एंटी इनकंबेंसी खत्म करने के लिए सबको खुश करनेवाली ‘जादू की झड़ी’ घुमा रहे गहलोत
हाइलाइट्स
बीजेपी के हिंदुत्व मुद्दे की काट के लिए प्रदेश के कई मंदिरों के विकास के साथ धार्मिक पर्यटन पर जोर
युवाओं-महिलाओं के लिए लुभावनी घोषणाएं और नए बोर्ड-निगम बनाकर जातियों को साधने की कोशिश
सारे किसानों की कर्जमाफी न होने की तोहमत से बचने लिए उनको फ्री बिजली और सब्सिडी के तोहफे
एच. मलिक
जयपुर. राजस्थान (Rajasthan)की राजनीति की रवायत तीन दशक से सत्तारूढ़ दल को पदच्युत करने की चली आ रही है. सचिन पायलट (Sachin Pilot) के राजनीतिक अदावत के बीच सीएम गहलोत (CM Gehlot) इस बार इस रिवाज को बदलने के लिए एढ़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं. इसके लिए वो जनता को ‘ये दिल मांगे मोर’ का डायलॉग बोलने का भी मौका नहीं दे रहे. ताजा उदाहरण जिलों का है, लोगों को 8-9 जिलों की उम्मीद थी और उन्होंने राजस्थान के इतिहास में पहली बार एक साथ 19 नए जिले बना दिए.
सीएम गहलोत और पायलट दोनों ही इस बार सरकार रिपीट होने के दावे करते हैं. लेकिन गहलोत को पता है कि जनता का दिल जीते बिना, उसको खुश किए बिना, उसकी समस्याओं को दूर किए बिना ऐसा संभव नहीं है.
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मौके भुनाने में लगे गहलोत, एक लाख भर्तियां
इसलिए सीएम अवसर बनाने और उन्हें भुनाने में लगे हैं. वार्षिक बजट जनता को लुभाने का अवसर होता है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस कार्यकाल के अंतिम बजट के माध्यम से एक नहीं, तीन बार जनता को लुभाने की कोशिशें कीं. पहला जब लोकलुभावन बजट पेश किया. बजट रिप्लाई में गहलोत ने ऐलान किया कि प्रदेश में सरकारी पदों पर एक लाख नई भर्तियां की जाएंगी. वहीं सीएम ने चिरंजीवी योजना का दायरा बढ़ाने का भी ऐलान किया. तीसरी बार बजट सत्र के दौरान वित्त और विनियोग विधेयक (एप्रोपिएशन बिल) के जवाब में सीएम ने एक साथ नए 19 जिले और तीन संभाग बनाने की घोषणा करके सबको चौंका दिया.
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एक साथ 19 जिलों की घोषणा कर चौंकाया
नए जिलों के गठन के लिए बनी रामलुभाया कमेटी का कार्यकाल इसी माह बढ़ाया गया था. तब राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा चली कि नए जिलों की घोषणा टल गई है, लेकिन सीएम के दिल में तो कुछ और ही चल रहा था. सूत्रों के मुताबिक इस कमेटी ने 8-9 जिले और सीकर को संभाग बनाने की ही सिफारिश की थी, लेकिन सीएम ने सबको साधने की सोशल इंजीनियरिंग और राजनीतिक दबाव के चलते 19 जिलों की घोषणा कर डाली. गहलोत ने झोली तो भरी, लेकिन जयपुर-जोधपुर को तोड़कर वो जिले भी बना डाले, जिसकी न जरूरत थी और न ही किसी ने डिमांड की थी.
किसानों को 2000 यूनिट फ्री बिजली, सब्सिडी
प्रदेश में किसान वर्ग की चुनाव में बड़ी भूमिका रहती है. गहलोत सरकार को किसानों के कर्जमाफी के मुद्दे पर भाजपा लगातार घेर रही है. दरअसल राहुल के वादे के अनुरूप गहलोत सभी किसानों की कर्जमाफी नहीं कर पाए हैं. इनकी नाराजगी एंटी इनकम्बेंसी में तब्दील न हो इसलिए बजट में किसानों को 2000 यूनिट फ्री बिजली देने की घोषणा कर लुभाया गया. किसानों को घर बनाने के लिए ब्याज में 5 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी. लंपी महामारी में मरने वाली दुधारू गायों पर 40 हजार रुपये देने जैसी और भी घोषणाएं की हैं.
प्रदेश का आधी आबादी पर है पूरा फोकस
चुनाव आयोग के नए आंकड़ों के अनुसार राज्य में अब महिला वोटर्स की संख्या 2.46 करोड़ हो गई है. यानि महिला मतदाता 2.52 प्रतिशत बढ़ी हैं. महिला मतदाताओं में अपनी सरकार की छवि बेहतर बनाने के लिए गहलोत लगातार महिलाओं से जुड़ी योजनाओं की घोषणा कर रहे हैं. चिरंजीवी योजना में शामिल परिवारों की महिलाओं-छात्राओं को गहलोत ने रक्षाबंधन से 40 लाख स्मार्ट फोन फ्री में देने की घोषणा की है. उज्ज्वला से जुड़ी महिलाओं को 500 रुपए में सिलेंडर की घोषणा हो या सरकारी बसों में आधा आबादी के लिए आधा बस किराया हो, गहलोत को फोकस महिला मतदाताओं पर है.
नए बोर्ड-निगम बनाकर जातियों को साधा
चुनाव से पहले गहलोत का सोशल इंजीनियरिंग पर पूरा फोकस है. जातियों को साधने के लिए वे बोर्ड-निगम बनाकर सोशल इंजीनियरिंग कर रहे हैं. जाटों को लुभाने के लिए वीर तेजाजी बोर्ड का गठन किया है. कुछ माह पहले भी गहलोत ने 3 नए बोर्ड बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. इनमें राजस्थान चर्म शिल्प कला विकास बोर्ड, राजस्थान राज्य महात्मा ज्योतिबा फुले बोर्ड और राजस्थान राज्य रजक (धोबी) कल्याण बोर्ड शामिल है. ये बोर्ड एससी और ओबीसी को साधने के लिहाज से महत्वपूर्ण हैं.
बीजेपी के हिंदुत्व मुद्दे की काट के लिए ये कदम
भाजपा के हिंदुत्व के मुद्दे की काट के लिए प्रमुख मंदिरों के विकास और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की कई घोषणाएं की हैं. इसके तहत जयपुर के गोविंद देवजी मंदिर का विकास उज्जैन के महाकाल मंदिर की तर्ज पर करने के साथ ही बेणेश्वर धाम पर 100 करोड़ रुपये खर्च करने की घोषणा की है. तीर्थराज पुष्कर के विकास के लिए पुष्कर डेवलपमेंट अथॉरिटी बनाने की घोषणा के मायने भी खास हैं. इसके अलावा खाटूश्याम जी, सालासर, त्रिपुरा सुंदरी, करणी माता, कैलादेवी, मेहंदीपुर बालाजी, रामदेवरा मंदिर, खोले के हनुमान, वीर तेजाजी मंदिर, सांवलिया मंदिर के विकास के लिए डीपीआर बनेगी. कांग्रेस सरकार पर भाजपा मंदिरों को तोड़ने, रामनवमी के दिन शोभायात्रा पर रोक लगाने जैसे आरोप लगाती रही है.
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Tags: Ashok Gehlot Vs Sachin Pilot, Assembly election, Chief Minister Ashok Gehlot, Rajasthan news
FIRST PUBLISHED : March 22, 2023, 06:20 IST