National

अफसर क्यों नदारद… गुस्सा हुए CJI? बोले- संविधान के रक्षक से ऐसा बर्ताव

Last Updated:May 18, 2025, 19:50 IST

CJI Gavai: सीजेआई बीआर गवई ने कहा कि लोकतंत्र के तीनों स्तंभ – न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका – बराबर हैं और संवैधानिक संस्थाओं को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए. उन्होंने यह बात हालिया फैसलों और प्रोटोकॉल…और पढ़ेंअफसर क्यों नदारद... गुस्सा हुए CJI? बोले- संविधान के रक्षक से ऐसा बर्ताव

भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी.आर. गवई. (फाइल फोटो PTI)

हाइलाइट्स

सीजेआई गवई ने लोकतंत्र के तीनों स्तंभों की बराबरी पर जोर दिया.सीजेआई ने संवैधानिक संस्थाओं के आपसी सम्मान की आवश्यकता बताई.सीजेआई गवई ने प्रोटोकॉल उल्लंघन पर चिंता व्यक्त की.

CJI Gavai News: भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई जब रविवार को मुंबई पहुंचे तो उनका भाषण अहम संदेशों से भरा रहा. उन्होंने साफ कहा कि लोकतंत्र में न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका ये तीनों स्तंभ बराबर हैं और इनका आपसी सम्मान जरूरी है. CJI गवई जो हाल ही में देश के प्रधान न्यायाधीश बने हैं और इस पद पर पहुंचने वाले दूसरे दलित व्यक्ति हैं, मुंबई के एक सम्मान समारोह में पहुंचे थे. इसके बाद उन्होंने बाबासाहेब अंबेडकर की चैत्य भूमि पर जाकर श्रद्धांजलि दी.

मुख्य न्यायाधीश ने महाराष्ट्र और गोवा बार काउंसिल के कार्यक्रम में कहा, “जब कोई संवैधानिक संस्था का प्रमुख राज्य का दौरा करता है तो उसके साथ सम्मानजनक व्यवहार होना चाहिए. अगर मैं महाराष्ट्र का पहला मुख्य न्यायाधीश बनकर अपने राज्य आया हूं तो मुख्य सचिव, डीजीपी और पुलिस कमिश्नर की अनुपस्थिति सोचने का विषय है.”

पढ़ें- न्यायपालिका, कार्यपालिका और संसद में कौन सबसे बड़ा? CJI बी.आर. गवई ने दे दिया जवाब, जानें संविधान पर क्या कहा

वैधानिक संस्थाओं के आपसी सम्मान से जुड़ा मसला- CJIउन्होंने यह भी कहा कि यह सिर्फ प्रोटोकॉल का सवाल नहीं है बल्कि यह संवैधानिक संस्थाओं के आपसी सम्मान से जुड़ा मसला है. उन्होंने अनुच्छेद 142 का हवाला देते हुए कहा कि अगर किसी अन्य संस्था के साथ ऐसा होता तो इस पर गंभीर बहस होती.

चैत्य भूमि पर बोले – “मैं प्रोटोकॉल को लेकर चिंतित नहीं”बाद में जब CJI चैत्य भूमि पहुंचे तो महाराष्ट्र की मुख्य सचिव सुजाता सौनिक, डीजीपी रश्मि शुक्ला और मुंबई पुलिस कमिश्नर देवन भारती वहां मौजूद थे. जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें प्रोटोकॉल के उल्लंघन से दुख हुआ तो उन्होंने कहा, “मैं प्रोटोकॉल को लेकर चिंतित नहीं हूं, मैं बस जो हुआ उसे बता रहा हूं.”

अनुच्छेद 142 का संदर्भ और बड़ा संदेशCJI की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब सुप्रीम कोर्ट के कुछ फैसलों को लेकर न्यायिक अतिक्रमण की बहस चल रही है. खासकर तमिलनाडु मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति और राज्यपालों को विधेयक मंजूरी देने की समयसीमा तय की. इसके बाद कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच तनाव बढ़ा है. गवई के इस बयान को उसी संदर्भ में देखा जा रहा है, कि लोकतंत्र का संतुलन तभी टिक सकता है जब सभी संस्थाएं एक-दूसरे का सम्मान करें और अपनी सीमाएं समझें.

authorimgSumit Kumar

Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master’s degree in Journalism. Before working in Hindi, …और पढ़ें

Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master’s degree in Journalism. Before working in Hindi, … और पढ़ें

भारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें India पर देखेंLocation :

Mumbai,Maharashtra

homenation

अफसर क्यों नदारद… गुस्सा हुए CJI? बोले- संविधान के रक्षक से ऐसा बर्ताव

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj