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social media: सोशल मीडिया की तरक्की के लिए क्या है जरूरी | Year 2022: What is necessary for the growth of social media

तेजी से विकसित होते डिजिटल परिदृश्य ( digital landscape ) में सोशल मीडिया ( social media ) हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। ग्लोबल वेब इंडेक्स के अनुमान के मुताबिक सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर भारत के लोग रोजाना तकरीबन 2.36 घंटे बिताते हैं, जिसमें कंटेंट बनाने और इस्तेमाल करने के साथ ही सोशल कॉमर्स ( social commerce ) के माध्यम से लेन-देन भी शामिल होता है।

जयपुर

Published: December 30, 2021 11:28:31 am

तेजी से विकसित होते डिजिटल परिदृश्य में सोशल मीडिया हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। ग्लोबल वेब इंडेक्स के अनुमान के मुताबिकसोशल नेटवर्किंग साइट्स पर भारत के लोग रोजाना तकरीबन 2.36 घंटे बिताते हैं, जिसमें कंटेंट बनाने और इस्तेमाल करने के साथ ही सोशल कॉमर्स के माध्यम से लेन-देन भी शामिल होता है। अब जैसे-जैसे हम नए वर्ष 2022 की दहलीज पर खड़े हैं, तो प्रमुख सोशल मीडिया रुझानों पर करीब से नजर डालना भी जरूरी हो जाता है।

social media: सोशल मीडिया की तरक्की के लिए क्या है जरूरी

social media: सोशल मीडिया की तरक्की के लिए क्या है जरूरी

हर यूजर के लिए पर्सनलाइजेशन
दरअसल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भारी मात्रा में कंटेंट पैदा करते हैं। यूजर्स के व्यवहार और विशेषताओं के आधार पर प्रत्येक यूजर के लिए अनोखा, व्यक्तिगत अनुभव तैयार करने के लिए इस कंटेंट को अलग करने की जरूरत होती है। हर यूजर जानना चाहता है कि उसके लिए वहां पर क्या विशिष्ट है। वैयक्तिकरण यानी पर्सनलाइजेशन, यूजर को व्यस्त और जुड़ा रखता है, क्योंकि उसे वहीं मिलता है, जो वह चाहता है और उसे कंटेंट की अधिकता भी महसूस नहीं होती। विशेषरूप से व्यक्तिगत सामग्री (पर्सनलाइज्ड कंटेंट) के साथ यूजर के एक प्लेटफॉर्म से जुडऩे की संभावना ज्यादा होती है और यूजर उसी मंच पर ही ज्यादा समय लगाते हैं। यह एक प्लेटफॉर्म पर एक यूजर को लगातार जोड़े रखने में मदद करता है। कू एप के चीफ टेक्निकल ऑफिसर फणीश गुरुराज का कहना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) तकनीक का लाभ उठाकर, प्लेटफॉर्म एक कोर इंटेलिजेंस लेयर का निर्माण कर सकते हैं, जो खेल, राजनीति, मनोरंजन आदि जैसी कुछ व्यापक श्रेणियों में कंटेंट छांटने के लिए पोस्ट की पहचान और वर्गीकरण करता है। यह छंटाई एल्गोरिदम को सही पोस्ट चुनने और उन्हें सही यूजर्स के सामने प्रदर्शित करने में सक्षम बनाती है। रीयल-टाइम में फीड के पर्सनलाइजेशन से यूजर्स द्वारा प्लेटफॉर्म पर बिताए जाने वाले समय में बढ़ोतरी हो सकती है और जुड़ाव भी बढ़ सकता है।

लाइव स्ट्रीमिंग
कुछ समय से नेटवर्किंग साइटों पर लाइव-स्ट्रीमिंग हो रही है और भविष्य में और अधिक मजबूत होती रहेगी। इसके कई लाभ हैं क्योंकि यह कंटेंट क्रिएटर्स और ब्रांडों को व्यक्तिगत स्तर पर अपने वांछित दर्शकों से जुडऩे, एक मजबूत तालमेल बनाने और अधिक करीबी से जुडऩे की अनुमति देता है। लाइव-स्ट्रीमिंग प्रसारण को एक वार्तालाप में बदल देती है, जिससे क्रिएटर को रीयल-टाइम में यूजर फीडबैक हासिल करने की अनुमति मिलती है। यह सब फॉलोअर्स को बढ़ाता है और कंटेंट के क्रिएटर और उपभोक्ता के बीच अधिक विश्वास पैदा करता है।

बहुभाषी दृष्टिकोण
भारत में तकरीबन 45 करोड़ सोशल मीडिया यूजर्स हैं। जैसे-जैसे अगले कुछ वर्षों में इंटरनेट की पहुंच बढ़कर 90 करोड़ तक पहुंच जाएगी, सोशल मीडिया यूजर्स की संख्या में भी समानांतर बढ़ोतरी देखी जाएगी, लेकिन ऐसे देश में जहां 90 प्रतिशत से अधिक लोग अंग्रेजी के अलावा किसी अन्य भाषा में बातचीत करते हैं, भारतीय भाषाओं में ऑनलाइन अभिव्यक्ति को सक्षम करने की ज़रूरत काफी महत्व रखती है। डिजिटल रूप से व्यक्त करने, कनेक्ट करने और जुड़े रहने की जरूरत हम में से प्रत्येक में निहित है, लेकिन वैश्विक तकनीकी प्लेटफार्मों के अंग्रेजी-केंद्रित दृष्टिकोण ने गैर-अंग्रेजी बोलने वालों को इंटरनेट के मूल अनुभवों से दूर रखा है। आगे जाकर डिजिटल दुनिया में भाषा कोई बाधा नहीं बनेगी। भाषा प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियां यानी लैंग्वेज प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी मूल संदेश से जुड़े भाव को बनाए रखते हुए कई भारतीय भाषाओं में एक संदेश के रीयल-टाइम अनुवाद को सक्षम बनाती हैं। ये तकनीक प्रत्येक भाषा की बारीकियों को समझती हैं और एक क्रिएटर को अपनी भाषा में संदेश देने में सक्षम बनाती हैं, जबकि कंटेंट के उपभोक्ता को अपनी मातृभाषा में इसका उपभोग करने की अनुमति देती है। इस तरह की तकनीक वास्तव में यूजर्स की संतुष्टि को बढ़ाती है और उनको प्लेटफॉर्म पर अधिक समय बिताने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। आगे बढऩे के साथ ये बेहतरीन तकनीक और विशेषताएं नए साल में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाएंगी।

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