1 फैसले ने बदल दी जिंदगी, फिर बन गए एक्टिंग के मसीहा, बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक लोगों ने ठोका सलाम

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छोटा कद, दागदार चेहरा और भर्राती आवाज भी उनके टैलेंट के बीच दीवार नहीं बन पाई. ओम पुरी ने अपने क्लासमेट और पक्के दोस्त नसीरुद्दीन शाह के साथ बॉलीवुड फिल्मों का दूसरा सिरा पकड़ा और कला का ऐसा बीज बोया जो आज एक फलदार पेड़ बनकर लहलहा रहा है. जब बॉलीवुड में मेनस्ट्री सिनेमाई गलियों में एक्शन और रोमांस की धूम थी तो ओम पुरी ने आर्टिस्टिक और जमीन से जुड़ी फिल्में करने का चुनाव किया. यही फैसला उन्हें 10 साल बाद हॉलीवुड तक ले गया और यहां भी हॉलीवुड के दिग्गजों ने उनकी कला को प्रणाम किया. 1980 में आई फिल्म ‘भवानी’ (1980), ‘सदगति’ (1981), ‘अर्धसत्य’ (1982), ‘धारावी’ (1992) जैसी फिल्मों में अपनी एक्टिंग की गहरी छाप छोड़ी. इन फिल्मों में की गई ओम पुरी की एक्टिंग की धमक बॉलीवुड पहुंची और हॉलीवुड से भी उन्हें बुलावा आ गया. (फोटो साभार-Instagram@omrpuri)