दिमाग से पागल लोगों को ‘अपना घर’ लेकर जाकर करते हैं इलाज, इस नंबर पर कोई भी दे सकता है सूचना

रिपोर्ट- मनमोहन सेजूबाड़मेर: दिमागी रूप से बीमार या मानसिक विक्षिप्त लोगों का कोई सटीक इलाज नहीं है. दूसरी बड़ी समस्या इस तरह के पीड़ितों की निगरानी है. थोड़ी सी चूक होने पर ये घर से निकल जाते हैं और कई बार तो कब कहां चले जाते हैं खोजना मुश्किल हो जाता है. ऐसे लोगों के लिए राजस्थान में एक संस्था है जो दिमागी कमजोर या विक्षिप्त लोगों की हमदर्द बनकर उनको जीने की नई राह दिखाती है. भरतपुर की ‘अपना घर’ संस्थान आज तक सैकड़ों मानसिक पीड़ितों का मददगार बनकर उन्हें जीने की नई राह दिखा चुका है.
भारत-पाकिस्तान सीमा पर बसे बाड़मेर में बीते दो दिन से अपना घर संस्थान आधा दर्जन मानसिक विक्षिप्तों को भरतपुर के लिए भेज चुकी है. राजस्थान सरकार सामाजिक एवं न्यायिक अधिकारिकता विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में बाड़मेर के रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, गांधी चौक, स्टेशन रोड़ और दान जी की होदी से आधा दर्जन मानसिक विक्षिप्त लोगों को पकड़ कर उन्हें एम्बुलेंस से नजदीकी अपना घर संस्थान के लिए रवाना किया गया है.
अपना घर सेवा संस्थान के संस्थापक सदस्य केडी शर्मा ने लोकल18 से बातचीत करते हुए कहा कि अपना घर सेवा संस्थान भरतपुर और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग बाड़मेर के तत्वावधान में 13 से 19 अक्टूबर तक विशेष अभियान चलाकर असहाय बीमार पीड़ितों की मदद की जा रही है.
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग बाड़मेर के उप निदेशक सुरेंद्र प्रताप सिंह के मुताबिक अपना घर सेवा संस्थान भरतपुर द्वारा बाड़मेर रेलवे स्टेशन, धर्मशालाओ और बस स्टैंड पर रह रहे पीड़ितों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कहीं पर भी आश्रयहीन असहाय बीमार, लावारिस हालात में नजर आएं तो इसकी सूचना अपना घर सेवा संस्था भरतपुर के नम्बर 8764396815 या 9950737673 पर दें ताकि उनका रेस्क्यू कर मदद की जा सके.
FIRST PUBLISHED : October 17, 2024, 17:27 IST