शिकागो जाने से पहले यहां ठहरे थे स्वामी विवेकानंद, आज भी वही बुर्ज सुनाता है इतिहास

Last Updated:April 22, 2025, 14:10 IST
1891 में स्वामी विवेकानंद सीकर के राजा माधोसिंह के आमंत्रण पर सीकर गढ़ में ठहरे थे. वे शिकागो धर्म संसद से पूर्व यहां आए और खेतड़ी शैली का साफा-अंगरखा यहीं से लेकर गए थे. यह स्थान ऐतिहासिक महत्व रखता है.X
स्वामी विवेकानंद का ठहराव स्थल
राहुल मनोहर/सीकर- राजस्थान के सीकर शहर में स्थित ऐतिहासिक गढ़ केवल स्थापत्य कला का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह उस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी भी है जब स्वामी विवेकानंद करीब 134 साल पहले (1891) यहां ठहरे थे. शिकागो धर्म संसद में शामिल होने से पूर्व वे सीकर के तत्कालीन राजा राव राजा माधोसिंह के मेहमान बने थे. यही वह स्थान है जहां उन्हें खेतड़ी शैली का साफा, अंगरखा और ‘विवेकानंद’ नाम भेंट में मिला था.
गढ़ परिसर के बुर्ज में ठहरे थे स्वामी विवेकानंदस्वामी विवेकानंद को सीकर के गढ़ परिसर में स्थित माधव निवास कोठी के एक बुर्ज में ठहराया गया था. आज भी इस बुर्ज पर बड़े अक्षरों में उनका ठहराव स्थल अंकित है. यह स्थान सीकर शहर की एक ऐतिहासिक धरोहर के रूप में देखा जाता है, जो उनकी उपस्थिति का प्रमाण है.
सीकर के राजा के निमंत्रण पर आए थे स्वामी जीशिकागो यात्रा से पहले स्वामी विवेकानंद ने खेतड़ी, बाजोर, अलसीसर, भोपालगढ़ व पन्ना सागर तालाब का भ्रमण किया. इसके बाद वे राजा अजीत सिंह के साथ जीणमाता मंदिर पहुंचे, जहां सीकर के राजा राव राजा माधोसिंह ने उनका भव्य स्वागत किया. उनके आग्रह पर ही स्वामी जी सीकर आए और गढ़ परिसर के सिंह द्वार के पास स्थित बुर्ज में ठहरे.
गढ़ की सबसे ऊंची जगह बनी यादों की मिसालगढ़ परिसर की यह ऊंची जगह स्वामी विवेकानंद की सादगी, विचारधारा और ऐतिहासिक यात्रा की याद दिलाती है. राजा माधोसिंह ने न केवल उनका स्वागत किया, बल्कि कई घंटे संवाद भी किया और विदाई के समय उन्हें विशेष तोहफा भेंट किया. यह स्थान आज भी सीकर की जनता द्वारा सहेजा गया है, चाहे गढ़ निजी हाथों में क्यों न चला गया हो.
Location :
Sikar,Sikar,Rajasthan
First Published :
April 22, 2025, 14:10 IST
homerajasthan
शिकागो जाने से पहले यहां ठहरे थे स्वामी विवेकानंद, आज भी वही बुर्ज सुनाता है इ