T-20 WC: रोहित-विराट के रहते टूटे भारत के सपने, टीम इंडिया हारी तो धोनी क्यों याद आए?

हाइलाइट्स
टी-20 वर्ल्ड कप टीम इंडियो को इंग्लैंड से मिली करारी हार
रोहित शर्मा, विराट कोहली जैसे खिलाड़ियों का नहीं चला जादू
टूटते सपनों के बीच सबको याद आ रहे महेंद्र सिंह धोनी
T20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में टीम इंडिया को इंग्लैंड के हाथों 10 विकेट से करारी हार मिली. यानी जहां करोड़ों क्रिकेट प्रेमी भारत-पाकिस्तान फाइनल की उम्मीद लगाए बैठे थे वहां टीम इंडिया की इस हार ने उनके सारे सपने तोड़ दिए. सपना तो रोहित शर्मा का भी टूटा, IPLके सबसे कामयाब कप्तान के पास T20 में वर्ल्ड चैंपियन बनने का सुनहरा मौका जो था. सपना तो विराट कोहली का भी टूटा, जो लंबे समय से अपने फॉर्म के साथ जूझ रहे थे मगर इस वर्ल्ड कप के पहले ही मैच में उन्होंने अपने बल्ले से भारत को यादगार जीत दिला दी, वो भी पाकिस्तान के खिलाफ.
सेमीफाइनल तक सब कुछ प्लान के मुताबिक ही चल रहा था लेकिन सेमीफाइनल में ऐसा क्या हो गया कि टीम इंडिया सिर्फ हारी ही नहीं बल्कि इंग्लैंड से 10 विकेट से हार गई. इस हार के बाद क्रिकेटर्स से लेकर क्रिकेट प्रेमियों तक को महेंद्र सिंह धोनी याद आए. वही धोनी जो ICC के तीनों टूर्नामेंट जीतने वाले दुनिया के इकलौते कप्तान हैं. यानी धोनी के अलावा अब तक दुनिया का कोई भी कप्तान वनडे, T20 वर्ल्ड कप के साथ ICC चैंपियंस ट्रॉफी नहीं जीत पाया.
साल 2007 से 2016 के बीच कप्तानी करते हुए धोनी ने वैसे तो टीम इंडिया को कई यादगार जीतें दिलाई लेकिन 2007 में T20 वर्ल्ड कप, 2011 में वनडे वर्ल्ड कप और 2013 में ICC चैंपियंस ट्रॉफी में टीम इंडिया को चैंपियन बनाकर ऐसा इतिहास रचा जिसे तोड़ पाना दुनिया के किसी भी कप्तान के लिए कभी भी आसान नहीं होगा. पूर्व क्रिकेटर और 2007, 2011 में वर्ल्ड चैंपियन भारत का हिस्सा रहे गौतम गंभीर बड़े ही बेबाकी से कहते हैं कि जो धोनी ने किया वो कोई और नहीं कर पाएगा.
”संभव है भविष्य में कोई बल्लेबाज रोहित शर्मा से ज्यादा दोहरा शतक और विराट कोहली से अधिक शतक बना ले लेकिन मुझे नहीं लगता कि भविष्य में कोई भी भारतीय कप्तान तीनों ICC ट्रॉफी हासिल कर पाएगा.”
इस तारीफ के कई मायने हैं क्योंकि हाल तक गौतम गंभीर धोनी की तारीफ इस कदर खुलकर नहीं करते थे. बल्कि अक्सर वो कहते थे कि कप्तान उतना ही बढ़िया होता है जितनी टीम. यानी अगर टीम बेहतर हो तो कप्तान का काम आसान हो जाता है. वही गौतम गंभीर विराट कोहली और अब रोहित शर्मा की कप्तानी देखकर ये कह रहे हैं कि धोनी जैसा कोई नहीं.
