Dausa News: 839 स्कूल मौत के साए में! दौसा में ढहते भवनों में पढ़ रहे हैं बच्चे, फिर भी अफसर बेखबर

दौसा. जिले में बड़ी संख्या में सरकारी स्कूल जर्जर भवनों में संचालित हो रहे हैं. स्कूलों के खस्ताहाल भवनों को लेकर संस्था प्रधानों द्वारा कई बार शिकायत की जा चुकी है, लेकिन हालात में कोई सुधार नहीं हुआ है. इन जर्जर भवनों में बच्चे रोजाना जान जोखिम में डालकर पढ़ाई कर रहे हैं. जिला मुख्यालय के साथ-साथ ब्लॉकों में भी कई विद्यालय ऐसे हैं जो बेहद जर्जर हालात में संचालित किए जा रहे हैं. स्थिति यह है कि खुद जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय माध्यमिक भी जर्जर भवन में चल रहा है.
दौसा शहर के लगभग आधा दर्जन विद्यालयों के भवनों की हालत इतनी खराब है कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. इनमें बेसिक किला सागर, व्यास मोहल्ला, भोमियाजी, चौकीदार ढाणी और मीणा कॉलोनी शामिल हैं, जहां दीवारों में दरारें और छतों से टपकता पानी एक आम बात है. वहीं सिकराय उपखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत घूमना की जखवा, चांदूसा गांव, मौहलाई, डोल्या माली ढाणी, संवास, गढ़ोरा, गीजगढ़, बहरावंडा पीएम विद्यालय समेत दर्जनों गांवों के स्कूल जर्जर भवनों में संचालित हो रहे हैं. इन भवनों को लेकर स्थानीय लोगों ने भी कई बार नाराजगी जताई है.
839 स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों की हालत बेहद खराब, मरम्मत अधर में
जानकारी के अनुसार जिले में कुल 839 स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र ऐसे हैं जो जर्जर भवनों में संचालित हो रहे हैं. आपदा प्रबंधन के तहत इन भवनों की मरम्मत के प्रस्ताव भेजे गए हैं, लेकिन अभी तक सिर्फ 18 भवनों के ही वर्क ऑर्डर जारी किए गए हैं. वहीं कुछ भवनों की मरम्मत पहले भी करवाई गई थी, लेकिन ठेकेदारों ने ठीक से कार्य नहीं किया, जिससे बरसात के दौरान फिर से पानी टपकने लगा है. इस लापरवाही के चलते बच्चों की सुरक्षा से समझौता किया जा रहा है.
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय भी खुद है खतरनाक स्थिति मेंदौसा जिला मुख्यालय पर स्थित जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक का कार्यालय खुद जर्जर भवन में संचालित हो रहा है. बारिश के दौरान भवन से लगातार पानी टपकता है, जिससे वहां काम करने वाले करीब 40 अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ ही वहां आने वाले अभिभावकों और शिक्षकों को भी खतरा बना रहता है. इसको लेकर जिला शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार शर्मा ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर नया भवन बनवाने की मांग की है.
शिक्षा विभाग ने दिए सख्त निर्देश, लेकिन कार्रवाई धीमी
जिला शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार शर्मा ने स्पष्ट किया है कि जिले के सभी संस्था प्रधानों को निर्देशित किया गया है कि जर्जर भवनों में बच्चों को न बैठाएं. 839 स्कूलों और आंगनबाड़ियों की मरम्मत के लिए प्रस्ताव भेजा गया है और फिलहाल केवल 18 के ही वर्क ऑर्डर जारी हुए हैं. साथ ही स्कूल भवनों के ऊपर से गुजर रही हाई टेंशन लाइनों की रिपोर्ट भी मांगी गई है, ताकि उन्हें हटाया जा सके. शनिवार को ‘नो बैग डे’ के तहत स्कूल भवनों की छतों की सफाई कराने के निर्देश भी जारी किए गए हैं.
अभिभावकों ने जताई चिंता, भवन नहीं सुधरे तो बच्चों को भेजना होगा बंदजिन विद्यालयों की स्थिति गंभीर है, वहां के अभिभावक खुद स्कूल पहुंचकर हालात का जायजा ले रहे हैं. उन्होंने शिक्षकों से स्पष्ट कहा है कि यदि जल्द ही भवनों की मरम्मत नहीं करवाई गई, तो वे अपने बच्चों को स्कूल भेजना बंद कर देंगे. झालावाड़ जैसी घटनाओं के बाद दौसा के ग्रामीण इलाकों में भी डर का माहौल बन गया है. लोग सरकार और प्रशासन से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि बच्चों की सुरक्षा को गंभीरता से लिया जाएगा और विद्यालय भवनों की मरम्मत शीघ्र करवाई जाएगी.