Controversy Over The Appointment Of Head Of Department In Hindi Depart – हिन्दी विभाग में विभागाध्यक्ष की नियुक्ति पर विवाद

राजस्थान विश्वविद्यालय: प्रोफेसर ने कुलपति को पत्र लिखकर सत्याग्रह करने की चेतावनी दी

जयपुर। राजस्थान विश्वविद्यालय में हिन्दी विभाग में विभागाध्यक्ष की नियुक्ति पर विवाद खड़ा हो गया है। आरोप है कि कुलपति ने नियमों के विरूद्ध एसोसिएट प्रोफेसर को विभागाध्यक्ष बना दिया। शनिवार को विभागाध्यक्ष के आदेश जारी होने के बाद विरोध शुरू हो गया।
विश्वविद्यालय के प्रोफेसर नंद किशोर पांडेय ने कुलपति को पत्र लिखकर सत्याग्रह करने की चेतावनी दी है। मामले के अनुसार हिंदी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर उर्वशी शर्मा को विभागाध्यक्ष बनाया गया है। इधर, प्रोफेसर नंद किशोर पांडेय ने कुलपति को पत्र लिखकर कहा है कि रेज्योल्यूशन के अनुसार विभाग की अध्यक्षता चार प्रोफेसरों में रोटेट होती है। नियमानुसार चार सीनियर में रोटेट होने के बाद प्रथम वरीयता सूची में आने वाले शिक्षक को विभागाध्यक्ष बनाया जाएगा।
एसोसिएट प्रोफेसर उर्वशी शर्मा को वर्तमान चार सीनियर मोस्ट प्रोफेसरों और रीडर्स में चौथे क्रमांक पर मानते हुए नियुक्ति प्रदान की गई है। इससे पहले प्रोफेसर नंद किशोर पांडेय, डॉ. प्रभा वर्मा, डॉ. विनोद शर्मा, डॉ. श्रुति शर्मा विभागाध्यक्ष रह चुके हैं। आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय ने दूसरे क्रमांक पर विभागाध्यक्ष रहने वाली पद से रिटायर्ड डॉ. प्रभा वर्मा का नाम हटा दिया। इस मामले में कुलपति डॉ राजीव जैन ने बताया कि विभागाध्यक्ष पद की गई नियुक्ति नियमानुसार की गई है।