Bikaner News : मशहूर है बीकानेर का रसगुल्ला, 20 से अधिक देशों में इसकी डिमांड, करोड़ों का कारोबार
निखिल स्वामी/ बीकानेर. पश्चिम बंगाल की मिठाई रसगुल्ले को अब बीकानेर का रसगुल्ला टक्कर दे रहा है. जिस तरह बंगाल का रसगुल्ला प्रसिद्ध है तो वहीं बीकानेर का रसगुल्ला भी काफी प्रसिद्ध है. हालांकि पश्चिम बंगाल में इस मिठाई का जन्म हुआ है लेकिन अब रसगुल्ला को व्यापार ओर नाम बीकानेर से मिल रहा है. हर साल अकेले बीकानेर में करोड़ो को कारोबार होता है. रसगुल्ले की इतनी डिमांड है की यह देश के कोने कोने में जाता है तो वही 20 से अधिक देश में इसकी सप्लाई होती है.
रसगुल्ला व्यापारी रामेश्वर लाल ने बताया कि वे 56 सालो से रसगुल्ले का व्यापार कर रहे है. ऐसे में रसगुल्ले कि डिमांड तो लगातार बढ़ती जा रही है. बीकानेर में रसगुल्ले दो तरह के है.इसके भी बीकानेर में बनने पर अलग ही स्वाद होने का दावा किया जाता है. एक तो खुरमानी रसगुल्ला यानी छोटा आकार और दूसरा सामान्य रसगुल्ला बनता है. इसमें स्पंजी रसगुल्ला बोलते है.
आपके शहर से (बीकानेर)
खुरमनी रसगुल्ला 180 रुपए किलो बिकता है. वही स्पंजी रसगुल्ला 260 रुपए किलो बिकता है. वे बताते है किपश्चिमी बंगाल की यह मिठाई करीब सवा सौ साल पहले बीकानेर आई. दुधारू पशुओं वाले पश्चिमी राजस्थान में दूध से छीनी की मिठाई बनाने का खाद्य प्रसंस्करण 1911 में शुरू हुआ.अब तो छोटी-बड़ी दर्जनों इकाइयों में रसगुल्ला का व्यवसायिक उत्पादन और पैकिंग होती है.बीकानेर में रसगुल्ला, भुजिया-पापड़ और बड़ी समेत एग्रो फूड प्रोसेसिंग की छह सौ इकाइयां यानी फैक्ट्री हैं. इन उद्योग पर करोड़ो का कारोबार होता है. बीकानेर के करीब अस्सी हजार लोग मिठाई और नमकीन के इस कारोबार से प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार पा रहे हैं.
स्थानीय लोगों को पैकिंग नहीं पसंद
हालांकि स्थानीय लोग यहां बनने वाली पैकिंग मिठाइयां और नमकीन को ज्यादा पसंद नहीं करते है. वह तो ताजा बने खुली मिलने वाली मिठाइयां और नमकीन ही अपनी दैनिक जरूरत के हिसाब से खरीदते हैं.
इस तरह बनता है रसगुल्ला
व्यापारी रामेश्वरलाल ने बताया कि गाय के ताजे दूध को गर्म करने के बाद उसमें नमकीन पानी डाला जाता है. नमकीन पानी दूध को फाड़ देता है. फटे हुए दूध और पानी को अलग अलग कर दिया जाता है और इसके बाद छेना तैयार किया जाता है. अलग किए गए छैने की छोटी-छोटी गोलियां बनाई जाती है. फिर इन गोलियों को चाशनी में डाला जाता है. निश्चित समय के बाद इन्हें हिलाया जाता है. इन्हें कभी ठंडे तो कभी गर्म पानी में डालकर तैयार किया जाता है ताकि यह ज्यादा से ज्यादा स्पंजी बन सके. जब छैने की गोलिया लगभग दुगने आकार में आ जाते हैं तब रसगुल्ले बनकर तैयार हो जाते हैं और इन रसगुल्ले को चाशनी में डालकर रख दिया जाता है.
इन देशों में जाता है रसगुल्ला
व्यापारी ने बताया कि बीकानेर का रसगुल्ला दुनिया के सभी प्रमुख देशों में निर्यात होने लगा है। वह अभी 28 देशों में नमकीन और मिठाई भेज रहे हैं. इनमें न्यूजीलैंड, यूएस, यूके, कनाडा, इटली, फ्रांस, जर्मनी, आस्ट्रेलिया, दुबई, कुवैत, जापान आदि देश शामिल है.
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Tags: Bikaner news, Rajasthan news
FIRST PUBLISHED : May 04, 2023, 16:15 IST