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बेकार नहीं बेहद कीमती हैं ये फूल, इनसे बनती है 8000 रुपए किलो बिकने वाली चाय

Last Updated:July 31, 2024, 03:37 IST

New Brands of Tea : भागलपुर के रहने वाले मनीष सिंह अपराजिता के फूल से ब्लू टी और गुड़हल के फूल से रेड टी बना रहे हैं. यह फूल चाय पत्ती की तरह ही उपयोग होता है. जैसे आप ग्रीन टी पीते हैं ठीक उसी तरह ब्लू टी और रेड टी बनाकर पी सकते हैं. मनीष सिंह बताते हैं हमारे आसपास कई ऐसी चीज हैं जिसे हम बेकार की वस्तु समझते हैं. लेकिन ये काम की होती हैं.
चाय

आमतौर पर आपने अपराजिता का फूल देखा भी होगा और भगवान को अर्पित भी किया होगा. लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि इस फूल से लोग लाखों रुपए कमा सकते हैं. यह सिर्फ फूल ही नहीं बल्कि औषधि का भी काम करता है. मूड फ्रेश करने के लिए जिस चाय पत्ती का हम प्रयोग करते हैं उसमें अपराजिता का फूल भी है. यह हमारे मन के साथ-साथ हमारे स्वास्थ्य को भी ताजा रखने रखता है.

चाय

भागलपुर के रहने वाले मनीष सिंह अपराजिता के फूल से ब्लू टी और गुड़हल के फूल से रेड टी बना रहे हैं. यह फूल चाय पत्ती की तरह ही उपयोग होता है. जैसे आप ग्रीन टी पीते हैं ठीक उसी तरह ब्लू टी और रेड टी बनाकर पी सकते हैं. मनीष सिंह बताते हैं हमारे आसपास कई ऐसी चीज हैं जिसे हम बेकार की वस्तु समझते हैं. लेकिन ये काम की होती हैं.

चाय

मनीष बताते हैं हम कई नेशनल और इंटरनेशनल सेमिनार में गए. वहां देखा ब्लू टी और रेड टी की काफी डिमांड है. पहले समझ नहीं आया कि यह ब्लू टी और रेड टी क्या होता है. जब हमने इस पर रिसर्च शुरू की तो पता चला हमारे घर के साथ-साथ जंगल में उगने वाले अपराजिता के फूल से ब्लू टी बनायी जाती है. इसी तरह मां दुर्गा को अर्पित होने वाला गुलहड़ या अड़हुल के फूल से रेड टी बनती है. तभी मन में आइडिया आया कि हमारे आसपास तो यह ऐसे ही उगता है. अगर हम इसकी खेती कर विदेश में सप्लाई करें तो मुनाफा कमाया जा सकता है.

चाय

चाय की इस किस्म की कीमत भी अच्छी खासी मिलती है. ब्लू टी की कीमत बाजार में ₹8000 किलो से भी अधिक है. आसानी से यह फूल कहीं भी उगाया जा सकता है. इसमें किसी प्रकार की लागत नहीं आती. लेकिन उपज भरपूर होती है. मनीष ने जर्दालू और कतरनी एग्रो फार्मर के नाम से कंपनी बना ली हैं और चाय को विदेश एक्सपोर्ट कर रहे हैं. रेड और ब्लू टी की मांग थाईलैंड इंग्लैंड जैसे देशों में काफी अत्यधिक है.

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मनीष के मुताबिक अभी बेंगलुरु की दो कंपनी ने इसके सैंपल लिए हैं. जल्द ही इसका ऑर्डर भी बल्क में मिलने वाला है. इसकी तैयारी शुरू हो गई है. बड़े पैमाने पर यहां पर ब्लू टी और रेड टी का उत्पादन किया जाएगा. इससे किसानों की आय के साथ-साथ यहां के भी लोग हेल्थ के प्रति जागरूक होंगे.

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