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बौद्ध भिक्षुओं ने लद्दाख में निकाली ‘शांति पदयात्रा’, कहा- वैश्विक शांति निर्माता के रूप में उभरे हैं पीएम मोदी

लद्दाख. ‘पूरी दुनिया कई चुनौतियों से गुजर रही है, दुनिया को केवल आर्थिक या तार्किक नेताओं की नहीं, बल्कि आध्यात्मिक नेताओं की भी आवश्यकता है, जो पूरी दुनिया में शांति, सद्भाव और भाईचारे की भावना पैदा कर सकें. यह सारी खूबियां हमारे महान नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में मौजूद है. हमारे माननीय प्रधानमंत्री स्वयं एक कर्मयोगी हैं.’ ये बातें धर्मशाला से प्रारंभ तथा लेह, लद्दाख के शांति स्तूप पर पूरी हुई शांति पदयात्रा के समापन के अवसर पर महाबोधि इंटरनेशनल मेडिटेशन सेंटर (MIMC), लेह, लद्दाख के संस्थापक और अध्यक्ष अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध और सम्मानित बौद्ध उपदेशक आदरणीय भिक्खु संघसेना ने कही.

विश्व शांति के लिए 150 बौद्ध भिक्षुओं और आम लोगों की 34-दिवसीय पद यात्रा के समापन के अवसर पर बोलते हुए उन्होंने आगे कहा, ‘मैं व्यक्तिगत रूप से महसूस करता हूं कि भारत बहुत भाग्यशाली है कि उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूप में एक महान नेता मिला है. जो योग, ध्यान और वसुधैव कुटुंबकम जैसे आध्यात्मिक मूल्यों को भारत और दुनिया के सामान्य विकास से जोड़ता है. हम उनमें संपूर्ण नेतृत्व देखते हैं.’

भिक्षु भिक्खु संघसेना ने कहा, ‘पीएम मोदी एक वैश्विक शांतिदूत के रूप में उभरे हैं. पूरी दुनिया, प्राचीन ज्ञान के साथ दुनिया का नेतृत्व करने के लिए भारत और पीएम मोदी की ओर देख रही है. भारत पीएम मोदी के नेतृत्व में शांति और सद्भाव फैला रहा है.’ उन्होंने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के दौरान शांति-निर्माता के रूप में सक्रिय भूमिका निभाई है. वे सम्पूर्ण मानवता के लिए निष्पक्ष रूप से चिंतित होते हैं. उन्होंने कहा कि रूस और यूक्रेन दोनों देशों ने पीएम मोदी की बात सुनी और उनके विचारों का सम्मान किया.

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भारतीय अल्पसंख्यक फाउंडेशन के संयोजक, सतनाम सिंह संधू, महाबोधि इंटरनेशनल मेडिटेशन सेंटर के संस्थापक और अध्यक्ष ने बौद्ध भिक्षुओं के साथ लेह, लद्दाख में ‘पीस वॉक’ में भाग लिया.

भिक्खु संघसेना ने कहा कि पीएम मोदी जहां भी जाते हैं, इतिहास रच देते हैं. उन्होंने कहा, ‘संयुक्त राज्य अमेरिका की उनकी हालिया ऐतिहासिक राजकीय यात्रा इसका प्रमाण है, जहां पीएम मोदी ने दोनों देशों के लिए नए रास्ते खोले है. दुनिया उन्हें शांति और समृद्धि की ओर ले जाने वाले शांति दूत के रूप में देख रही है.’

थाईलैंड स्थित वर्ल्ड एलायंस ऑफ बुद्धिस्ट्स (डब्ल्यूएबी) के अध्यक्ष डॉ. वेन. पोर्नचाई पलावाधम्मो ने कहा कि भारत बौद्ध धर्म की मातृभूमि है और बौद्ध धर्म शांति सिखाता है. भारत और थाईलैंड एक साथ काम करते हुए दुनिया में शांति ला सकते हैं. भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी एक शक्तिशाली और लोकप्रिय व्यक्ति हैं और वह बुद्ध की शिक्षाओं को समझते हैं और उनका पालन भी करते हैं. उन्होंने रूस और यूक्रेन के बीच शांति स्थापित करने में पीएम मोदी की सकारात्मक भूमिका का जिक्र करते हुए एक शांति-निर्माता के रूप में कार्य करने के लिए पीएम मोदी की सराहना की.

