Groundwater Level: भूजलस्तर को गिरने से बचाने की कवायद

Groundwater Level: जयपुर. राजधानी जयपुर के भूजलस्तर को गिरने से बचाने के लिए जेडीए कई नवाचार कर रहा है। शहर में स्थित सभी बड़े और छोटे पार्कों हरा-भरा बनाए रखने के लिए जेडीए एसटीपी और सीईटीपी से पानी दिया जाएगा। हालांकि शहर के कुछ पार्को में एसटीपी यानि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटऔर सीईटीपी के साफ पानी का उपयोग पार्क की हरियाली के लिए किया जा रहा है।
सहकार मार्ग पर स्थित एक एमएलडी पानी के सीईटीपी से विधानसभा, सेंट्रल पार्क, सहकार के मार्ग के छोटे उद्यान में पानी दिया जा रहा है। खास बात यह है पार्को और एसएमएस स्टेडियम को हरा-भरा रखने के लिए बड़ी मात्रा में भू-जल का उपयोग किया जाता है। भू-जल दोहन में कमी से शहर के जलस्तर में सुधार आएगा।
जेडीए ने लिखा पत्र
जेडीए के उदयान शाखा के अधिकारियों के मुताबिक एसटीपी और सीईटीपी से निकलने वाले साफ पानी का उपयोग पार्को में देने की मांग को लेकर सम्बंधित विभाग को पत्र लिखा है। यहां से पानी मिलने पर भू-जल का दोहन कम होगा। वहीं जेडीए के इंजीनियरिंग प्रथम के निदेशक के मुताबिक इमली फाटक स्थित सीईटीपी से निकलने वाले साफ पानी का उपयोग वर्तमान में चार जगहों पर किया जा रहा है, इसमें विधानसभा, सेंट्रल पार्क सहित कुछ अन्य जगह शामिल है। पानी संग्रहण के लिए आगामी दिनों में टैंकर बनाने के साथ जल सप्लाई के लिए लाइन भी डालने की योजना है।
यहां की बना रहा अब योजना
अब जेडीए जवाहर सर्किल, स्वर्ण जयंती गार्डन,सिल्वन पार्क, रामनिवास बाग सहित अन्य छोटे बड़े सभी पार्को में एसटीपी और सीईटीपी पानी देने की योजना बना रहा है। हालांकि जेडीए अधिकारियों के मुताबिक शहर में चल रहे एसटीपी और सीईटीपी का पानी फिलहाल नदी या नाले में छोड़ने की बजाय पार्को में देना अच्छा होगा। शहर में जेडीए के अधीन आठ एसटीपी और एक सीईटीपी है।
द्रव्यवती नदी सहित अलग-अलग स्थानों पर एसटीपी और इमली फाटक के पास सीईटीपी बना हुआ है। इनके माध्यम से प्रदूषित पानी को साफ कर सीधे नदी और नालों में छोड़ा जाता है। इन सभी एसटीपी और सीईपीटी की देखभाल सहित अन्य खर्चो के रुप में जेडीए हर साल लाखों रुपए खर्च करता है।