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OLA-UBER को चुनौती देने उतरी जयपुर कैब ऐप… आखिर ऐसा क्या है खास, बनी चर्चा का केंद्र!

Last Updated:October 10, 2025, 04:56 IST

Jaipur News: जयपुर कैब एप से चार हजार टैक्सी चालक जुड़े, ओला ऊबर के मुकाबले सस्ती राइड और बेहतर कमाई का दावा, लेकिन सरकारी एग्रीगेटर लाइसेंस की मंजूरी अभी लंबित है.

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OLA-UBER को चुनौती देने उतरी जयपुर कैब ऐप... इस कारण से बनी चर्चा का केंद्र!

आसिफ मोहम्मद/जयपुर. शहर में कैब कंपनियों के बीच टकराव का नया दौर शुरू हो गया है. इस बार मामला यात्रियों की सुविधा और टैक्सी चालकों के हित से जुड़ा है. निजी कैब कंपनियों के बढ़ते दबदबे और भारी कमीशन से परेशान जयपुर के टैक्सी चालकों ने खुद की एक नई एप बना ली है, जिसका नाम रखा गया है ‘जयपुर कैब एप’. दावा किया जा रहा है कि इस एप के जरिए यात्रियों को सस्ती राइड और चालकों को बेहतर कमाई का मौका मिलेगा. लेकिन फिलहाल इस नई पहल को सरकारी मंजूरी नहीं मिली है.

जानकारी के मुताबिक, जयपुर कैब एप से अब तक करीब चार हजार टैक्सी चालक जुड़ चुके हैं. इन चालकों का कहना है कि निजी कैब कंपनियां जैसे ओला और ऊबर यात्रियों से ज्यादा किराया वसूलती हैं और चालकों को बहुत कम हिस्सा देती हैं. यही वजह है कि उन्होंने मिलकर एक लोकल एप तैयार की है, जिससे सीधा फायदा स्थानीय ड्राइवरों और यात्रियों दोनों को हो सके.

सरकारी अनुमति का इंतजाहालांकि, परिवहन विभाग ने फिलहाल इस एप को लाइसेंस नहीं दिया है. विभाग का कहना है कि किसी भी ऐसी एप को मान्यता तभी दी जा सकती है जब उसके पास ‘एग्रीगेटर लाइसेंस’ हो. परिवहन विभाग के अधिकारी के मुताबिक, जयपुर कैब एप का प्रस्ताव विचाराधीन है, लेकिन अभी तक राज्य सरकार ने एग्रीगेटर व्यवस्था को पूरी तरह अपनाया नहीं है. इसलिए फिलहाल एप को वैध अनुमति नहीं दी जा सकती.

स्थानीय समाधान बताकर कर रहे हैं प्रचार
वहीं, एप से जुड़े टैक्सी चालक इसे ‘स्थानीय जरूरत का समाधान’ बता रहे हैं. उनका कहना है कि वे बिना किसी बिचौलिए के यात्रियों को सीधी सेवा देना चाहते हैं. इससे किराया भी कम रहेगा और ड्राइवरों की आमदनी पर किसी तरह की कटौती नहीं होगी. परिवहन विभाग के अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक, किसी भी एप आधारित कैब सर्विस को एग्रीगेटर लाइसेंस लेना जरूरी है. लेकिन राज्यों ने अभी इस व्यवस्था को पूरी तरह लागू नहीं किया है. ऐसे में जयपुर कैब एप के संचालन पर फिलहाल असमंजस की स्थिति बनी हुई है.
Anand Pandey

नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल…और पढ़ें

नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल… और पढ़ें

Location :

Jaipur,Rajasthan

First Published :

October 10, 2025, 03:20 IST

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