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Janmashtami: अलवर के इस मंदिर में सबसे बड़े लड्‌डू गोपाल… प्रतिमा की खासियत कर देगी हैरान!

पीयूष पाठक/अलवर: राजस्थान के अलवर में स्थित वेंकटेश दिव्य धाम मंदिर कई मायनों में खास है. मंदिर ने अपने आप में एक अनोखा रिकॉर्ड कायम किया है. दावा किया जाता है कि अलवर में भारत की सबसे बड़ी व भारी लड्डू गोपाल की अष्टधातु की प्रतिमा विराजमान है. महाराज सुदर्शन आचार्य की मानें तो पूरे विश्व में लड्डू गोपाल की सबसे बड़ी व भारी अष्टधातु की प्रतिमा दिव्य धाम मंदिर में है.

बताया, यह प्रतिमा कितनी पुरानी है, इसका अंदाजा लगा पाना संभव नहीं है. कृष्ण जन्माष्टमी के दिन कर्नाटक से विशेष पुष्पों द्वारा तैयार की गई मालाओं से कान्हा का श्रृंगार किया जाता है. साथ ही ठाकुर जी की पोशाक भी वृंदावन से ऑर्डर देकर बनवाई जाती है. लड्डू गोपाल की प्रतिमा के दर्शन करने के लिए भक्त देश के कोने-कोने से अलवर आते हैं.

गोपलजी की प्रतिमा में भाव के दर्शन
महाराज ने बताया कि वैसे तो लड्डू गोपाल की पूरे भारतवर्ष में कई प्रतिमाएं हैं, लेकिन अलवर के दिव्य धाम मंदिर में विराजित प्रतिमा खास है. यह प्रतिमा वजन में करीब 60 किलो की है तथा देखने पर यह करीब 5 वर्ष की बालक की तरह प्रतीत होती है. यह प्रतिमा अलवर में सन 1996 में विराजित की गई. प्रतिमा की ऊंचाई करीब 27 इंच है. वहीं भक्त जनों का कहना है कि लड्डू गोपाल की इस प्रतिमा में भाव भी प्रतीत होते हैं. जैसे आज लड्डू गोपाल प्रसन्न हैं, आज गोपालजी उदास हैं. आचार्य ने बताया कि समय-समय पर ठाकुर जी का रंग रूप व नेत्रों की चितवन बदलती रहती है. भक्तों द्वारा यहां पर आकर मन्नतें मांगी जाती हैं, जिसमें भक्त पर्ची पर मन्नत लिखकर भगवान को अर्पित करते हैं.

इस तरह हुए भगवान के दर्शन
सुदर्शनाचार्य ने बताया कि वह छत्तीसगढ़ जाते वक्त रास्ता भटक गए. छत्तीसगढ़ के महोबा जिले में श्रीनगर गांव में किसी अपरिचित व्यक्ति के घर जाकर रात्रि में उन्होंने विश्राम किया. उस अपरिचित व्यक्ति ने महाराज को इस प्रतिमा को दिखाया. अपरिचित व्यक्ति ने महाराज को इस प्रतिमा को भेंट किया. उस अपरिचित व्यक्ति ने भी इस प्रतिमा के बारे में इतना ही कहा कि यह प्रतिमा काफी सालों पुरानी है.

दो तरह से होता है अभिषेक
स्वामी सुदर्शनाचार्य ने बताया मंदिर में भगवान के अभिषेक की दो परंपरा है, एक एकांतिक कहलाती है तथा दूसरी दर्शनीय कहलाती है. प्रत्येक एकादशी को भगवान का एकांतिक अभिषेक किया जाता है और दर्शनीय अभिषेक कृष्ण जन्माष्टमी के पर्व पर किया जाता है, जिसमें चरण दर्शन होता है. इसमें भगवान को चरणामृत से स्नान करवाया जाता है. भक्त मंदिर में आकर भगवान के दर्शन कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.

Tags: Alwar News, Janmashtami, Local18

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