भावुक हुई सुनीता, छलक पड़े आंसू, सफाईकर्मी की बेटी की शादी में पहुंच गया पूरा थाना, पुलिस ने किया ये नेक काम

दौसा. आम तौर पर पुलिस को लेकर लोगों के मन में एक सख्त और अनुशासित छवि होती है, लेकिन दौसा जिले के लालसोट थाने की पुलिस ने जो काम किया है, वह मानवीय संवेदनाओं की मिसाल बन गया है. 22 साल से थाने में सफाई का काम कर रही वाल्मीकि समाज की सुनीता देवी की तीन बेटियों की शादी में पुलिसकर्मियों ने ‘मायरा’ भरकर ना सिर्फ परंपरा निभाई, बल्कि सामाजिक समरसता और मानवीय संवेदनाओं की एक मिसाल कायम की.
मंगलवार को थाना प्रभारी श्रीकिशन मीणा की अगुवाई में लालसोट थाने के पुलिसकर्मी हरिजन मोहल्ला पहुंचे. सुनीता देवी की बेटियां सुमन, मनीषा और सोना, विवाह सूत्र में बंधने जा रही थी. सुनीता की आर्थिक स्थिति को देखते हुए पुलिसकर्मियों ने अपने वेतन से राशि एकत्र कर मायरा भरने का निर्णय लिया. एक लाख 11 हजार 101 रुपये नकद, साड़ियां, शर्ट-पैंट व अन्य पहनावे के कपड़े लेकर पुलिस टीम ने सुनीता के घर मायरा भरा. सीओ ऑफिस और एएसपी ऑफिस के स्टाफ ने भी इसमें बढ़-चढ़कर सहयोग किया.
भावुक हुई सुनीता, छलक पड़े आंसूपुलिस जब मायरा लेकर सुनीता के घर पहुंची, तो गांव की महिलाओं ने मांगलिक गीतों के साथ स्वागत किया. गेट पर सुनीता को बहन की तरह साड़ी ओढ़ाकर भात न्योतने की रस्म की गई. इस दृश्य ने सुनीता को भावुक कर दिया, उसकी आंखों से आंसू छलक पड़े, जिस सम्मान और अपनत्व के साथ पुलिस ने यह भूमिका निभाई, वह पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है.
सुनीता हमारे परिवार का हिस्सा है थाना प्रभारीथाना प्रभारी श्रीकिशन मीणा ने कहा, “सुनीता पिछले 22 वर्षों से हमारे साथ काम कर रही है. वह सिर्फ सफाईकर्मी नहीं, हमारे परिवार की सदस्य है. उसके सुख-दुख में साथ देना हमारा कर्तव्य है. उन्होंने बताया कि जब सुनीता ने आखातीज पर विवाह का निमंत्रण दिया, तब पुलिस टीम ने सहमति से मायरा भरने का निर्णय लिया. राम सिंह, लहरीलाल, रामफूल, चतर सिंह, बने सिंह, गिरिराज, लखन, प्रवीण सहित कई पुलिसकर्मी इस आयोजन में सम्मिलित हुए.
समाज में बनी चर्चा, पुलिस की नई छविलालसोट थाने की इस पहल ने पुलिस की कठोर छवि को संवेदनशीलता में बदलने का काम किया है.सर्व समाज में इस कार्य की चर्चा हो रही है, और लोग पुलिस के इस मानवीय पहलू की सराहना कर रहे हैं.