Rajasthan

Fireworks Side Effects: फिजां में घुल गया बारूद, 3-4 दिन तक बिगड़े रहेंगे हालात, एडवाइजरी का करें पालन

जयपुर. राजस्थान में दिवाली के अगले दिन सुबह 7 बजे तक लिए गए वायु गुणवत्ता के आंकड़े बताते हैं कि उत्सव की रात ने पूरे राज्य की हवा जहरीली कर दी. भिवाड़ी, कोटा, धौलपुर, जोधपुर और झुंझुनूं जैसे औद्योगिक व घनी आबादी वाले शहरों में प्रदूषण का स्तर चिंताजनक रहा. प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अनुसार, भिवाड़ी का AQI 332 दर्ज हुआ, जो गंभीर श्रेणी (Severe) में आता है. इसके बाद कोटा (279), तीसरे पर राजधानी जयपुर (268) धौलपुर (259), जोधपुर (257) और झुंझुनूं (256) जैसे शहर बहुत खराब (Very Poor) श्रेणी में रहे.

कुल 23 प्रमुख शहरों के आंकड़ों में से 22 शहरों में AQI 200 से अधिक पाया गया, यानी लगभग पूरा राजस्थान प्रदूषण के संकट में रहा. केवल AQI 100 से नीचे का कोई भी शहर नहीं रहा.  यह दर्शाता है कि आतिशबाजी और ठंडी, स्थिर हवाओं ने मिलकर राज्य की हवा को स्थिर और दूषित बना दिया. उदयपुर 226, बीकानेर 236, पाली 217, करौली 221, अजमेर 222 और टोंक 235 जैसे शहर भी इस सूची में शामिल हैं, जहां वायु गुणवत्ता बहुत खराब रही. छोटे शहरों जैसे दौसा 205, डूंगरपुर 204 और भरतपुर 214 की स्थिति भी खराब दर्ज की गई.

जारी किया गया ये हेल्थ एडवााइजरी

राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल और मौसम विभाग ने संयुक्त रूप से स्वास्थ्य एडवाइजरी जारी की है. इसमें बुजुर्गों, बच्चों, और सांस से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित लोगों को बाहरी गतिविधियों से बचने की सलाह दी गई है. अधिकारियों का कहना है कि हवा की रफ्तार कम होने से प्रदूषक तत्व ऊपर नहीं उठ पा रहे हैं, जिससे स्थिति अगले तीन से चार दिनों तक बनी रह सकती है. आने वाले तीन चार दिनों में उत्तर-पश्चिमी हवाएं सक्रिय होने पर हवा की गुणवत्ता में सुधार होगा. जैसे ही हवा की गति बढ़ेगी, प्रदूषण के कण बिखर जाएंगे और AQI सामान्य स्तर की ओर लौटेगा.

आतिशबाजी ने प्रदूषण को संकट स्तर तक पहुंचा दिया

राजस्थान में लगातार बढ़ते शहरीकरण, वाहनों की संख्या और औद्योगिक धुएं के साथ आतिशबाजी ने प्रदूषण को और बढ़ा दिया है. भिवाड़ी, कोटा और जोधपुर जैसे औद्योगिक शहर पहले से ही उच्च AQI श्रेणी में आते हैं, ऐसे में दिवाली की रात हुई आतिशबाजी ने प्रदूषण को “संकट स्तर” तक पहुंचा दिया. यदि यही स्थिति जारी रही तो आने वाले महीनों में ठंड के साथ स्मॉग (धुएं और धुंध का मिश्रण) की समस्या बढ़ेगी. राज्य में स्थायी समाधान के लिए आतिशबाजी पर नियंत्रण, उद्योगों में उत्सर्जन मानक सख्ती से लागू करने और ग्रीन पटाखों के प्रोत्साहन की जरूरत है.

वायु गुणवतता में तीन-चार दिन बाद सुघार होने की उम्मीद

राजस्थान का लगभग हर शहर इस बार दिवाली के बाद जहरीली हवा में सांस ले रहा है. भिवाड़ी से लेकर डूंगरपुर तक हवा में प्रदूषण का स्तर खतरनाक सीमा पार कर गया है. विशेषज्ञों के मुताबिक, यदि अगली दिवाली तक सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो यह मौसमी उत्सव राज्य की हवा के लिए साल दर साल और घातक बनता जाएगा. प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने नागरिकों को स्वास्थ्य सावधानी बरतने की सलाह दी है. वहीं मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि हवा की गति बढ़ने और ठंड बढ़ने के साथ 3-4 दिनों में वायु गुणवत्ता सामान्य हो सकती है.

राजस्थान में प्रदूषण की स्थिति 

शहरAQI स्तरप्रदूषण श्रेणीभिवाड़ी332गंभीरकोटा279बहुत खराबजयपुर268बहुत खराबधौलपुर259बहुत खराबजोधपुर257बहुत खराबझुंझुनूं256बहुत खराबजालोर257बहुत खराबसीकर247बहुत खराबहनुमानगढ़246बहुत खराब

बीकानेर236 बहुत खराबश्रीगंगानगर236 बहुत खराबटोंक235 बहुत खराबभीलवाड़ा227 बहुत खराबउदयपुर226 बहुत खराबअजमेर222 बहुत खराबकरौली221 बहुत खराबचुरू220 बहुत खराबपाली217 बहुत खराबजैसलमेर216 बहुत खराब

भरतपुर214खराबअलवर206खराबदौसा205खराबडुंगरपुर204खराब

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