. वे बस उड़ते हैं… थकते हैं… और कई बार प्यास से दम तोड़ देते हैं. ऐसे में यह पहल सिर्फ सेवा नहीं, बल्कि जीवों के प्रति कर्तव्य निभाने का संदेश है.
बेचैनी के बीच राहत की आसपुलिस अधिकारियों और संस्थान के सदस्यों ने मिलकर यह साबित किया कि अगर इंसान चाहे तो हर जीव के लिए यह धरती स्वर्ग बन सकती है. ये परिंदे अब केवल एक स्थान नहीं, एक उम्मीद के प्रतीक हैं. इस तपते मौसम में जब हर ओर सूखा और बेचैनी फैली है, उदयपुर से आई ये खबर मन को ठंडक देती है कि इंसानियत अभी ज़िंदा है.
Location :
Udaipur,Udaipur,Rajasthan
First Published :
April 21, 2025, 14:02 IST
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तपती धरती पर परिंदों के लिए टिकी एक उम्मीद, बेजुबानों के लिए पानी की व्यवस्था