डॉक्टर भी हैरान! इस पहाड़ी मंदिर में बिना दवा के कैसे ठीक हो रहे लकवा मरीज

Last Updated:May 10, 2025, 12:58 IST
नागौर के हरियाजून गांव स्थित मावलिया माताजी मंदिर लकवा रोगियों के चमत्कारिक इलाज और संतान प्राप्ति की मान्यताओं के लिए प्रसिद्ध है. पहाड़ी पर स्थित यह मंदिर 24 घंटे खुला रहता है और नवरात्रों में भव्य आयोजन होते…और पढ़ेंX

मावलिया माता
हाइलाइट्स
मावलिया माताजी मंदिर लकवा रोगियों के इलाज के लिए प्रसिद्ध है.मंदिर 24 घंटे खुला रहता है और नवरात्रों में भव्य आयोजन होते हैं.मंदिर में संतान प्राप्ति के लिए लकड़ी के पालने चढ़ाने की परंपरा है.
दीपेंद्र कुमावत/नागौर- राजस्थान के नागौर जिले में एक ऐसा मंदिर है, जहां श्रद्धा और आस्था चमत्कार बनकर प्रकट होती है. नागौर जिला मुख्यालय से 122 किलोमीटर दूर स्थित हरियाजून गांव में पहाड़ी पर बना मावलिया माताजी का मंदिर न सिर्फ धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यहां लकवा ग्रस्त मरीजों के ठीक होने की मान्यता इसे विशेष बनाती है.
24 घंटे खुला रहता है मंदिरयह मंदिर प्रकृति की गोद में स्थित है और पूरे 24 घंटे भक्तों के लिए खुला रहता है. नवरात्रों के अवसर पर यहां भव्य मेले और भजन संध्या का आयोजन होता है. श्रद्धालु दूर-दूर से यहां आते हैं और माता रानी से अपनी मनोकामनाएं मांगते हैं.
माह की सप्तमी और चौदस को विशेष दर्शन का महत्वस्थानीय निवासी सज्जन सिंह के अनुसार, हर महीने की सप्तमी और चौदस तिथि को यहां दर्शन का विशेष महत्व होता है. इन दिनों में श्रद्धालुओं की भीड़ अधिक रहती है और माताजी का “भाव” आने की घटनाएं भी देखी जाती हैं. इन खास तिथियों पर भोजन परसादी का आयोजन भी होता है.
संतान प्राप्ति और रोग मुक्ति के लिए चढ़ते हैं पालनेमंदिर से जुड़ी कई धार्मिक मान्यताएं भी प्रचलित हैं. यहां माता रानी को लकड़ी के पालने चढ़ाने की परंपरा है, जो विशेष रूप से संतान प्राप्ति की कामना के लिए किया जाता है. ये पालने मंदिर परिसर के पास दुकानों पर आसानी से उपलब्ध हैं. इसके अलावा, लकवा रोगियों के इलाज की भी मान्यता है, और कई लोग यहां आकर ठीक होने का दावा करते हैं.
भेरूजी और गोपेश्वर महादेव का भी है मंदिरमंदिर परिसर में भेरूजी का मंदिर भी स्थित है, जबकि पहाड़ी की चोटी पर गोपेश्वर महादेव का मंदिर और एक प्राचीन कुंड भी मौजूद है. सावन और भादों मास में यहां का प्राकृतिक सौंदर्य चरम पर होता है, जो भक्तों और पर्यटकों को सम्मोहित कर देता है.
सुलभ मार्ग और सुविधायह मंदिर कुचामन रेलवे स्टेशन से मात्र 4 किलोमीटर और किशनगढ़-रतनगढ़ मेगा हाईवे से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. मंदिर तक पक्की सड़क जाती है, जो हरियाजून गांव से होकर गुजरती है, जिससे श्रद्धालुओं को पहुंचने में कोई कठिनाई नहीं होती.
Location :
Nagaur,Rajasthan
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डॉक्टर भी हैरान! इस पहाड़ी मंदिर में बिना दवा के कैसे ठीक हो रहे लकवा मरीज



