Supreme Court News: हैदराबाद में पेड़ों की कटाई पर सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना सरकार को फटकारा

Last Updated:May 16, 2025, 06:50 IST
Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार कहा कि हैदराबाद यूनिवर्सिटी के बगल में पेड़ों की कटाई प्रथम दृष्टया पूर्व नियोजित प्रतीत होती है. सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना सरकार से कहा कि वन क्षेत्र को बहाल किया ज…और पढ़ें
हैदराबाद में पेड़ों की कटाई पर सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना सरकार को फटकार लगाई.
हाइलाइट्स
सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना सरकार को पेड़ काटने पर फटकार लगाई.जंगल बहाल न करने पर अधिकारियों को जेल भेजा जा सकता है.तेलंगाना सरकार को दो महीने में जंगल बहाल करने का आदेश.
Supreme Court News: हैदराबाद में पेड़ों की कटाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना सरकार को जमकर फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना के मुख्य सचिव को सख्त लहजे में साफ-साफ कह दिया कि अगर हैदराबाद के जंगलों को बहाल नहीं किया जाता है तो जेल जाने को तैयार रहना होगा. सीजेआई बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह भी सवाल किया कि क्या आपके पास पर्यावरण की मंजूरी थी? सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी से अफसरों पर जेल का खतरा मंडराने लगा है. अगर हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी से सटे कांचा गचीबोवली के जंगलों को तुरंत बहाल नहीं किया जाता है तो बड़ा एक्शन हो सकता है.
दरअसल, तेलंगाना सरकार को फटकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि अगर हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी से सटे कांचा गचीबोवली जंगल के उस हिस्से को जिसे एक सूचना प्रौद्योगिकी केंद्र के लिए साफ कर दिया गया था, दो महीने में जंगल लगाकर बहाल नहीं किया गया तो वह राज्य के मुख्य सचिव और अन्य अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए जेल भेज देगा. सीजेआई बीआर गवई और जस्टिस ए जी मसीह की पीठ ने मामले की सुनवाई की. तेलंगाना सरकार की ओर से सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए थे.
पेड़ों को क्यों काटा गया?
सीजेआई बीआर गवई की बेंच ने तेलंगाना सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी से पूछा कि क्या जंगल की कटाई से पहले कोई मंजूरी ली गई थी? दरअसल, अभिषेक सिंघवी सुप्रीम कोर्ट को यह समझाने की कोशिश कर रहे थे कि जंगलों की सुरक्षा के साथ आईटी सेंटर बनाना कितना जरूरी है. सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने उनसे पूछा, ‘क्या आपके (तेलंगाना सरकार) के पास पर्यावरण मंजूरी थी? आप जानते थे कि लंबे वीकेंड पर सुप्रीम कोर्ट की फॉरेस्ट बेंच मामले की सुनवाई के लिए उपलब्ध नहीं होगी. इसके बावजूद इतनी जल्दबाजी में पेड़ों को क्यों काटा गया?’
सिंघवी देते रह गए दलील
सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा, ‘अगर आप खुद को अवमानना से बचाना चाहते हैं, तो तुरंत बहाली के उपाय करें. वरना आपके मुख्य सचिव जेल जाने के लिए तैयार हो जाएं.’ सुप्रीम कोर्ट के सामने अभिषेक सिंघवी की वह दलील भी काम नहीं आई, जिसमें कहा गया कि राज्य की ओर से बड़े पैमाने पर वनीकरण और वृक्षारोपण का काम किया जा रहा है. जस्टिस मसीह ने कहा कि उस इलाके में वृक्षारोपण नहीं किया जा रहा, जहां जंगल की कटाई की गई है.’ दरअसल, खुद सुप्रीम कोर्ट ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया था. अब इस मामले की सुनवाई 23 जुलाई को होगी.
Shankar Pandit
Shankar Pandit has more than 10 years of experience in journalism. Before (Network18 Group), he had worked with Hindustan times (Live Hindustan), NDTV, India News Aand Scoop Whoop. Currently he handle ho…और पढ़ें
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