Rajasthan

Syrup of Death : खांसी की दवा से तीन मौतें, मेडिकल जगत में हड़कंप | Dextromethorphan Cough Syurp causes death of three Kids In Delhi

दिल्ली में खांसी की दवा देने से तीन बच्चों की मौत और कई के बीमार होने की खबर इन दिनों पूरे मेडिकल जगत में हैरानी और हड़कंप का माहौल है। खांसी की दवा से मौत पर पूरे देश में यह पहला मामला है। डॉक्टरों का कहना है कि इसकी पूरी जाँच होना चाहिए। विशेषकर दवा कंपनी की। क्योंकि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।

जयपुर

Updated: December 21, 2021 03:08:26 pm

जयपुर। दिल्ली में डिस्ट्रोमेथोर्फन की घटक वाले एक कफ सीरप के साइड इफेक्ट की वजह से 16 बच्चे बीमार और 3 बच्चों की मौत से पूरे मेडिकल जगत में हड़कंप है। वहीं, गलत प्रेस्क्रिप्शन के चलते तीन बच्चों की मौत के बाद दिल्ली मोहल्ला क्लीनिक पर दिल्ली सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। दिल्ली स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि इस मामले में तीन डॉक्टरों को टर्मिनेट किया गया है और इस मामले की जांच डीएमसी करेगी।
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दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक की खांसी की दवा ने लीं तीन जान

इस मुद्दे को भाजपा ने राजनीति का हथियार बना लिया है और आप पार्टी के मुहल्ला क्लीनक पर सवाल उठाए हैं। वहीं ये मुद्दा #KejriwalKilledChildren हैशटैग के साथ twitter पर ट्रेंड भी कर रहा है।

डॉक्टर नहीं कंपनी पर करें कार्रवाई

बता दें कि इस मामले की जांच रिपोर्ट में डिस्ट्रोमेथोर्फन कफ सप्रेशंट सिरप का मामला सामने आया। जांच रिपोर्ट के बाद केंद्र सरकार के डायरेक्टर जनरल हेल्थ सर्विसेज (DGHS) ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि चार साल से कम उम्र के बच्चों के लिए डिस्ट्रोमेथोर्फन सिरप प्रिसक्राइब नहीं करें।
वहीं जयपुर के डॉक्टरों का कहना कि इस मामले में कार्रवाई डॉक्टर के बजाए कंपनी पर होना चाहिए। दवा कंपनी ओमेगा फार्मास्यूटिकल ने कैसे और क्या मिलाकर ये दवाई बनाई है। कहीं सस्ती दवा खरीदने के चक्कर में मोहल्ला क्लीनिक में कोई खराब गुणवत्ता की दवा तो नहीं आ गई। साथ ही अगर बच्चे चार साल से कम के हैं तो यह भी देखा जाना चाहिए कि उन्हें डिस्ट्रोमेथोर्फन के घटक वाली दवा उन्हें क्यों दी गई। इसके बावजूद यह नोट किया जाना चाहिए कफ सप्रेशंट सभी दवाओं में डिस्ट्रोमेथोर्फन होता है। लेकिन कफ सप्रेशंट डिस्ट्रोमेथोर्फन की दवा बच्चों के लिए नहीं होती है, उनके लिए कफ निकालने वाली या कफ पतला करने वाली दबा होती है।

बच्चों को न दें खांसी की दवा, पर दवा कंपनी की भी हो जॉंच
सभी खांसी की दवाओं में डिस्ट्रोमेथोर्फन होता है। इससे मौत होना हैरान करने वाला है। डॉक्टरों के बजाए दवा कंपनी की जांच होना चाहिए।
डॉ नरेंद्र रूंग्टा, वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ

ये देखना होगा कि चार साल से कम बच्चों की क्यों डिस्ट्रोमेथोर्फन के घटक वाली दवा दी गई। दवा डॉक्टर ने दी है या नर्स ने दी है। दवा की कितनी डोज दी गई है, ये सब जांच के विषय हैं। साथ ही दवा कंपनी के इस बैच की सभी सीरप की जांच होना चाहिए। डिस्ट्रोमेथोर्फन के साइड इफेक्ट देखे गए हैं, पर मौत कभी नहीं सुनी। डॉ. तरूण पाटनी, वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ व अध्यक्ष, जयपुर मेडिकल एसो.

चार साल से कम बच्चों के लिए डिस्ट्रोमेथोर्फन नहीं है। दिल्ली सरकार को यही बात कही गई है, जो कि हर डॉक्टर जानता है। कफ सप्रेशेंट के बजाए कफ एक्सपेटोरेंट या कफ डायलेटर दिया जाना था। छोटे बच्चों में कफ दबाने की दवा नहीं दी जाने चाहिए। लोकेंद्र शर्मा, सीनियर प्रोफेसर, एसएमएस

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