इस तारीफ के कई मायने हैं क्योंकि हाल तक गौतम गंभीर धोनी की तारीफ इस कदर खुलकर नहीं करते थे. बल्कि अक्सर वो कहते थे कि कप्तान उतना ही बढ़िया होता है जितनी टीम. यानी अगर टीम बेहतर हो तो कप्तान का काम आसान हो जाता है. वही गौतम गंभीर विराट कोहली और अब रोहित शर्मा की कप्तानी देखकर ये कह रहे हैं कि धोनी जैसा कोई नहीं.
फिर क्यों याद आए धोनी?
ऐसा भी नहीं कि धोनी के बाद कप्तान बने विराट कोहली या मौजूदा कप्तान रोहित शर्मा के पास अनुभव की कोई कमी रही है. विराट कोहली तो टेस्ट में टीम इंडिया के अब तक के सबसे सफल कप्तान हैं. विराट ने टेस्ट में ना सिर्फ धोनी से ज्यादा कप्तानी की है, बल्कि टीम इंडिया को सबसे ज्यादा जीत भी दिलाई है. वहीं रोहित शर्मा की गिनती तो T20 के सबसे सफल कप्तानों में होती है. रोहित के पास 5 IPL खिताब है वहीं धोनी के पास एक कम यानी 4 IPL ट्रॉफी. इसमें कोई शक नहीं कि धोनी कप्तानी का पैमाना काफी ऊंचा करने के बाद रिटायर हुए लेकिन उनकी कप्तानी छोड़ने के बाद टीम इंडिया के पास ICC ट्रॉफी जीतने के कई मौके थे.
2017 के ICC चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में टीम इंडिया पाकिस्तान से हार गई. तब टीम की कमान विराट कोहली के पास थी. 2019 में वनडे वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में भारत को न्यूजीलैंड के हाथों हार मिली. तब भी विराट की कप्तान थे. हालांकि इन दोनों मौकों पर धोनी भी टीम के साथ थे. उसके बाद 2021 के T20 वर्ल्ड कप में भारत खिताब का मजबूत दावेदार था लेकिन पाकिस्तान और न्यूजीलैंड से हारकर अंतिम 4 में भी नहीं पहुंच पाया. इस बार के T20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया सेमीफाइनल तक पहुंची. 19 साल बाद टीम इंडिया धोनी के बगैर ICC टूर्नामेंट का नॉक आउट मुकाबला खेल रही थी और उसमें उसे 10 विकेट से करारी हार का सामना करना पड़ा
क्यों धोनी जैसा कोई नहीं?
मैच जितना बड़ा होता था धोनी की कप्तानी भी उतनी ही शानदार होती थी. अब इसको समझने के लिए इन आंकड़ों पर नजर डालिए. धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ICC के तीनों टूर्नामेंट तो जीती है. इस दौरान टीम इंडिया T20 वर्ल्ड कप के फाइनल में दो बार पहुंची. 2007 में चैंपियन बनी टीम इंडिया 2104 के T20 वर्ल्ड कप के फाइनल में श्रीलंका से हार गई थी. 2011 में टीम को वनडे का वर्ल्ड चैंपियन बनाने वाले धोनी अगले वर्ल्ड कप यानी 2015 में भी टीम को सेमीफाइनल तक ले गए, जहां मेजबान ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हरा दिया और आखिरकार उस बार का विजेता भी ऑस्ट्रेलिया ही बना. टी 20 वर्ल्ड कप में धोनी की कप्तानी में भारत ने पाकिस्तान को 5 में से 5 बार परास्त किया.
