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दिल्ली में बेसमेंट का उपयोग आप किन कामों के लिए नहीं कर सकते हैं? HC ने सुनाया अहम फैसला

नई दिल्ली. दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से बेसमेंट (Basement) उपयोग करने को लेकर मालिकों (Owners) को लगातार नोटिसें (Notices) मिल रही हैं. हालांकि, बेसमेंट मालिकों का मानना है कि इसका उपयोग वह सालों से कई तरह के कामों के लिए करते आ रहे हैं. लेकिन, अब एमसीडी और एनडीएमसी (MCD and NDMC) के द्वारा कानूनी कार्रवाई की लगातार धमकियां मिल रही हैं. ऐसे में पिछले दिनों ही दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi Court) ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि बेसमेंट का उपयोग सिर्फ पार्किंग के लिए ही किया जा सकता है. दिल्ली हाई कोर्ट ने एक निजी संस्थान के याचिका पर फैसला सुनाया है. इस फैसले के बाद अब दिल्ली के कई पॉश इलाकों खासकर एनडीएमसी क्षेत्र में आने वाले इलाकों के मकान मालिकों में दहशत है.

आपको बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने बीते दिनों कहा था कि बेसमेंट में कोचिंग संस्थान या कंपनियों के दफ्तर नहीं चल सकते हैं. कार पार्किंग के लिए इस्तेमाल हो रहा बेसमेंट में गैराज नहीं चल सकता है और न ही कोई अन्य व्यावसायिक गतिविधियां. बेसमेंट में बच्चों की पढ़ाई की अनुमति तो बिल्कुल नहीं दी जा सकती है.

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दिल्ली हाई कोर्ट ने बीते दिनों कहा था कि बेसमेंट में कोचिंग संस्थान या कंपनियों के दफ्तर नहीं चल सकते हैं.

बेसमेंट का उपयोग आप ऐसे कर सकते हैं
गौरतलब है कि दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय से संबंध एक निजी शिक्षण संस्थान के कोटे को इसलिए कम कर दिया था कि उसने बेसमेंट में कक्षा चलाने की बात की थी. इसकी रिपोर्ट पर उच्च शिक्षा निदेशालय ने निजी संस्थान की एलएलबी पाठ्यक्रम की कुछ सीटें कम कर दी. उच्च शिक्षा निदेशालय के फैसले को कोचिंग संस्थान ने हाई कोर्ट में चुनौती दी. हाई कोर्ट ने भी बेसमेंट के आधार पर कम की गई सीटों के फैसले को सही माना.

बेसमेंट में पार्किंग के सिवाय कुछ नहीं कर सकते
उच्च शिक्षा निदेशालय ने कहा कि संस्थान के पास 25 अतिरिक्त छात्रों के बैठने के लिए बिल्डिंग प्लान के तहत पर्याप्त जगह की कमी है. ऐस में निदेशालय द्वारा सिर्फ 85 सीटों के लिए एनओसी जारी करने के फैसले में हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है.

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दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में बेसमेंट में अवैध तरीके से कोचिंग संस्थान और कंपनियों के ऑफिस चल रहे हैं. हालांकि, दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में एमसीडी और एनडीएमसी के द्वारा नोटिसें भी लगातार भेजी जाती हैं. लेकिन, तमाम नोटिसों के बावजूद बेसमेंट में अवैध तरीके से कई तरह के काम हो रहे हैं.

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