Health

मांसपेश‍ियों और नसों में दर्द का होगा झटपट इलाज, इंटरनेशनल वर्कशॉप में जर्मन च‍िक‍ित्‍सा पद्धत‍ि के द‍िए गए ट‍िप्‍स

नई द‍िल्‍ली. देशभर में अब मांसपेश‍ियों (Muscles Pain) और नसों में होने वाले दर्द के मरीजों की संख्‍या लगातार बढ़ती जा रही है. मरीज को होने वाले इस दर्द को ट्र‍िगर प्‍वाइंट (Trigger Point) के जर‍िए दूर क‍िया जा सकता है. खासकर घुटना, कंधा, एडी और कमर दर्द को ट्र‍िगर प्‍वाइंट से दूर करने में बेहद मदद म‍िलती है.

इस समस्‍या को दूर करने की द‍िशा में भारत में पहली बार फेसिअल डिस्टॉर्शन मॉडल चिकित्सा पद्धति (Facial Distortion Model Therapy) पर वर्कशॉप भी आयोजित की गई है. इस वर्कशॉप का आयोजन स्‍पाइन एक्‍शन-योर हेल्‍थ पार्टनर एवं यूरोप‍ियन एफडीएम एसोस‍िएशन के संयुक्‍त प्रयासो से क‍िया गया है.

अच्‍छी बात यह है क‍ि इस च‍िक‍ित्‍सा पद्धत‍ि के ज्‍यादा प्रचार और प्रसार के ल‍िए देश के अलग-अलग राज्‍यों खासकर द‍िल्‍ली और कर्नाटक (बैंगलोर) में इस तरह की वर्कशॉप का आयोजन कर शुरूआत की गई है. हाल ही में भारत में आयोज‍ित अपने तरह की इस पहली फेसिअल डिस्टॉर्शन मॉडल चिकित्सा पद्धति के इंटरनेशनल कोर्स की वर्कशॉप में दुन‍ियाभर से 100 से ज्‍यादा फिजियोथेरेपिस्ट (Physiotherapist) ने ह‍िस्‍सा ल‍िया है.

फेसिअल डिस्टॉर्शन मॉडल चिकित्सा पद्धति पर स्‍पाइन एक्‍शन-योर हेल्‍थ पार्टनर एवं यूरोप‍ियन एफडीएम एसोस‍िएशन के संयुक्‍त प्रयासो से वर्कशॉप आयोज‍ित की गई. फ‍िज‍ियोथेरेपी, फिजियोथेरेपिस्ट, मांसपेश‍ियों में दर्द, जर्मन च‍िक‍ित्‍सा पद्धत‍ि, स्‍पाइन एक्‍शन, स्‍वास्‍थ्‍य समाचार, Physiotherapy, Physiotherapist, Muscle Pain, German Medical System, Spine Action, Health News

नई चिकित्सा पद्धति पर स्‍पाइन एक्‍शन-योर हेल्‍थ पार्टनर एवं यूरोप‍ियन FDM एसो. के संयुक्‍त प्रयासो से वर्कशॉप आयोज‍ित की गई.

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स्पाइन एक्शन के डॉ. रोबिन शर्मा, डॉ. विकास शर्मा, डॉ. आशीष खंडेलवाल, डॉ. कृष्णा शाह एवं जर्मनी से आए डॉ. थोर्स्टन फिशर व मार्सल अगस्त म्हलर्ट ने बताया कि इस पद्धति से किसी भी प्रकार की मांसपेशियों एवं जोड़ों के दर्द में तुरंत आराम मिलता है. स्पाइन एक्शन (Spine Action) के च‍िक‍ित्‍सा व‍िशेषज्ञ डॉ. रोब‍िन शर्मा (Dr. Robin Sharma) ने बताया क‍ि यह एक ऐतिहासिक पहल है जिससे भारत में फिजियोथेरेपी एवं मेनुअल चिकित्सा पद्धति में आमूल-चूल परिवर्तन आएंगे.

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भारत में फिजियोथेरेपी एवं मेनुअल चिकित्सा पद्धति में आमूल-चूल परिवर्तन आएंगे.

डॉ. रोब‍िन ने बताया क‍ि इससे चिकित्सक के ल‍िए रोगी का परीक्षण और इलाज करने के तरीके दोनों ही बहुत आसान हो जाएंगे. वहीं, मरीज की दर्द निवारक दवाइयों पर निर्भरता भी समाप्‍त हो जाएगी. उन्‍होंने बताया क‍ि इस नई तकनीक से मरीज के कंधा, एड़ी, घुटने, पीठ, गर्दन, पैर और अन्‍य मांसपेश‍ियों के दर्द को आसानी से दूर क‍िया जा सकता है.

Tags: Health, Health News, Health tips, Life style

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