Rajnath Singh News | Indian Army Relation with Government- भारत में आर्मी और सरकार के बीच विवाद कभी क्यों नहीं हुआ? रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने समझाया

Agency:एजेंसियां
Last Updated:October 22, 2025, 18:13 IST
Rajnath Singh News: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इंडियन आर्मी और भारत सरकार के रिश्तों पर बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा कि भारत में आर्मी और सरकार के बीच कभी टकराव नहीं हुआ क्योंकि दोनों का लक्ष्य एक ही है- राष्ट्र की रक्षा और जनता की सेवा.
ख़बरें फटाफट
इंडियन आर्मी और सिविल दोनों का उद्देश्य हमेशा राष्ट्र की रक्षा और जनता की सेवा रहा है- राजनाथ सिंह. (फोटो PTI)
नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत में सिविल प्रशासन और मिलिट्री के बीच कभी टकराव की स्थिति नहीं बनी. क्योंकि दोनों का उद्देश्य हमेशा राष्ट्र की रक्षा और जनता की सेवा रहा है. उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों में सत्ता के साथ संदेह जुड़ा होता है. लेकिन भारत में सत्ता का मतलब हमेशा त्याग रहा है.
राजनाथ सिंह मंगलवार को ‘Civil-Military Fusion as a Metric of National Power and Comprehensive Security’ और ‘Portraits of Valour: Timeless Military Art’ पुस्तकों के विमोचन समारोह में बोल रहे थे. इस मौके पर उन्होंने कहा कि भारत में “militarization” का डर पश्चिमी सोच की उपज है. जबकि भारतीय परंपरा में शक्ति का प्रयोग केवल रक्षा और सेवा के लिए होता है.
राजनाथ सिंह बोले- भारत में सत्ता के साथ ‘त्याग’ जुड़ा हैरक्षा मंत्री ने कहा, “हमारे यहां power का उद्देश्य हमेशा लोगों का संरक्षण और सेवा करना रहा है. इसी कारण भारत में सिविल प्रशासन और मिलिट्री के बीच कभी भी टकराव नहीं हुआ.” उन्होंने आगे कहा कि सिविल और मिलिट्री प्रशासन के बीच जो अंतर दिखता है, वह वैचारिक नहीं बल्कि ‘division of labour’ यानी काम के वैज्ञानिक वितरण का परिणाम है. अब वक्त आ गया है कि “हम अलग-अलग जिम्मेदारियां निभाते हुए भी एक shared vision और common purpose के साथ काम करें.”
सीडीएस जनरल अनिल चौहान बोले-एकीकरण बेहद जरूरीकार्यक्रम में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने कहा कि जब उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई, तो सबसे बड़ा काम तीनों सेनाओं में एकजुटता और एकीकरण लाना था. उन्होंने कहा, “यह कठिन है, लेकिन जरूरी भी है. सिविल-मिलिट्री फ्यूजन इसी एकीकरण की दिशा में कदम है.” उन्होंने बताया कि हाल ही में हुए संयुक्त कमांडरों के सम्मेलन में सरकार ने सेनाओं को एकीकरण बढ़ाने के लिए खास दिशा-निर्देश दिए हैं.
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बताया कब पड़ी थी ऑपरेशन सिंदूर की नींवसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने इस अवसर पर कहा कि “2016 में उरी हमले के बाद लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) राज शुक्ला के नेतृत्व में हमने संभावित भविष्य की स्थितियों पर गहराई से चर्चा की थी. उसी समय ऑपरेशन सिंदूर की नींव पड़ी.” उन्होंने कहा कि जब हालिया परिस्थिति आई, तो वह पहले से तैयार थे क्योंकि उन्होंने पहले ही ऐसे हालात पर विचार कर लिया था.
Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master’s degree in Journalism. Before working in Hindi, …और पढ़ें
Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master’s degree in Journalism. Before working in Hindi, … और पढ़ें
न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।First Published :
October 22, 2025, 18:12 IST
homenation
क्यों नहीं होता भारत में आर्मी-सरकार विवाद? राजनाथ सिंह ने बताया कारण



