किसानों के लिए ATM से कम नहीं है इस फूल की खेती, जानें किस तरह बनता है इससे पैसा, आप भी कीजिए ऐसे शुरुआत

Last Updated:October 23, 2025, 13:25 IST
Ajmer Rose Cultivation: अजमेर जिले का पुष्कर गुलाब की खेती के लिए प्रसिद्ध है. यहां की मिट्टी और जलवायु गुलाब के लिए अनुकूल है. किसान पीढ़ियों से पारंपरिक तरीके से देसी गुलाब उगा रहे हैं. एक बीघा भूमि में लगभग 10 हजार रुपये की लागत से डेढ़ साल में फूल देने वाले पौधे लगते हैं, जिनसे 1.5 लाख रुपये तक मुनाफा हो सकता है. पुष्कर का गुलाब देश-विदेश में गुलकंद, गुलाब जल, इत्र और सौंदर्य प्रसाधनों में उपयोग होता है. इसकी प्राकृतिक खुशबू और गुणवत्ता इसे विशेष बनाती है.
अजमेर. राजस्थान के अजमेर जिला स्थित पुष्कर धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से जितना प्रसिद्ध है, उतना ही यह गुलाब की खेती के लिए भी जाना जाता है. यहां की मिट्टी, तापमान और जलवायु गुलाब की खेती के लिए अत्यंत अनुकूल माने जाते हैं. पुष्कर और इसके आस-पास के गांवों में सैकड़ों किसान पीढ़ियों से पारंपरिक तरीके से देसी गुलाब की खेती कर रहे हैं. इन किसानों के लिए गुलाब की खेती केवल एक व्यवसाय नहीं, बल्कि उनकी आजीविका का प्रमुख साधन है.
किसान कालू जी गहलोत बताते हैं कि खेती की शुरुआत गुलाब की टहनी (कटिंग) से की जाती है. अच्छी गुणवत्ता वाले पौधों की टहनियों को तैयार खेत में रोपा जाता है. इसे विकसित होने में लगभग छह माह का समय लगता है, जबकि डेढ़ साल में पौधा पूरी तरह फूल देने योग्य हो जाता है. एक बीघा भूमि से प्रतिदिन लगभग 40 से 50 किलो तक गुलाब के फूल तोड़े जा सकते हैं. इन फूलों की मांग पूरे वर्ष बनी रहती है.
एक बीघा में 10 हजार आती है लागत
किसान ने आगे बताया कि एक बीघा भूमि में गुलाब की खेती पर लगभग 10 हजार रुपये की लागत आती है. इसमें मुख्य खर्च पौधों, खाद, पानी और जुताई में होता है. यदि देखरेख सही ढंग से की जाए तो किसान एक फसल से डेढ़ लाख रुपये तक का मुनाफा आसानी से कमा सकते हैं. उन्होंने आगे बताया कि गुलाब के फूलों से मुख्य रूप से गुलकंद, गुलाब जल, इत्र, अगरबत्ती और सौंदर्य प्रसाधन जैसे उत्पाद बनाए जाते हैं. इन उत्पादों की मांग देश के साथ-साथ विदेशों में भी काफी अधिक है. पुष्कर का गुलाब अपनी प्राकृतिक खुशबू और उत्कृष्ट गुणवत्ता के लिए विशेष पहचान रखता है.
देशभर में जाती है पुष्कर की गुलाब
किसान कालू जी गहलोत आगे बताते हैं कि गुलकंद के अलावा पुष्कर के गुलाब से गुलाब जल, इत्र, साबुन, चॉकलेट, अगरबत्ती और अन्य उत्पाद भी बनाए जाते हैं. यहां का गुलाब केवल अजमेर या राजस्थान तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसे देश के विभिन्न हिस्सों में भेजा जाता है. इससे किसानों को अच्छी आय मिल जाती है. गुलाबकी खेती में आमदनी देखकर किसान इससे जुड़ते जा रहे हैं और पुष्कर इलाके में खेती का रकबा लगातार बढ़ रहा है.
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दीप रंजन सिंह 2016 से मीडिया में जुड़े हुए हैं. हिंदुस्तान, दैनिक भास्कर, ईटीवी भारत और डेलीहंट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. 2022 से हिंदी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. एजुकेशन, कृषि, राजनीति, खेल, लाइफस्ट…और पढ़ें
दीप रंजन सिंह 2016 से मीडिया में जुड़े हुए हैं. हिंदुस्तान, दैनिक भास्कर, ईटीवी भारत और डेलीहंट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. 2022 से हिंदी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. एजुकेशन, कृषि, राजनीति, खेल, लाइफस्ट… और पढ़ें
Location :
Ajmer,Rajasthan
First Published :
October 23, 2025, 13:25 IST
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किसान इस फूल की करें खेती, लाखों में कमाएंगे मुनाफा, बस ऐसे करें शुरूआत



