एक ऐसा गांव जहां रात में नहीं ठहरते सुनार, 200 साल नहीं बना 2 मंजिला मकान, आइए जानते हैं क्या है इसका रहस्य

Last Updated:April 05, 2025, 09:45 IST
जोधपुर के डोली गांव में 200 साल पुरानी मान्यताओं का पालन आज भी होता है. यहां दो मंजिला मकान नहीं बनते हैं. यहां सुनार रात में नहीं रुकते और तेल की घाणी नहीं लगती है.X
डोली गांव में लोग ना तो दो मंजिला का मकान बनाते हैं
हाइलाइट्स
जोधपुर के डोली गांव में 200 साल पुरानी मान्यताओं का पालन होता है.गांव में दो मंजिला मकान नहीं बनते और सुनार रात में नहीं रुकते.मान्यता है कि ऐसा करने से गांव में कोई संकट नहीं आता.
जोधुपर. दुनिया विज्ञान के क्षेत्र में कितनी आगे बढ़ गई है, लेकिन जोधपुर का एक ऐसा गांव है जहां 200 साल पहले बैरागी हरिराम महाराज के द्वारा कहे गए वचनों की पालना आज भी हो रही है. जोधपुर से करीब 20 किलोमीटर दूर जोधपुर बाड़मेर हाईवे के नजदीक डोली गांव में लोग ना तो दो मंजिला मकान बनाते हैं, ना ही सोनार का कार्य करने वाले सुनार रात को गांव में रुकते हैं और ना ही इस गांव में तेल की कोई घाणी लगती है.
इसके अलावा अगर कहीं किसी के मकान में आग लग जाती है तो वे आग आगे नहीं फैलती है. बताया जाता है कि राजा महाराजाओं के समय कविराज मुरारी लाल जी चारण, जोकि यहां के राजा के द्वारा ख्याति प्राप्त थे, उन्हें जोधपुर राजा द्वारा 12 गांव दिए हुए थे. इनमें यह डॉली गांव भी शामिल था. कवि मुरारी लाल ने बैरागी महाराज से गांव में करणी माता का मंदिर बनाए जाने की बात कही.
क्या है इस मान्यता के पीछे की वजह ग्रामीणों ने बताया कि आज से 200 साल पहले इस गांव में हरिराम बैरागी महाराज तपस्या किया करते थे. उन्होंने अपनी तपस्या स्थल के समय एक सूखी लकड़ी की डंडी को लगाया था जो खेजड़ी के वृक्ष के तौर पर आज भी गांव में मौजूद है. उन्होंने ही ग्रामीणों को गांव के चारों तरफ कच्चे दूध और सूखे नारियल की ज्योत के साथ गोल घेरा बनाकर आरती करने की सलाह दी थी. मान्यता है कि ऐसा करने की वजह से ही गांव में कोई संकट नहीं आया. कोरोना महामारी के समय में भी इस गांव में कोई आपदा नहीं हुई थी. उस समय संत ने जिस जगह पर लकड़ी का डंडा रोपा था, वहां पर खेजड़ी का एक बड़ा वृक्ष हो गया. पूरे गांव में संत के प्रति आस्था की वजह से कोई भी व्यक्ति दो मंजिल का मकान नहीं बनाता है.
दो मंजिला मकान बनाए पर आ गई आफतइसके बाद गांव में केवल एक मंजिल ही मकान बनता है. कहा जाता है कि कुछ लोगों ने पौराणिक मान्यताओं को ना मानकर गांव में दो मंजिला मकान बनाए. लेकिन वे उस घर में रह नहीं पाए. किसी को अलग-अलग आवाज सुनाई देने लगीं, तो किसी के परिवार में अकाल मृत्यु होने लगी. कहीं किसी के परिवार में सभी बीमारी से ग्रसित हो गए.
Location :
Jodhpur,Jodhpur,Rajasthan
First Published :
April 05, 2025, 09:45 IST
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एक ऐसा गांव जहां रात में नहीं ठहरते सुनार, आज तक नहीं बना 2 मंजिला मकान