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Indian Army NDA Story: पिता नायब सूबेदार, बेटी ने NDA में लहराया परचम, देश सेवा की विरासत रखी बरकरार

Last Updated:April 18, 2025, 17:14 IST

Indian Army NDA Story: जिसके इरादे मजबूत हों, उसके लिए पहाड़ जैसी मुश्किलें भी रास्ता रोक नहीं पातीं हैं. इस वाक्य को एक लड़की ने सही साबित कर दिखाया है. उन्होंने UPSC NDA की परीक्षा में 58वीं रैंक हासिल की हैं…और पढ़ेंपिता नायब सूबेदार, बेटी ने NDA में लहराया परचम, देश सेवा की विरासत रखी बरकरार

Indian Army NDA Story: UPSC NDA की परीक्षा में हासिल की 58वीं रैंक

हाइलाइट्स

भूमिका अधिकारी ने NDA परीक्षा में 58वीं रैंक हासिल की.वह आर्मी पब्लिक स्कूल रानीखेत की छात्रा रही हैं.उनके पिता कुमाऊं रेजिमेंट में नायब सूबेदार हैं.

Indian Army NDA Story: अगर आप अनुशासन, रेगुलर प्रैक्टिस और सेल्फ कॉन्फिडेंस के साथ कोई काम करते हैं, तो उसे पूरा होने से कोई नहीं रोक सकता है. ऐसे ही उत्तराखंड के युवा कठिन परिस्थितियों को मात देकर शिक्षा, सेना और सिविल सेवा जैसे क्षेत्रों में लगातार सफलता के झंडे गाड़ रहे हैं. इन्हीं में से एक नाम है भूमिका अधिकारी की, जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन के बल पर नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) की प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता हासिल की हैं. हम जिनकी बात कर रहे हैं, उनका नाम भूमिका अधिकारी है.

NDA परीक्षा में ऑल इंडिया 58वीं रैंकUPSC NDA की परीक्षा में 58वीं रैंक हासिल करने वाली भूमिका अधिकारी (NDA Bhumika Adhikari) उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के रानीखेत क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं. उनकी यह सफलता केवल अपने माता-पिता ही नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र का मान बढ़ाया है. यह उपलब्धि विशेष इसलिए भी है क्योंकि NDA में प्रवेश पाना विशेषकर बेटियों के लिए बहुत ही कठिन होता है.

आर्मी पब्लिक स्कूल की रही होनहार छात्राभूमिका अधिकारी आर्मी पब्लिक स्कूल रानीखेत की मेधावी छात्रा रही हैं. पढ़ाई में अच्छे होने के साथ-साथ उन्होंने NCC कैडेट के रूप में भी बेहतरीन परफॉर्म किया है. लीडरशिप क्षमता, अनुशासन और देशभक्ति की भावना उनमें बचपन से ही स्पष्ट रूप से दिखाई देती रही है. वह एक मिलिट्री फैमिली से ताल्लुक रखती हैं. उनके पिता गुमान सिंह अधिकारी, कुमाऊं रेजिमेंट सेंटर रानीखेत में कुमाऊं स्काउट्स यूनिट में नायब सूबेदार के पद पर कार्यरत हैं. उनकी माता विमला अधिकारी एक गृहिणी हैं.

मां-बाप से मिली प्रेरणाभूमिका के माता-पिता उन्हें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है. उनकी सफलता का मूलमंत्र अनुशासन, निरंतर अभ्यास और आत्मविश्वास रहा है. उन्होंने यह साबित कर दिया कि अगर मन में लगन हो तो पहाड़ जैसे हालात भी सफलता की राह में बाधा नहीं बन सकते.

ये भी पढ़ें…65000 रुपये महीना और न कोई लिखित परीक्षा, SBI की इस वैकेंसी को न करें मिसNEET में चौथी रैंक, कोचिंग नहीं, खुद की लगन ने दिलाया मुकाम, AIIMS की दहलीज़ तक पहुंची सफलता की गूंज

First Published :

April 18, 2025, 17:14 IST

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