Rajasthan

Made Air-conditioned Building, But Not Make Arrangement Air Quality – वातानुकूलित इमारतें बना दी, पर नहीं किया एयर क्वालिटी का पूरा इंतजाम

दिल्ली हाईकोर्ट ने जताई है जरूरत, राजस्थान के बिल्डिंग बायलॉज में ऐसा प्रावधान ही नहीं

भवनेश गुप्ता
जयपुर। शहरों में वातानुकूलित (एयर कंडीशन) बिल्डिंगें तो बना दी गई, लेकिन ज्यादातर में एयर क्वालिटी कंट्रोल करने का मैकेनिज्म ही नहीं है। खासकर, सार्वजनिक भवन, कॉमर्शियल मॉल्स में यह परेशान सामने आ रही है। कोरोना महामारी में यह हालात खुलकर सामने आ रहे हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने भी एक ऐसे ही मामले में केन्द्र सरकार को निर्देश दिए हैं कि वे विशेषज्ञों के साथ मिलकर वातानुकूलित भवनों में एयर क्वालिटी मैकेनिज्म ( वेंटिलेशन डायल्यूशन) विकसित करें। इससे स्वच्छ हवा के इमारत के भीतर आने और अंदर की हवा बाहर जाने का बेहतर संसाधन हो। राजस्थान में भी ऐसे ही हालात हैं। यहां बिल्डिंग बायलॉज तो बना दिए, लेकिन एयर क्वालिटी मैकेनिज्म की पुख्ता व्यवस्था के लिए किसी तरह के प्रावधान या गाइडलाइन नहीं है। नतीजा, कुछ एक बड़ी इमारतों को छोड़ कहीं भी इस तरह के जरूरत को पुख्ता तरीके से पूरा नहीं किया गया है।

एयर हैंडलिंग यूनिट का क्या उपयोग
जिन इमारत, भवनों में कॉमन एरिया होता है और लोगों की आवाजाही होती है, वहां एयर क्वालिटी कंट्रोल करने के लिए एयर हैंडलिंग यूनिट (एएचयू) लगाई जाती है। यह उस इमारत, भवन के अंदर हवा की गुणवत्ता को आमजन की जरूरत के अनुरूप रखता है। जयपुर शहर में जेएलएन मार्ग स्थित एक कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स में एएचयू लगा हुआ है। इसके अलावा कुछ आवासीय इमारतों के कॉमन एरिया में यह उपकरण है।

प्रावधान नहीं होने के कारण अधूरा
बिल्डिंग बायलॉज में प्रावधान या गाइलाइलन नहीं होने के कारण ज्यादातर बिल्डर एयर हैंडलिंग यूनिट नहीं लगा रहे हैं। इसका सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। खासकर, कोरोना महामारी और श्वास से जुड़ी बीमारियों में ऐसी स्थिति परेशान करने वाली है। इसी कारण दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगी और कोर्ट ने विशेषज्ञों के साथ मंथन कर वातानुकूलित पब्लिक बिल्डिंग, बसों में एयर क्वालिटी की पूरी व्यवस्था करने की जरूरत जताई है।

-बदलती तकनीक और सुविधाओं के लिहाज से सौ फीसदी एयर कंडीशन्ड युक्त बिल्डिंग बन रही है। यह सही है कि इसमें एयर क्वालिटी का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। वैसे ज्यादातर बिल्डरें का इस पर फोकस कर है। सरकार बिल्डिंग बायलॉज में प्रावधान करती है या गाइडलाइन बनाती है तो यह आमजन के लिए और भी बेहतर होगा।
-विनय जोशी, चेयरमेन, राजस्थान अफोर्डोबल हासिंग डवलपर्स एसोसिएशन





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