Rajasthan

Three MLAs Of Barmer, This Will Come In The Encounter Case – बाड़मेर के तीनों विधायकों की माकन से मंत्रणा के बाद एनकाउंटर मामले में यह आएगा मोड़

राजस्थान कांग्रेस में चल रहे सियासी घमासान के बीच अब बाड़मेर के तीन कांग्रेस विधायक आज दिल्ली में प्रदेश प्रभारी अजय माकन से मिलेंगे।

राहुल सिंह

जयपुर। राजस्थान कांग्रेस में चल रहे सियासी घमासान के बीच अब बाड़मेर के तीन कांग्रेस विधायक आज दिल्ली में प्रदेश प्रभारी अजय माकन से मिलेंगे। तीनों विधायक कल दिल्ली पहुंच गए थे और वे कांग्रेस मुख्यालय भी गए थे। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी से भी मिलने का समय मांगा हुआ है। माना जा रहा है कि उनकी सोनिया या राहुल गांधी से नहीं माकन से मुलाकात हो जाएगी जिसमें वे अपनी बात रखेंगे।

सत्ता— संगठन के साथ एनकाउंटर मामले पर चर्चा-

सूत्रों के अनुसार बाडमेर से विधायक मेवाराम जैन, पचपदरा से विधायक मदन प्रजापत और शिव से विधायक अमीन खां कल अचानक दिल्ली पहुंच गए थे। तीनों विधायकों के दिल्ली जाने के बाद राजस्थान में राजनीतिक चर्चाओं का दौर भी शुरू हो गया था और नेता अपने अपने राजनीतिक कयास लगा रहे है। तीनों विधायकों को सीएम अशोक गहलोत का समर्थक माना जाता है।

कमलेश एनकाउंटर मामले की आंच-

सूत्रों के अनुसार तीनों विधायक बाडमेर में हुए कमलेश प्रजापत एनकाउंटर मामले को लेकर एक नेता की भूमिका की जांच के मामले में बात करेंगे। गहलोत सरकार ने इस एनकाउंटर मामले की जांच अब सीबीआई को सौंप दी गई है और सीबीआई अब जल्द ही इसे अपने हाथ में लेगी। पचपदरा से विधायक मदन प्रजापत ने इस मामले की जांच के लिए सीएम गहलोत से मांग की थी। इसके बाद गहलोत ने इसे मंजूर कर मामला सीबीआई को दे दिया था। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी सीएम गहलोत की ओर से भेजी सिफारिश को मान लिया है। बाडमेर में हुए इस एनकाउंटर मामले को लेकर कई राजनीतिक चर्चाएं भी चली थी।

विधायक बोले, आलाकमान से मिलेंगे-
दिल्ली पहुंचे पचपदरा से विधायक मदन प्रजापत ने कहा है कि हमें दिल्ली आए बहुत समय हो गय था इसलिए प्रभारी अजय माकन और आलाकमान से मिलने का समय मांगा है। अब प्रभारी और आलाकमान से मिलेंगे। प्रजापत ने ये भी कहा कि वैसे कोई विशेष काम नहीं था। विधायक अमीन खान ने भी यही बात दोहराई और कहा कि जयपुर में बैठे थे और अब दो दिन के लिए दिल्ली आ गए हैं।

गौरतलब है कि जिले के ही वरिष्ठ विधायक हेमाराम चौधरी को सचिन पायलट के खेमे का माना जाता है और उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा भी दिया हुआ है। हालांकि इस्तीफा मंजूर नहीं किया गया है। चौधरी के इस्तीफे देने के बाद प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया था। सीएम गहलोत और पायलट गुट खुलकर बयानबाजी कर रहे थे। शुक्रवार को पायलट समर्थक विधायक वीरेन्द्र सिंह और विधानसभा चुनाव लड़े मनीष यादव ने भी माकन से मुलाकात की थी। अब इन तीनों विधायकों की मुलाकात भी नया घमासान शुरु कर सकती है।

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