वहीं इंडियन माइनॉरिटी फाउंडेशन (आईएमएफ) के कन्वीनर सतनाम सिंह संधू ने कहा कि पीएम मोदी ने पिछले नौ वर्षों के दौरान देश के सभी अल्पसंख्यकों का उत्थान किया है तथा उनके लंबे समय से लंबित मुद्दों का समाधान किया है. पीएम मोदी ने बौद्ध समुदाय की लंबे समय से लंबित मांग आखिरकार 63 साल बाद पीएम मोदी ने पूरी कर दी. उन्होंने लद्दाख को एक अलग केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) बनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया, जिसने इस क्षेत्र में  विकास के द्वार खोल दिए. अल्पसंख्यकों का कल्याण पीएम मोदी की सरकार के नीति-निर्धारण के मूल में शामिल है. वह अल्पसंख्यक समुदायों के लिए आशा की एक नई किरण लेकर आए हैं, जिन्हें पिछली सरकारों ने काफी हद तक दरकिनार कर दिया था और उन्हें केवल वोट बैंक के रूप में देखा जाता था.

उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में अल्पसंख्यक समुदाय हमेशा सुरक्षित और समृद्ध महसूस कर करते हैं. अल्पसंख्यक समुदाय अब भारत के समग्र विकास का हिस्सा हैं. पूरी दुनिया अल्पसंख्यक समुदायों के कल्याण के लिए पीएम मोदी द्वारा की गई पहल की सराहना करती है. शांति स्थापना और शांति की संस्कृति को बढ़ावा देने में उनका योगदान भगवान बुद्ध की शिक्षाओं को दुनिया के हर कोने में ले जा रहा है.

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भारतीय अल्पसंख्यक फाउंडेशन के संयोजक सतनाम सिंह संधू बौद्ध भिक्षुओं और बहु-धार्मिक प्रतिनिधिमंडल के साथ लेह, लद्दाख में शांति स्तूप के लिए शांति वॉक में भाग ले रहे हैं.

एमआईएमसी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान भारतीय अल्पसंख्यक फाउंडेशन के संयोजक सतनाम सिंह संधू बौद्ध भिक्षुओं और बहु-धार्मिक प्रतिनिधिमंडल के साथ विश्व शांति और सद्भाव के लिए शांति स्तूप में प्रार्थना करते हुए.ऑल लद्दाख गोनपा एसोसिएशन के संयुक्त सचिव (निजी) तेनज़िन न्यिमा ने दुनिया में प्रेम और शांति को बढ़ावा देने और फैलाने के लिए एक महीने की पदयात्रा में भाग लेने वाले सभी बौद्ध भिक्षुओं और अनुयायियों का गर्मजोशी से स्वागत और सराहना की. उन्होंने कहा, “पूरी दुनिया शांति और सद्भाव से रहना चाहती है. यहां तक कि भगवान बुद्ध ने भी एक-दूसरे के प्रति प्रेम और करुणा रखने, किसी को चोट न पहुंचाने और एकता के साथ रहने का संदेश दिया है. दुनिया भर से लोग संदेश श्विक शांति के दे रहे हैं इसलिए हमें भी इसे अपनाने का प्रयास करना चाहिए और दुनिया को रहने के लिए एक बेहतर जगह बनाने में योगदान देना चाहिए. आज के समय में  के युवा परेशान हैं और अपने दिमाग को नियंत्रित करने में कठिनाई का सामना कर रहे हैं,  बुद्ध की शिक्षाएं उन्हें मन की शांति प्राप्त करने में मदद कर सकती हैं.

उन्होंने दुनिया में भगवान बुद्ध की शिक्षाओं और विचारधाराओं को बढ़ावा देने और लोगों को उनका अभ्यास करने के लिए प्रेरित करने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की भी सराहना की. उन्होंने कहा, ”दुनिया में शांति स्थापित करने वाले की अहम भूमिका निभा रहे पीएम मोदी सभी के लिए प्रेरणास्रोत है. आज रूस और यूक्रेन जैसे देश एक-दूसरे के साथ युद्ध में हैं ऐसे में पीएम मोदी दुनिया भर में संबंध निर्माण और शांति स्थापना के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं.

