दिल्ली: यमुना सफाई के लिए ट्रैश स्किमर और वीड हार्वेस्टर का उपयोग

Agency:Hindi
Last Updated:February 17, 2025, 23:19 IST
Yamuna Cleaning Plan: दिल्ली में यमुना की सफाई का काम शुरू हो चुका है. नदी को साफ करने के लिए ट्रैश स्किमर और वीड हार्वेस्टर जैसी बड़ी-बड़ी मशीनों को काम पर लगाया गया है. तो चलिये जानते हैं ये मशीनें कैसे काम क…और पढ़ें
दिल्ली में यमुना नदी की सफाई में बड़ी-बड़ी मशीनें लगाई गई हैं.
राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव के दौरान यमुना की सफाई प्रमुख मुद्दा रही. बीजेपी ने इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी पर खूब प्रहार भी किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव रैली में यमुना की सफाई का वादा भी किया था. अब दिल्ली चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद नदी की सफाई का काम शुरू हो गया है.
दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने शनिवार को मुख्य सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव (सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण) से मुलाकात की और उन्हें तुरंत काम शुरू करने को कहा. यमुना नदी की सफाई से जुड़े वीडियो जारी करते हुए उपराज्यपाल कार्यालय ने बताया कि यमुना नदी की सफाई का काम शुरू हो चुका है. कचरा उठाने, खरपतवार निकालने और अन्य गंदगी को हटाने के लिए स्किमर और वीड हार्वेस्टर जैसी मशीनों के जरिये यमुना की सफाई की जा रही है.
तो चलिये जानते हैं कि ये ट्रैश स्कीमर और वीड हार्वेस्टर जैसी आधुनिक मशीनों कैसे काम करती है…
ट्रैश स्किमर कैसे करती है काम?ट्रैश स्किमर एक स्पेशलाइज्ड नाव की तरह होती है, जिसे नदी की सतह पर तैरते हुए कचरे को इकट्ठा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इसके अगले हिस्से में एक कन्वेयर बेल्ट लगी होती है, जो पानी की सतह पर तैरते प्लास्टिक, थर्मोकोल, पत्ते, बोतलें और अन्य कचरे को खींचकर इकट्ठा करती है. यह कचरे को मशीन के अंदर लगे डिब्बे में स्टोर करती है.
इस ट्रैश स्किमर में एक फिल्टरिंग सिस्टम होता है, जो कचरे और पानी को अलग करता है. पानी वापस नदी में चला जाता है और कचरा डिब्बे में इकट्ठा होता रहता है. जब डिब्बा भर जाता है, तो मशीन इसे किनारे पर लाकर डंपिंग साइट पर खाली करती है. इसके बाद कचरे को रिसाइक्लिंग या उपयुक्त निपटान के लिए भेजा जाता है.
जलकुंभी हटाती है वीड हार्वेस्टरवीड हार्वेस्टर मशीनें जलकुंभी और दूसरे खरपतवार को हटाने के लिए उपयोग की जाती हैं. जलकुंभी नदी के जल प्रवाह को रोकती है और पानी की गुणवत्ता को खराब करती है. वीड हार्वेस्टर में एक कटिंग ब्लेड और कन्वेयर बेल्ट होती है, जो जलकुंभी को जड़ से काटकर उसे कन्वेयर बेल्ट पर खींचती है. यह कटी हुई जलकुंभी को मशीन के भंडारण डिब्बे में इकट्ठा करती है.
जलकुंभी को हटाने से पानी में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है, जिससे जलीय जीवों को स्वस्थ वातावरण मिलता है. यह नदी के जल प्रवाह को भी सामान्य बनाती है. डिब्बा भर जाने के बाद, मशीन इसे किनारे पर लाकर डंपिंग साइट पर खाली करती है. इन जलकुंभियों को फिर खाद या बायोफ्यूल बनाने के लिए रिसाइक्लिंग किया जा सकता है.
ट्रैश स्किमर और वीड हार्वेस्टर नदी की सतह और अंदर के कचरे को तेजी से हटाते हैं, जिससे मानव श्रम की आवश्यकता कम होती है. यह सफाई प्रक्रिया को तेज़, सटीक और प्रभावी बनाते हैं. ये मशीनें पर्यावरण के अनुकूल होती हैं और जलीय जीवन को नुकसान पहुंचाए बिना कचरे को साफ करती हैं.
कब तक साफ हो जाएगी यमुना नदीअब एक सवाल उठता है कि आखिर यमुना नदी कब तक साफ हो पाएगी. इस पर दिल्ली के अतिरिक्त मुख्य सचिव (आई एंड एफ सी) नवीन कुमार चौधरी ने जवाब दिया है. उन्होंने कहा, ‘उच्चतम स्तर से मिले निर्देशों के अनुसार हम यमुना को 3 साल में साफ करेंगे. 2027 से पहले हम इसे साफ करने की कोशिश करेंगे. यह काम 3-4 चरणों में किया जाएगा…’
बता दें कि यमुना नदी की सफाई के लिए चार सूत्री रणनीति बनाई गई है. सबसे पहले यमुना के पानी में जमा कचरा, कूड़ा और गाद को हटाया जाएगा. वहीं नजफगढ़ नाला, सप्लीमेंट्री नाला और अन्य सभी प्रमुख नालों की सफाई का काम भी शुरू हो जाएगा. तीसरी रणनीति में मौजूद सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (एसटीपी) की क्षमता और उत्पादन पर रोजाना निगरानी रखी जाएगी. वहीं, चौथी रणनीति के तहत नई एसटीपी और डीएसटीपी के निर्माण के लिए एक समयबद्ध योजना तैयार की गई है, ताकि लगभग 400 एमजीडी गंदे पानी की वास्तविक कमी को पूरा किया जा सके.
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि नगर की औद्योगिक इकाइयां नालों में गंदा पानी न छोड़ें. यह कदम यमुना नदी के पुनरुद्धार प्रयासों के तहत उठाया गया है, ताकि नदी के पानी की गुणवत्ता में सुधार किया जा सके और प्रदूषण पर काबू पाया जा सके.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
February 17, 2025, 23:19 IST
homeknowledge
यमुना की सफाई में जुटीं बड़ी-बड़ी मशीनें, कैसे करती हैं काम? समझें पूरा प्लान