अरविंद केजरीवाल की तरह फंस रहे हेमंत सोरेन, झारखंड में CAG रिपोर्ट से राजनीतिक भूचाल, स्वास्थ्य सेवाओं में अनियमितताओं के आरोप

Last Updated:March 02, 2025, 11:01 IST
Jharkhand CAG Report: सीएजी रिपोर्ट में झारखंड की स्वास्थ्य सेवाओं में खामियों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. यह खुलासा कुछ-कुछ दिल्ली में कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवाओं में हुई अनिमयमितताओं जैसी हैं. रिपोर्ट के …और पढ़ें
सीएजी रिपोर्ट के आने के बाद हेमंत सोरेन और अरविंद केजरीवाल, दोनों सवालों के घेरे में.
हाइलाइट्स
झारखंड में CAG रिपोर्ट से स्वास्थ्य सेवाओं पर उठे बड़े सवाल.कोरोना काल में केंद्र सरकार की भेजी राशि का केवल 32% खर्च हुआ.स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने रिपोर्ट की सत्यता पर सवाल उठाए.
रांची. भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक यानी कैग की रिपोर्ट दिल्ली विधानसभा में पेश होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी तत्कालीन सरकार घिरती नजर आ रही है. कोरोना वायरस महामारी के दौरान राजधानी में स्वास्थ्य सेवाओं के हाल को लेकर यह रिपोर्ट पेश की गई है जिसमें कई अहम खुलासे हुए हैं. सीएजी रिपोर्ट के अनुसार, तत्कालीन आम आदमी पार्टी की सरकार इसमें बुरी तरह फंसती हुई नजर आ रही है. कुछ इसी तरह का मामला झारखंड से भी सामने आया है जहां झारखंड विधानसभा सत्र के दौरान कैग की रिपोर्ट बेहद चर्चा में है. यूं कहिये कि झारखंड को लेकर सीएजी (CAG) की रिपोर्ट ने राज्य में बड़ा राजनीतिक भूचाल ला दिया है.
दरअसल, विधानसभा के पटल पर स्वास्थ्य विभाग और भवन एवं सन्निर्माण कर्मकारों के कल्याण पर रिपोर्ट को लेकर रांची में प्रधान महालेखाकार ने इसकी जानकारी मीडिया से साझा की. इस प्रेस वार्ता में साल 2016-17 से 2021-22 तक की ऑडिट की रिपोर्ट को मीडिया के सामने साझा किया गया. इसमें राज्य में स्वास्थ्य सेवा प्रबंधन को लेकर जो खामियां सामने आयी हैं, वह वास्तव में बेहद चौंकाने वाली हैं. इस रिपोर्ट में मुख्य रूप से दावा किया गया है कि कोरोना महामारी के दौरान केंद्र सरकार द्वारा झारखंड सरकार को भेजी गई राशि में से केवल 32% ही खर्च हुई. शेष राशि का कोई ठोस लेखा-जोखा नहीं है, जिससे कई महत्वपूर्ण स्वास्थ्य परियोजनाएं अधूरी रह गईं. इनमें मुख्य रूप से-
* झारखंड में डॉक्टर्स, नर्स स्टाफ नर्स की भारी कमी* MO, विशेषज्ञ डॉक्टर्स 21℅ से 80℅ की कमी* स्टाफ नर्सेज, पैरामेडिक्स में 14℅ से 76℅ की कमी* राज्य में दवाओं की उपलब्धता में बेहद कमी* डॉक्टर पर मरीजों का बोझ बहुत ज्यादा* 77 से 88℅ जरूरी दवाओ की खरीद राज्य में नहीं की गई
सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में कई और भी गंभीर आरोप लगाए हैं-* कोरोना काल अप्रैल 2021 में रेमेडीशिविर इंजेक्शन की 6990 शीशियां राज्य औषधि नियंत्रक रांची को निर्गत* डिलीवरी चालान की जांच से खुलासा, रेमेडीशिविर इंजेक्शन एमडी, NHM, राज्य औषधि नियंत्रक के फोन पर दिए गए आदेश पर निजी सप्लायर को जारी किए गए थे* केंद्रीय भंडार रांची में फरवरी 2022 तक रेमेडीशिविर इंजेक्शन में प्राप्त 1,64,761 शीशियों में 53,205 शीशियां ही स्टॉक में पड़ी थी* JMHIDPCL को इंजेक्शन की आपूर्ति के लिए स्वास्थ्य संसाधनों के अलावा व्यक्तियों से चेक मिले थे। इसमें 39.66 लाखो की राशि के 63 ऐसे चेक जिसमें व्यक्तियों द्वारा दिए गए 29.14 लाख के 58 चेक भी शामिल है। यह सभी बैंकों द्वारा नकार दिए गए थे* झारखंड ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन सोसाइटी, सीएस सह सीएमओ द्वारा निजी अस्पतालों को जिन्हें वेंटीलेटर किराए पर दिए गए थे, उनसे 59 लाख सुरक्षा जमा राशि और करीब 3.16 करोड़ का किराया वसूलने में विफल रहे।* राजा के सरकारी अस्पतालों में संसाधनों की बेहद कमी
बता दें कि कैग रिपोर्ट आने के बाद झारखंड में बबाल मचा हुआ है. सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने सामने है. रिपोर्ट में स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए गए हैं. वहीं, कैग रिपोर्ट पर स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने सवाल खड़े किए हैं. कैग रिपोर्ट आने के बाद स्वास्थ्य मंत्री दुमका परिसदन में मीडिया से रूबरू हुए. उन्होंने आरोप को बेबुनियाद करार देते हुए रिपोर्ट की सत्यता पर ही सवाल खड़े कर दिया उन्होंने कहा है कि रिपोर्ट असली है या नकली,इसकी जांच होगी.
Location :
Ranchi,Jharkhand
First Published :
March 02, 2025, 11:01 IST
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अरविंद केजरीवाल की तरह फंस रहे हेमंत सोरेन, झारखंड में CAG रिपोर्ट से भूचाल