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लद्दाख बौद्ध एसोसिएशन लेह- यूथ विंग के अध्यक्ष रिगज़िन दोर्जे ने कहा, “भारत- वह भूमि जहां बौद्ध धर्म का जन्म हुआ और जो बौद्ध शिक्षा के पारंपरिक और सबसे महत्वपूर्ण केंद्रों जैसे कि नालंदा का घर है जिसे हमेशा एकता, शांति और के संदेश के प्रचार के लिए जाना जाता है. दुनिया में सद्भाव और आज की दुनिया में – जहां शांति मानव जाति की प्रमुख आवश्यकता है – राष्ट्र एक-दूसरे के साथ युद्ध में हैं. भारत में बौद्ध भिक्षु और अनुयायी शांति का संदेश दे रहे हैं.’ उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुद्ध की शिक्षाओं और विचारधाराओं को अपनाया है और उन्हें दुनिया तक पहुंचाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. उन्होंने योग के अभ्यास और उत्सव को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाया है, जो सभी के बीच शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ी पहल है.

लद्दाख बौद्ध एसोसिएशन (एलबीए) की प्रवक्ता सोनम वांगचुक ने कहा, “पिछले नौ वर्षों के दौरान पीएम मोदी ने लद्दाख और देश के अन्य हिस्सों में बौद्ध केंद्रों को विकसित करने के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की हैं. उनका ध्यान भगवान बुद्ध से जुड़े स्थानों के विकास पर केंद्रित रहा है, विशेषकर बौद्ध सर्किट के लिए किए गए विकास कार्यों पर.”

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कई बार लद्दाख का दौरा किया है और बौद्ध केंद्रों के विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है. बौद्ध केंद्रों के लिए उनकी पहल और बौद्ध धर्म की शिक्षाओं को बढ़ावा देने के लिए पूरा बौद्ध समुदाय उनका आभारी है.

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भारतीय अल्पसंख्यक फाउंडेशन के संयोजक सतनाम सिंह संधू के साथ विभिन्न देशों के बौद्ध धार्मिक प्रतिनिधियों ने महाबोधि इंटरनेशनल मेडिटेशन सेंटर, लेह, लद्दाख में भाग लिया.

ऑल इंडिया लद्दाख कम्पाइल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष संजय नाम्रोता ने कहा कि ये विश्वशांति पदयात्रा न सिर्फ भारत के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए महत्वपूर्ण है. हमारे लिए यह गर्व की बात है कि भारत के प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी एक विश्व शांतिदूत बनकर उभरे हैं. वे महात्मा बुद्ध की शिक्षाओं को सम्पूर्ण विश्व में बखूभी ही फैला रहे हैं. उन्होंने कहा कि बौद्ध सम्प्रदाय की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करते हुए लद्दाख को एक अलग केंद्र शासित प्रदेश के रूप में घोषित करना, बोधगया को अंतर्राष्ट्रीय गंतव्य के रूप में विकसित करना, बौद्ध तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए बुद्ध सर्किट का विकास करना प्रधानमंत्री मोदी के अभूतपूर्व कार्य हैं.

पिछले 11 वर्षों से एक बौद्ध संगठन से जुड़े रहे नदियाल निंद ने कहा कि धर्म को बुद्ध की जन्मभूमि पर वापस लाना महत्वपूर्ण है क्योंकि यही वह भूमि है जहां बौद्ध धर्म की उत्पत्ति हुई है, किन्तु भारत में बौद्ध धर्म का इतिहास खो गया है. उन्होंने कहा कि भारत वह देश है जहां से बौद्ध धर्म शुरू हुआ और सारी दुनिया भर में फैला  इस लिए भारत के लिए बौद्ध धर्म के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहलुओं और मूल्यों को समझना और बनाए रखना अति महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि हर कोई मिलकर भगवान बुद्ध की शिक्षाओं का पालन और प्रचार कर भारत में बौद्ध धर्म के सार को पुनर्जीवित करने में मदद कर सकता है.”

उन्होंने यह भी बताया कि वह खुद बौद्ध शिक्षाओं, विचारधाराओं और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एक यूट्यूब चैनल चलाती हैं. नदियाल ने न केवल देश के भीतर बल्कि दुनिया भर में बुद्ध की शिक्षाओं को फैलाने की पहल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी के सत्ता में आने के बाद से बौद्ध समुदाय को भारत सरकार से भारी समर्थन मिला है और यह पिछली सरकारों की तुलना में कहीं अधिक फल-फूल रहा है.

Tags: Buddhist, Ladakh News, Pm narendra modi

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