These Days Women Facing Four Main Health Problems – Corona effects: महिलाओं की जिम्मेदारी बढऩे से ये 4 परेशानियां बढ़ीं

कोरोना काल में महिलाओं की बढ़ी जिम्मेदारियों का दुष्प्रभाव दिखने लगा है। हाल के दिनों में महिलाओं में तनाव और काम की अधिकता से कई तरह की सेहत संबंधी परेशानियां भी होने लगी हैं।

कोरोना काल में महिलाओं की बढ़ी जिम्मेदारियों का दुष्प्रभाव दिखने लगा है। हाल के दिनों में महिलाओं में तनाव और काम की अधिकता से कई तरह की सेहत संबंधी परेशानियां भी होने लगी हैं। हर वर्ष 28 मई को अंतरराष्ट्रीय महिला सेहत दिवस मनाते हैं। जानते हैं अभी महिलाओं में होने वाली चार समस्याओं के बारे में-
मासिक चक्र में 7-10 दिन की देरी
सलाह : कोरोना काल और लॉकडाउन में 30-40त्न महिलाओं में अनियमित माहवारी की समस्या सामने आई है। अधिकतर महिलाओं में 7-10 दिन देरी से पीरियड्स आ रहे हैं। इसको लेकर परेशान न हों। अगर दो सप्ताह से अधिक देरी हो रही है तो डॉक्टर्स से संपर्क करें। यह मानसिक तनाव और दिनचर्या बिगडऩे से हो रहा है। देर रात सोने और सुबह देरी से उठने से बचें। ज्यादा नमकीन-मीठा और तला-भुना खाने का परहेज करें। मन को प्रसन्न रखने के लिए अपने शौक वाले काम के लिए भी समय निकालें।
वजन बढऩे से पीसीओडी की दिक्कत
सलाह: यह समस्या मुख्य रूप से खराब दिनचर्या और अधिक वजन से होती है। घर में 40-45 मिनट ही सही, व्यायाम करें। घर के कार्यों को व्यायाम में न जोड़ें। घरेलू कामों से व्यायाम जैसा शरीर सक्रिय नहीं होता है। इसलिए उतना लाभ नहीं मिलता है। हैल्दी डाइट लें।
कमर और रीढ़ की हड्डी में दर्द
सलाह : इन दिनों घर में महिलाओं पर काम का बोझ बढ़ा है। कामवाली नहीं आ रही है। बच्चों की छुट्टियां, पुरुषों का वर्क फ्रॉम होम, खाने-पीने की चीजें बाहर से न आने पर सबसे लिए मनपंसद व्यंजन बनाने की चुनौती बढ़ी है। तनाव के साथ शारीरिक थकान हो रही है। ज्यादा समय खड़े रहने से कमर-रीढ़ की हड्डी में दर्द की समस्या बढ़ी है। उठने-बैठने का तरीका सही रखें। कार्यों में पुरुषों और बच्चों की मदद लें। एक साथ काम करने की जगह बीच-बीच में आराम करें। गर्म सेक करने से भी आराम मिलेगा।
असामान्य बच्चों की आशंका भी
सलाह: गर्भवती महिलाओं ने पिछले लॉकडाउन में जरूरी जांचें कम करवाईं। गर्भ की जांच नहीं होने से हाल के दिनों में कई असामान्य बच्चों का जन्म हुआ। ऐसी समस्या न हो इसके लिए डॉक्टरी सलाह से गर्भवती 3, 5 और 8वें माह में अल्ट्रासाउंड करवाएं। इनमें एनॉमली टेस्ट भी शामिल है। इससे गर्भ में विकृतियों का पता चल जाता है।
डॉ. मेघा शर्मा
स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ, कोटा