Rajasthan

CM Gehlot Launches E-library Web Application – इतिहास की जानकारी नहीं रखने वाले खुद इतिहास नहीं बना पातेः गहलोत

सीएम गहलोत ने किया स्वाधीनता संग्राम के सेनानियों के मोनोग्राफ के डिजिटल संस्करण का लोकार्पण और ई-लाइब्रेरी वेब एप्लीकेशन का शुभारंभ

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी की ओर से स्वाधीनता संग्राम के पुरोधाओं के मोनोग्राफ के डिजिटल संस्करण का लोकार्पण और ई-लाइब्रेरी वेब एप्लीकेशन का शुभारंभ किया।

समारोह में उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी भी मौजूद रहे। इस मौके पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि अगस्त क्रांति दिवस के मुबारक मौके पर स्वतंत्रता सैनानियों के मोनोग्राफ का डिजिटल स्वरूप का लोकार्पण एक क्रांतिकारी कदम है। आज के ही दिन महात्मा गांधी की रहनुमाई में भारत छोड़ो का नारा देते हुए सभी धर्म, संप्रदाय एवं जातियों के लोग स्वाधीनता संग्राम में कूद पड़े थे।

राजस्थान के सभी जिलों से स्वतंत्रता सैनानियों ने इस आंदोलन में भूमिका निभाने में कोई कमी नहीं रखी थी। सीएम ने कहा कि इन मोनोग्राफ के डिजिटलाइजेशन के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि छात्रों खासकर शोधार्थियों को हमारे स्वाधीनता सैनानियों के बारे में जानने में आसानी हो। उन्होंने कहा कि जिन स्वाधीनता सैनानियों के मोनोग्राफ नहीं बने हैं, उनके मोनोग्राफ भी प्रकाशित हों। जो स्वतत्रंता सैनानी अभी जीवित हैं, उनके अनुभवों का वीडियो बनाकर स्वाधीनता संग्राम की उनकी यादों को युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक बनाने का प्रयास किया जाए।

उन्होंने राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी के माध्यम से अधिक से अधिक स्वतंत्रता सैनानियों के बारे में पुस्तकें छपवाकर उनके त्याग एवं बलिदान के बारे में जानकारी युवा पीढ़ी तक पहुंचाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि इतिहास की जानकारी नहीं रखने वाले खुद इतिहास नहीं बना पाते। इतिहास वही बना पाते हैं, जो देश के इतिहास से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ते हैं।

राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी के अध्यक्ष और उच्च शिक्षा मंत्री भंवरसिंह भाटी ने कहा कि 15 वर्ष पहले प्रकाशित 61 मोनोग्राफ के डिजिटल स्वरूप में आने से छात्र सरल व सुगम तरीके से मोबाइल पर डाउनलोड कर हमारे स्वतंत्रता सैनानियों की जीवनी के बारे में अधिक से अधिक जानकारी हासिल कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि 2001 से अब तक दिवंगत हुए लगभग 150 स्वतत्रंता सैनानियों के मोनोग्राफ प्रकाशन की तैयारी की जा रही है।

 





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