भारत के इस रेगिस्तान के नीचे छिपा है समुद्र! 10 लाख लोगों की मिटा सकता है प्यास, रास्ते में आ रही है एक रुकावट

भारत के राजस्थान में अधिकांश इलाका रेगिस्तानी है. इस वजह से वहां पानी की किल्लत आम बात है. खासकर गर्मियों के मौसम में यहां पानी की तलाश में लोगों को कई-कई किलोमीटर चलकर जाना पड़ता है. पीने के पानी की किल्लत के कारण लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है. लेकिन अगर एक प्लान कामयाब हो गया, तो बाड़मेर जिले में दस लाख लोगों की आबादी को हजारों सालों तक पानी की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा.
जी हां, बाड़मेर के बायतु के माडपुरा बरवाला से सांचौर तक एक समुद्र की बात सामने आई है. इस समुद्र में 48 हजार खरब लीटर पानी भरा है. इतना पानी दस लाख लोगों की प्यास बुझाने के लिए पर्याप्त है. लेकिन इस पानी को इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. दरअसल, समुद्र का पानी इतना खारा है कि इसे पिया नहीं जा सकता. हालांकि, इजरायल की तकनीक का अगर इस्तेमाल किया जाए, तो ये समस्या खत्म हो सकती है.
2020 में ही हो गया था खुलासाबाड़मेर में काम करने वाली तेल कंपनी भूकंपीय सर्वे पेट्रो भौतिक डेटा और विस्तृत हाइड्रो जियोलॉजिकल ने इस बारे में खुलासा किया था. यहां तेल की खोज में जब भूगर्भ के अंदर का हाल लिया गया तो बता चला कि अंदर तो बेहद विशाल समुद्र मौजूद है. इसका पानी कई लाख लोगों की प्यास बुझा सकता है. लेकिन ये इतना खारा है कि इसे डायरेक्ट इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. इस समुद्र के बारे में एक रिपोर्ट 2020 में ही केंद्र सरकार के जलशक्ति मिशन को भेजी जा चुकी है.
खर्चा है काफी ज्यादाआम तौर पर पानी में नमक की मात्रा एक लीटर में 1000 मिलीग्राम मान्य होता है. लेकिन रेगिस्तान के इस समुद्र के पानी में इसकी मात्रा पांच हजार से बीस हजार मिलीग्राम के बीच है. इस वजह से इसे यूज नहीं किया जा सकता. इजराइल में भी समुद्र के पानी में पैंतीस हजार मिलीग्राम तक सॉल्ट होता है. लेकिन उनके पास ऐसी तकनीक है, जिससे पानी को पीने लायक बना दिया जाता है. यहां भी अगर इसका इस्तेमाल किया जाए तो लोगों की समस्या खत्म हो जाएगी. लेकिन इसमें आने वाले खर्चे की वजह से सरकार ने प्रोजेक्ट पर काम शुरु नहीं किया है. अगर सरकार का बजट बैठ गया तो इलाके से पानी की समस्या खत्म हो जाएगी.
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FIRST PUBLISHED : August 23, 2024, 13:44 IST