कववल
- Rajasthan
यहां हिंदू-मुस्लिम एक जगह टेकते हैं माथा, दिन में कव्वाली रात में होता है भजन
गंगा जमुनी तहजीब को दर्शाती यहां मही पीर की दरगाह और अणमानाथ जी का थान जो हिंदू-मुस्लिम एकता का परिचय…
Read More » Colors of folk music from ‘Kesariya Balam Aavo Ni Padharo Mhare Desh’ | ‘केसरिया बालम आवो नी पधारो म्हारे देस’ से जमा लोक संगीत का रंग और उसके बाद सजी कव्वाली की महफिल
जयपुरPublished: Jan 21, 2023 07:05:23 pm आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय, कनोड़िया पीजी…
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