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मुकद्दस रात जब अल्लाह लिखते हैं तकदीर, शब-ए-बारात के दिन इबादत और दुआओं से भर जाता है हर मुसलमान का दिल!

Agency: Rajasthan

Last Updated:February 13, 2025, 15:33 IST

शब ए बारात त्यौहार की रात अल्लाह अपने अनुयायियों के पिछले कर्मों के आधार पर आने वाले साल के लिए उनके भाग्य का निर्धारण करता है. इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, शब-ए-बारात का त्योहार शाबान महीने की 14वीं तारीख और 15…और पढ़ेंX
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 शब ए बारात पर्व

हाइलाइट्स

शब-ए-बारात मुस्लिम समुदाय का प्रमुख त्योहार है.इस रात की हर जायज दुआ अल्लाह कबूल करते हैं.अजमेर दरगाह में विशेष इंतजाम किए गए हैं.

अजमेर:- मुस्लिम समुदाय के लिए शब-ए-बारात एक प्रमुख त्योहार है. शब-ए-बारात मुस्लिम समुदाय में इबादत, तिलावत और सखावत की रात मानी जाती है. इस दिन मुस्लिम समाज के लोग मस्जिदों और कब्रिस्तानों में जाकर अपने पूर्वजों के लिए खुदा से इबादत करते हैं. मस्जिदों और कब्रिस्तान में खास तरह की सजावट की जाती है. ऐसा माना जाता है कि इस त्यौहार की रात अल्लाह अपने अनुयायियों के पिछले कर्मों के आधार पर आने वाले साल के लिए उनके भाग्य का निर्धारण करता है. इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, शब-ए-बारात का त्योहार शाबान महीने की 14वीं तारीख और 15वीं तारीख के मध्य रात को मनाया जाता है. इस दिन लोग देर रात तक कब्रिस्तानों में पूर्वजों के लिए दुआएं पढ़ते हैं और गुनाहों की माफी मांगते हैं. इस साल यह पर्व आज मनाया जा रहा है.

हर दुआ होती है कबूलमोहम्मद शाहनवाज ने Local 18 को बताया कि शब-ए-बारात की रात की जाने वाली हर जायज दुआ को अल्लाह जरूर कबूल करते हैं. इस दिन रातभर जाकर नमाज और कुरान पढ़ी जाती है. इस दिन अल्लाह अपने बंदों के अगले साल की तकदीर का फैसला लिखता है. इस पर्व पर घरों में सूजी ,मैदा ,बेसन और सुख में वह से दूध चावल की खीर और हलवा आदि बनाया जाता है और इबादत के बाद इसे गरीबों में बांटा जाता है.

इस्लामी मान्यता के अनुसार, शब-ए-बारात की रात को मुकद्दस की रात मानी जाती है. मुकद्दस का मतलब है पवित्र. शब-ए-बारात चार मुकद्दस रातों में से एक है. इस्लाम में चार मुकद्दस रातें हैं. आशूरा की रात, दूसरी शब-ए-मेराज, तीसरी शब-ए-बारात और चौथी शब-ए-कद्र. ये सभी रातें बहुत ही पाक मानी जाती है. इन सभी मुकद्दस रातों से कुछ न कुछ खास मान्यताएं जुड़ी हुई हैं.

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अजमेर दरगाह में किए गए विशेष इंतजामशब-ए-बरात बारात के मौके पर ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में भी विशेष इंतजाम किए गए हैं. दरगाह में विशेष रोशनी की गई है. इस मौके पर मुस्लिम धर्मावलंबी रातभर यहां खुदा की इबादत कर सकेंगे. नफ़्ली नमाजों की अदायगी के साथ ही कुरान शरीफ की तिलावत और जिक्र व अजकार किए जाएंगे.


Location :

Ajmer,Rajasthan

First Published :

February 13, 2025, 15:33 IST

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शब-ए-बारात इबादत और दुआओं का दिन, मुकद्दस रात अल्लाह लिखते हैं तकदीर

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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