Rajasthan

riico proposed its plan to develop marwar investment region | बारह वर्ष बाद जेपीएमआइए लेगा आकार, रीको ने 3068 हैक्टेयर का प्लान सरकार को भेजा

— पाली के रोहट में बनेगा औद्योगिक क्षेत्र, पहले चरण में एक हजार हैक्टेयर भूमि अवाप्ति जल्द शुरु

 

जयपुर

Updated: February 17, 2022 05:37:48 pm

जयपुर. दिल्ली—मुम्बई औद्योगिक कॉरिडोर (डीएमआइसी) परियोजना में 12 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद अब जोधपुर पाली मारवाड इन्वेस्टमेंट रीजन (जेपीएमआइए) को मूर्त रूप देने की प्रक्रिया शुरु हुई है। पहले चरण में सरकार पाली जिले की रोहट तहसील में 1089 हैक्टेयर भूमि अवाप्ति की प्रक्रिया शुरु करेगी। जबकि पूरा प्रोजेक्ट इलाके के नौ गांवों में फैले करीब 3068 हैक्टेयर के भूभाग पर दो चरणों में विकसित होगा। रीको ने इस बारे में योजना का अनुमोदन कर अंतिम मंजूरी के लिए राज्य सरकार को भेज दिया है। सरकार के मंजूरी देते ही पहले चरण के लिए भूमि अवाप्ति की प्रक्रिया शुरु होगी। डीएमआइसी के तहत वर्ष 2009 में केन्द्र और राज्य के बीच एमओयू हुआ था। लेकिन तब से अब तक पूरा प्रोजेक्ट सर्वे और अन्य औपचारिकताओं में ही फंसा हुआ था। वित्तीय वर्ष 2021—22 के बजट में ही सरकार ने परियेाजना की प्लानिंग के लिए 700 करोड़ रुपए का आवंटन किया था।

बारह वर्ष बाद जेपीएमआइए लेगा आकार, रीको ने 3068 हैक्टेयर का प्लान सरकार को भेजा

पहले फेज के दो भाग चलेंगे साथ—साथ रीको की योजना के अनुसार पहले चरण के दो हिस्सों में साथ— साथ कार्य चलेगा। एक हिस्सा 1089.88 हैक्टेयर निजी खातेदारी की भूमि का होगा, जिसकी अवाप्ति प्रक्रिया शुरु होगी। दूसरे हिस्से में सरकारी भूमि पर योजना के अनुसार बुनियादी ढ़ांचे के विकास संबंधी निविदा प्रक्रिया शुरू होगी।

55 एमएलडी पानी कैनाल से आवंटित जेपीएमआइए और पचपदरा रिफायनरी के चारों ओर विकसित हो रहे पेट्रोलियम, केमिकल और पेट्रोकेमिकल इन्वेस्टमेंट रीजन (पीसीपीआइआर) के लिए सरकार ने पिछले दिनों 55 एमएलडी पानी का आवंटन इंदिरा गांधी कैनाल से कर दिया था। इस पानी से दोनों क्षेत्रों में लगने वाली इकाइयों को पानी मिलेगा।

ऐसे बनेगा जेपीएमआइए — 3068.81 हैक्टेयर है परियोजना का कुल भूभाग
— 1733 हैक्टेयर का पहला और 1335 हैक्टेयर का दूसरा चरण
— 1191 हैक्टेयर में लगेंगी औद्योगिक इकाइयां
— 470 हैक्टेयर भूमि का आवासीय और व्यावसायिक उपयोग
— 205 हैक्टेयर में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब

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