A human story for jamwa ramgarh fire accident victim family news | आखिरी फोन: हम आग में फंस गए हैं, बच नहीं पाएंगे, अंदर आए तो मारे जाओगे, परिवार का ध्यान रखना

धुलारावजी में केमिकल फैक्ट्री में आग लगने का मामला, बच्चों को बचाने में अंदर आग से घिरे रमेश की सतर्कता से बचा परिवार, फोनकर कहा: मुझे बचाने की कोशिश मत करना, माता-पिता और बहन की जिम्मेदारी संभालना
जयपुर
Published: January 31, 2022 08:52:36 pm
रामवतार गुर्जर / जयपुर। जमवारामगढ़ उपखंड क्षेत्र के धूलारावजी गांव की जोगियों की ढाणी में आग से घिरी केमिकल फैक्ट्री में बच्चों को बचाने घुसे रमेश सैनी ने मौत से काफी देर तक जंग लड़ी। वहां मिनटों में फैली भीषण आग में रमेश खुद को और बच्चों को तो नहीं बचा पाया, मगर अपने परिवार के अन्य सदस्यों को जीवनदान दे गया। रमेश की बहादुरी का किस्सा सुन सबकी आंखें नम हो रही थी।

रामकेश की जुबानी, पूरी दर्दनाक कहानी
करीब 9.45 बजे रहे थे और मैं फैक्ट्री से करीब एक किमी दूर अपने घर पर ही था। अचानक छोटे भाई रमेश का फोन आया और वह काफी घबराया हुआ था। उसने फोन उठाते ही कहा कि यहां फैक्ट्री में भीषण आग लगी है और इसमें बच्चे फंस गया, जिन्हें बचाने आया था। अब आग इतनी ज्यादा फैल चुकी है, कि मेरा बचना भी मुश्किल है। मैं पूरी तरह से झुलस चुका हूं, अब मेरे को बचाने का प्रयास मत करना है। इसके बाद उसने कहा कि मम्मी-पापा का पूरा ख्याल रखना और अब बहन की जिम्मेदारी भी तेरे पर छोड़ कर जा रहा हूं। इतना कहते ही फोन बंद हो गया।
एफएसएल टीम ने जुटाए साक्ष्य
घटना के दूसरे दिन एफएसएल टीम ने घटनास्थल का जायजा लिया। गृह विभाग विधि विज्ञान प्रयोगशाला के उप निदेशक राजवीर ने टीम के साथ फोटोग्राफी कर साक्ष्य जुटाए। मृतकों परिजन को दिए चेक
रविवार को जिला कलक्टर राजन विशाल ने मृतक परिजन को एक-एक लाख रुपए की सहायता मुयमंत्री सहायता कोष से दिलाने की घोषणा की थी। सोमवार को जमवारामगढ़ एसडीएम विश्वामित्र, विधायक गोपाल मीणा, प्रधान रामफूल गुर्जर, आंधी प्रधान मानसी मीणा ने मृतकों के परिजन को सहायता राशि के चेक सौंपे है।
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