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पाली. पाली जिले में आने वाले कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य सरहद से गुजर रहे रणकपुर जैन मंदिर वाले रास्ते पर अक्सर आप वन्यजीवों को देख सकते हैं. इन दिनों यहां पर मादा चीता के साथ छोटा सा शावक नजर आया है. इसके बाद से वन विभाग ने लोगों को सावधानी और सजगता बरतने की सलाह दी है. यहां पर मादा चीता और उसके शावक के अलावा सफारी वनपथ पर भालू भी अठखेलियां करता नजर आया. रणकपुर मार्ग से गुजरने वाले ग्रामीणों, वाहन चालकों को वन विभाग द्वारा चेतावनी दी गई है कि सजगता और सावधानी बरतें. यहां यह डर भी बना रहता है कि कहीं मादा चीता किसी पर हमला नहीं कर दे.
आसानी से दिख जाते हैं जानवर कुंभलगढ़ अभयारण्य सरहद में रणकपुर, शक्तिमाता, सूर्यमन्दिर, मालगढ़, सेवटा बेरा, सेजिया महादेव, रणकपुर सादडी बांध, मोडिया मगरी, खूणी बावड़ी व नलवानिया बांध क्षेत्र हैं. यहां शाकाहारी, मांसाहारी, पक्षी वर्ग व रेप्टाइल्स वन्यजीवों की बहुतायत है. यहां वन विभाग के मुछाला महावीर-राणकपुर वनपथ, सेवटा बेरा-बीजापुर वनपथ, तीर्थंकर नेचर ट्रेल, मोडिया एनक्लोजर एव ट्रांसलोकेशन सेंटर जैसे वनपथ हैं. जिनमें इन वन्यजीवों को आसानी से देखा जा सकता है. वनपथ पर भालू, हाइना व पैंथर दिख जाते हैं.
चीता ने तीन बकरियों का किया था शिकारवन विभाग द्वारा लोगों को सजगता बरतने के पीछे की बात कहें तो यहां पर चीता ने पिछले दिनों 3 बकरियों का शिकार किया था. रमेश माली और किसान ने रणकपुर मुय मार्ग पर रात के समय चीता और उसके शावक को देखा था. किसान ने अपने मोबाइल से शावक का फोटो भी लिया है. कुंभलगढ़ वनपथ सफारी के दौरान एक सैलानी ने भालू की अठखेलियों को मोबाइल में कैद किया. इन्हीं वजहों से फिलहाल वन विभाग द्वारा सजग रहने की बात कही है.
वन विभाग की आमजन को सलाहसादड़ी रेंज क्षेत्रीय वन अधिकारी रामचन्द्र सिंह राठौड़ की मानें तो चीता शर्मीला वन्यजीव है. वह स्वयं असुरक्षित महसूस करने पर जल्द राह पार कर जाता है. सावधानी व सजगता रखें. सड़क पार करते देख दूर रुक जाएं. वन्यजीव गुजरने के बाद सावधानी बरतते हुए रास्ता पार करें.
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FIRST PUBLISHED : November 4, 2024, 19:10 IST