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अमिताभ-शाहरुख-सुनील दत्त, बड़े स्टार्स की 3 एक जैसे कलाइमैक्स वाली फिल्में, जिन्हें देख नम हो जाएंगी आंखें

नई दिल्ली. बॉलीवुड की कई ऐसी यादगार फिल्में हैं जिन्हें दर्शक आज भी देखना पसंद करते हैं. खासतौर पर वो फिल्में जिनकी कहानी, किरदार और गानों ने लोगों को दीवाना बना दिया था. खासतौर पर कुछ ऐसी फिल्मों के क्लाइमैक्स जिन्हें देख लोगों की आंखें नम हो गई थीं. कुछ फिल्मों ने तो बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड बना दिए थे. शाहरुख खान, अमिताभ बच्चन और सुनील दत्त की भी फिल्में ऐसी ही है जिनके क्लाइमैक्स बिल्कुल एक जैसे हैं और वो आज भी लोग देखना पसंद करते हैं.

हम जिन फिल्मों की बात कर रहे हैं वो ‘मदर इंडिया’, ‘बाजीगर’ और ‘दीवार’ ये तीनों ही फिल्में जब सिनेमाघरो में रिलीज हुई तो बॉक्स ऑफिस पर तहलका मच गया था. ये हिंदी सिनेमा की वो फिल्में हैं जिन्होंने रिलीज के बाद इतिहास रच दिया था. इन तीनों ही ब्लॉकबस्टर फिल्मों में एक चीज कॉमन थी, वो था इनका अंत. तीनों फिल्म के अंत में हीरों की मौत हो जाती हैं और वो भी अपनी ही मां की गोद में. जब ये फिल्में रिलीज हुई तो दर्शक थिएटर में फूट-फूट कर रोए थे.

साल 1993 की ब्लॉकबस्टर फिल्म
यूं तो शाहरुख खान ने करियर की शुरुआत में ही दीवाना फिल्म में नेगेटिव किरदार निभाकर वाहवाही लूटी थी. लेकिन साल 1993 में अब्बस-मस्तान के निर्देशन में बनी फिल्म ‘बाजीगर’ने तो उन्हें इंडस्ट्री में नई पहचान दिलाई थी. इस फिल्म के बाद शाहरुख को बाजीगर के नाम से ही पहचाना जाने लगा था. ये सुपरस्टार के करियर के लिए टर्निंग प्वाइंट साबित हुई. इस फिल्म में शाहरुख ने नेगेटिव किरदार निभाया था और फिल्म के क्लाइमैक्स वह अपनी मां की गोद में ही दम तोड़ देते है. ये उस साल की ब्लॉकबस्टर फिल्म साबित हुई थी.

amitabh bachchan

इतिहास रचने वाली फिल्में

अमिताभ बच्चन की यादगार फिल्म
यूं तो अमिताभ बच्चन ने अपने करियर में कई ब्लॉकबस्टर फिल्मों में काम किया है. लेकिन साल 1975 में आई उनकी फिल्म ‘दीवार’ उनके करियर के लिए मील का पत्थर साबित हुई थी. फिल्म ने अमिताभ बच्चन के करियर को नई ऊंचाईयां दी थी. सलीम खान और जावेद अख्तर की जोड़ी ने जबरदस्त डायलॉग लिखे और अमिताभ बच्चन के किरदार ने लोगों को हैरान कर दिया. इस फिल्म में अमिताभ अपनी मां की गोद में ही आखिरी सांसें लेते नजर आए थे. इस इमोशनल सीन ने लोगों का दिल ऐसा जीता फिल्म उनके करियर की यादगार फिल्म बन गई.

इतिहास रचने वाली फिल्म
यूं तो इंडस्ट्री में कई यादगार फिल्में बनाई जा चुकी हैं. लेकिन कुछ फिल्में इतिहास रच देती हैं. राजेंद्र कुमार, सुनील दत्त और नरगिस स्टारर फिल्म मदर इंडिया भी ऐसी ही एक फिल्म है. साल 1957 में जब ये फिल्म आई तो हिंदी सिनेमा को एक नई दिशा मिली. महबूब खान की फिल्म कई मायनों में एक अहम फिल्म साबित हुई. इस फिल्म की कमाई ने तो उस दौर में बॉक्स ऑफिस को हिलाकर रख दिया था. ये फिल्म ऑस्कर तक पहुंची थी. फिल्म में सुनील दत्त ने नरगिस के बेटे का किरदार निभाया था. इस फिल्म में भी आखिर में सुनील अपनी मां की गोद में सिर रखकर अपनी आंखिरी सांसें लेते हैं और दम तोड़ देते हैं. ये सीन देख आज भी लोगों की आंखें नम हो जाती है.

Tags: Amitabh Bachachan, Entertainment Special, Sunil dutt

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