Rajasthan

Gehlot government’s surgery will be done by these 7 questions of Ajay Maken– News18 Hindi

जयपुर. राजस्थान कांग्रेस में चल रहे सियासी घमासान पर विराम के लिए आज राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन जयपुर में विधायकों से गहलोत सरकार के कामकाज और मंत्रियों के परफॉर्मेंस का फीडबैक ले रहे हैं. हर विधायक से एक लिखित प्रोफॉर्मा में सात सवाल पूछे जा रहे हैं. कुछ विधायकों ने कुछ मंत्रियों के कामकाज औऱ कार्यशैली की शिकायतें भी की. दो दिन मे 119 विधायकों से फीडबैक के बाद माकन ये रिपोर्ट सोनिया गांधी को सौंपेगे. उसके बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल और सरकार से लेकर संगठन में नियुक्तियां होगी. अजय माकन विधानसभा की हां पक्ष की लॉबी में एक एक विधायक से वन टू मिल रहे हैं. हर विधायक से एक प्रोफॉर्मा  में सात सवाल पूछे जा रहे हैं. इन सवालों के जबाब लिखित में नोट किए जा रहे हैं.

ये है सात सवाल 

1- जिले के प्रभारी मंत्री कैसा काम कर रहे हैं. उनके खिलाफ कोई शिकायत.

2- सरकार की विकास की योजनाओं का कामकाज कैसे चल रहा है.

3- आपको कोई शिकायत हो तो बताए.

4- जिला अध्यक्ष किसे बनाया जाए. इसके नाम सुझाए हैं.

5- ब्लॉक अध्यक्ष किसे बना सकते हैं. इसके नाम सुझाए.

6- राजनतिक नियुक्ति के लिए आपके क्षेत्र  के प्रभावी नेता-कार्यकर्ता  का नाम सुझाए.

7- सरकार रिपीट कैसे हो सकती है. सचिन पायलट गुट के विधायकों ने सरकार के कुछ मंत्रियों की कार्यशैली औऱ कामकाज को लेकर शिकायत की.

इन मंत्रियों की सबसे ज्यादा शिकायतें 

सबसे अधिक शिकायतें विधायकों ने जलदाय मंत्री बीडी कल्ला, शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा व नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल की। इन मंत्रियो की कार्यशैली और काम न करने की शिकायतें की। एक मंत्री के तो महकमें मे भ्रष्टाचार की शिकायतें की. सचिन पायलट के एक समर्थक विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने तो माकन से मुलाकात में गहलोत सरकार के मंत्रियों पर अनुसूचित जाति- जनजाति की उपेक्षा और भेदभाव का आरोप जड़ा. सोलंकी ने माकन से कहा कि सिर्फ विधायकों के ही नहीं विधायक का चुनाव हारे काग्रेस प्रत्याशियो से भी सरकार के कामकाज का फीडबैक लें.

इसके पीछे पायलट गुट की मंशा ये है कि हारे हुए प्रत्याशी पायलट के समर्थन  में अधिक है. जिससे अगर इन प्रत्याशियों का फीडबैक लेंगे तो गहलोत सरकार के कामकाज को लेकर वे अधिक शिकायत करेंगे. खासकर निर्दलीय विधायकों को गहलोत के प्राथमिकता देने पर उन इलाकों में पार्टी को नुकसान पर. माकन की इस क्लास से पहले ही पायलट और गहलोत गुट ने पूरी तैयारी कर रखी थी. गहलोत गुट के नेता पिछले दो दिन से अपने गुट के विधायकों को समझा रहे थे कि माकन के सामने कैसे सरकार के कामकाज की तारीफ करनी है. गहलोत के नेतृत्व में आस्था जतानी है.

माकन से सबसे पहले मुलाकात करने वाले गहलोत गुट के विधायक रफीक खान ने कहा कि उन्होने माकन के सामने गहलोत सरकार की उपलबधियां गिनाई माकन से मुलाकात करने वालों में परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास भी थे. खाचरियवास ने कहा कि उन्होने बतौर उदयपुर के प्रभारी मंत्री अपने काम के बारे में बताया. विधायकों की शिकायतों और हटाने की अटकलों पर खाचरियावास ने कहा कि उनकी किसी विधायक ने शिकायत नहीं. उनको लेकर चर्चा चलती रहती है. लेकिन वे हमेशा पंजे के साथ है न किसी व्यक्ति के साथ अजय माकन पूरे फीडबैक से जानना चाहते हैं कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत औऱ सरकार की कामकाज से विधायक कितने संतुष्ट है. कौनसे मंत्री की फरफोरमेंस खराब है जिसे हटाया जा सकता है.

ऐसे विधायक कौन से हैं जिन्हें मंत्रीमंडल में लेने से फायदा हो सकता है. सचिन पायलट को लेकर विधायक अब क्या सोचते हैं. आज 12 जिलों का फीड बैक लिया. कल 20 जिलो के विधायकों का फीडबैक लेंगे. 13 निर्दलीय विधायकों से भी माकन मिलेंगे. फिर रिपोर्ट सोनिया गांधी को सौंपेगे. उसके बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल और निगम बोर्डों में नियुक्तियों और जिलाअध्यक्षों की नियुक्ति पर हाईकमान फैसला करेगा. ये रायशुमारी राजस्थान में गहलोत सरकार और कांग्रेस संगठन में सर्जरी का आधार बनेगी. माकन की इस कसरत से पहले ही सचिन पायलट दिल्ली पहुंच गए. वे दिल्ली में वेणुगोपाल और प्रियंका गांधी से मिले औऱ कहा उनके वादो में  कांट छांट न हो.​

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