दरअसल धोनी की कप्तानी तक भारत वर्ल्ड कप में पाकिस्तान से कभी हारा ही नहीं था लेकिन धोनी की कप्तानी छोड़े जाने के बाद भारत 2017 के ICC चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में हारा तब कप्तान विराट कोहली थे. उसके बाद 2021 के टी 20 वर्ल्ड कप में भी टीम इंडिया को पाकिस्तान के खिलाफ 10 विकेट से करारी हार मिली, जिसका नतीजा ये हुआ कि भारत आखिरी 4 की रेस से ही बाहर हो गया. इस बार के T20 वर्ल्ड कप में भी भारत अपना पहला मैच पाकिस्तान से हारते हारते ही जीता. यानी जिस ICC टूर्नामेंट में भारत का पलड़ा पाकिस्तान के खिलाफ हमेशा भारी रहा अब वो पाकिस्तान की तरफ झुकता जा रहा है.
ऐसा भी नहीं कि धोनी के बाद कप्तान बने विराट कोहली या मौजूदा कप्तान रोहित शर्मा के पास अनुभव की कोई कमी रही है. विराट कोहली तो टेस्ट में टीम इंडिया के अब तक के सबसे सफल कप्तान हैं. विराट ने टेस्ट में ना सिर्फ धोनी से ज्यादा कप्तानी की है, बल्कि टीम इंडिया को सबसे ज्यादा जीत भी दिलाई है. वहीं रोहित शर्मा की गिनती तो T20 के सबसे सफल कप्तानों में होती है. रोहित के पास 5 IPL खिताब है वहीं धोनी के पास एक कम यानी 4 IPL ट्रॉफी. इसमें कोई शक नहीं कि धोनी कप्तानी का पैमाना काफी ऊंचा करने के बाद रिटायर हुए लेकिन उनकी कप्तानी छोड़ने के बाद टीम इंडिया के पास ICC ट्रॉफी जीतने के कई मौके थे.
टीम इंडिया पर कप्तानी का संकट!
ये सच है कि धोनी अब टीम में वापस नहीं आएंगे लेकिन टीम इंडिया को बड़े टूर्नामेंट में कामयाबी चाहिए तो कप्तान को लेकर मंथन को करना पड़ेगा. क्योंकि पहले विराट कोहली की कप्तानी में जिस तरह टीम में बिखराव दिखा वैसा ही कुछ अब रोहित शर्मा की कप्तानी में टीम में देखने को आ रहा है. सवाल टीम इंडिया की हार का नहीं है लेकिन T20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में 10 विकेट से हार इस बात की ओर इशारा कर रही है कि इस टीम को फिर से खड़ा करने की जरूरत है और ये तभी संभव है जब टीम की कमजोर कड़ियों को जोड़ने के साथ ही फॉर्मेट के हिसाब से सही खिलाड़ियों का सेलेक्शन हो. रोहित की कप्तानी को लेकर बेशक सवाल हों लेकिन कम से कम अगले साल होने वाले वनडे वर्ल्ड कप तक उन्हें मौका मिलेगा.
टीम सेलेक्शन में बड़ा कन्फयूजन
अब अगर टीम के नंबर 1 तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह का विकल्प करियर के ढलान पर खड़े मोहम्मद शमी हैं तो ये टीम इंडिया के लिए चिंता का विषय है. इस वर्ल्ड कप में सलामी जोड़ी भी टीम की हार की बड़ी वजह रही है. रोहित शर्मा और केएल राहुल की जोड़ी टीम की सबसे कमजोर कड़ी साबित हुई. विराट कोहली और सूर्यकुमार यादव के अलावा हार्दिक पांड्या का बल्ला तो चला लेकिन टीम इंडिया शुरूआती ओवर में बेहद दबाव में खेलती नजर आई. T20 में संजू सैमसन जैसे खिलाड़ियों की ओर देखने की जरूरत है, वहीं गेंदबाजी को लेकर भी टीम मैनेजमेंट को लंबा रोडमैप बनाना होगा. अगले साल भारत वनडे वर्ल्ड कप की मेजबानी करेगा और उससे पहले टीम को लेकर हर तरह के कन्फ्यूजन को दूर करने के लिए ज्यादा वक्त भी नहीं है.
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Tags: Cricket, Mahendra Singh Dhoni
FIRST PUBLISHED : November 11, 2022, 20:16 IST