जब ट्रैक पर खड़े लोग देख रहे थे मेला, पटाखों के शोर में नहीं सुना हॉर्न, सैकड़ों को रौंदते हुए निकल गयी ट्रेन, चारों तरफ फैली लाशें

Last Updated:October 19, 2025, 08:20 IST
Amritsar Train Accident- अमृतसर में लोग ट्रैक पर खड़े होकर मेला देख रहे थे. आतिशबाजी के शोर में उन्हें ट्रैक पर आती ट्रेन का हॉर्न सुनाई नहीं दिया और वो रौंदते हुए आगे निकल गयी. इसमें 61 लोग मारे गए थे.लोगाें को पटाखों के शोर में नहीं सुनाई दिया ट्रेन का हॉर्न.
नई दिल्ली. ट्रैक पर खड़े सैकड़ों लोग मेला देख रहे थे. इस भीड़ में बच्चे, बड़े, बूढ़े और महिलाएं सभी शामिल थीं. उसी समय जोरदार आतिशबाजी चल रही थी. लोग आसमान में जाते स्काईशॉट से लेकर रंग बिरंगे पटाखों का आनंद ले रहे थे. इस आतिशबाजी में लोग इतने खो गए कि उन्हें ट्रैक पर आती ट्रेन की न तो रोशनी दिखाई दी और न हीं उसका हॉर्न सुनाई दिया. इस बीच ट्रेन सैंकड़ों लोगों को रौंदते हुए निकल गयी. अचानक खुशियां मातम में बदल गयी और चारों तरफ चीख पुकार मच गयी. इस हादसे 60 से ज्यादा मारे गए और 200 से ज्यादा घायल हुए. मामला 19 अक्तूबर यानी आज ही के दिन 2018 में पंजाब के अमृतसर शहर का है.
अमृतसर के जोड़ा फाटक के पास धोबी घाट के मैदान में दशहरा उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा था. रावण के पुतला दहन के लिए आसपास हजारों की भीड़ जुटी थी. बच्चे, युवा, बुजुर्ग और महिलाएं इंतजार कर रही थीं. पास से गुजर रहे रेलवे ट्रैक पर सैंकड़ों की संख्या में लोग जुटे थे. शाम करीब सात बजे पुतला दहन के साथ जोरदार आतिशबाजी शुरू हो गयी थी. सभी आतिशबाजी का आनंद ले रहे थे.
ट्रैक पर लोग खड़े, उसी में आ गयी ट्रेन
उसी दौरान जालंधर से अमृतसर आ रही डीएमयू पैसेंजर ट्रेन (ट्रेन नंबर 54601) जोड़ा फाटक के पास पहुंची. ट्रेन की स्पीड 82 किलोमीटर प्रतिघंटा थी. ड्राइवर को ग्रीन सिग्लन मिला, इसलिए उसी स्पीड से चलता रहा. आगे कर्व था. इसलिए ट्रैक पर खड़ी भीड़ पहले नहीं दिखी. जैसे ही लोको पायलट ने कर्व पार किया. अचानक 250 मीटर दूर ट्रैक पर भारी भीड़ दिखी. इनमें कुछ लोग रावण दहन का वीडियो बना रहे थे, कुछ फोटो खींच रहे थे तो कुछ सेल्फी ले रहे थे.
61 लोगों की हुई थी मौत
ये देखते ही लोको पायलट के हाथ पैर फूल गए. वो लगातार हार्न बजाता रहा. लेकिन पटाखों की शोर की वजह से हार्न की आवाज लोगों को सुनाई नहीं दे रही थी. इतना ही नहीं रोशन की वजह से इंजन की लाइट भी नहीं दिखाई दी. अचानक इमरजेंसी ब्रेक लगाने से ट्रेन के पटरी से उतरने का खतरा था, इसलिए उसने धीरे-धीरे करके ब्रेक लगाने की कोशिश की. पर ट्रेन नहीं रुकी और भीड़ को रौंदते हुए आगे निकल गयी. लोग जब तक कुछ समझ पाते. घायलों को अस्पताल ले जाते. पीछे से दूसरी ट्रेन, अमृतसर-हावड़ा मेल (ट्रेन नंबर 13005), आग गयी. वो भी घायलों को कुचलती निकल गयी. चारों तरफ कोहराम मच गया. लोग अपनों को पुकार पुकार ढूंढ़ रहे थे. कुछ लोग मोबाइल की टार्च से तलाश रहे थे. सूचना मिलते ही रेलवे और स्थानीय एजेंसियां मौके पर पहुंची और राहत का काम शुरू हुआ. इस घटना में कुल 61 लोगों की मौत हुई थी और 200 से अधिक घायल हुए थे.
हादसे का कारण आयोजकों की लापरवाही
दशहरा समिति (ईस्ट) ने बिना किसी सरकारी अनुमति के यह कार्यक्रम ट्रैक के बिल्कुल पास आयोजित किया था. सुरक्षा के लिए ट्रैक पर कोई बैरीकेड नहीं था. चीफ कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी (सीसीआरएस) ने ‘नेग्लिजेंस’ और ‘ट्रेसपासिंग’ को घटना का कारण बताया. वहीं जालंधर डिविजनल कमिश्नर की मजिस्ट्रियल जांच ने आयोजकों, रेलवे स्टाफ और प्रशासन दोषी ठहराया. रिपोर्ट में कहा गया कि गेटमैन ने भीड़ की सूचना नहीं दी.
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Amritsar,Amritsar,Punjab
First Published :
October 19, 2025, 06:00 IST
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ट्रैक पर खड़े देख रहे थे मेला, पटाखों का शोर, लोगों को रौंदते निकल गई थी ट्रेन