धौलपुर: 50 साल पुरानी कचौड़ी का स्वाद, शहरभर से उमड़ती है भीड़, जैन मंदिर के पास लगता है ठेला

धौलपुर: शहर के बीचोंबीच जैन मंदिर के पास 50 साल से एक ही स्थान पर लगने वाले कचौड़ी के ठेले पर लोगों की भीड़ आज भी बरकरार है. यहां बनने वाली छोटी कचौड़ी का स्वाद लेने के लिए शहर के विभिन्न इलाकों से कचौड़ी प्रेमी दूर-दूर से आते हैं. इस छोटी कचौड़ी के अनोखे स्वाद ने इसे धौलपुर का खास व्यंजन बना दिया है.
पिता की विरासत को आगे बढ़ा रहे सोनू जैनकचौड़ी का ठेला लगाने वाले सोनू जैन, जो निहालगंज थाने के पास धूलकोट रोड के निवासी हैं, उन्होंने Local 18 को बताया कि करीब 50 साल पहले उनके पिता पातीराम जैन ने इसी स्थान पर छोटी कचौड़ी का ठेला लगाना शुरू किया था. पिता की विरासत को आगे बढ़ाते हुए सोनू ने भी छोटी कचौड़ी और समोसा बनाना शुरू किया. सोनू के मुताबिक, उनकी कचौड़ी की खासियत यह है कि इसे सरसों के तेल में बनाया जाता है और हरी चटनी व मीठी चटनी के साथ परोसा जाता है.
सुबह से दोपहर तक रहती है ठेले पर भीड़सोनू का ठेला सुबह से दोपहर 12 बजे तक ही लगता है, लेकिन इस दौरान सैकड़ों की संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं. कई ग्राहक अपने घर के लिए भी कचौड़ी पैक कराकर ले जाते हैं.
ग्राहकों की जुबानी: ‘एक बार खाओ, बार-बार आओ’कचौड़ी खाने आए ग्राहकों, हेमंत और अनिल ने Local 18 को बताया कि यह ठेला वर्षों से इसी स्थान पर लगाया जा रहा है. वे भी लंबे समय से यहां कचौड़ी खाने आते हैं. उन्होंने बताया कि इस कचौड़ी का स्वाद इतना खास है कि जो एक बार खा लेता है, वह बार-बार यहां आने को मजबूर हो जाता है.
धौलपुर की खास पहचान बना ठेलाशहर के लोग अपने मेहमानों को इस ठेले पर लाकर कचौड़ी खिलाते हैं या उनके लिए इसे पैक कराकर घर ले जाते हैं. यह कचौड़ी न सिर्फ स्थानीय लोगों बल्कि मेहमानों के बीच भी बेहद लोकप्रिय है. यही वजह है कि 50 साल बाद भी इस ठेले पर ग्राहकों की भीड़ कभी कम नहीं होती.
Tags: Local18, Rajasthan news
FIRST PUBLISHED : December 9, 2024, 20:49 IST