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Explainer: CM भजनलाल का दिवाली पर सबसे बड़ा तोहफा! 72 लाख किसानों के खाते में पहुंचे 9,000, नहीं मिला तो करें ये काम

जयपुर. दिवाली की रौनक के बीच राजस्थान के लाखों किसानों के चेहरों पर खुशी की लहर दौड़ रही है. धनतेरस के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने एक झटके में 717.96 करोड़ रुपये जारी कर दिए, जो सीधे 72 लाख से अधिक छोटे और सीमांत किसानों के बैंक खातों में पहुंच चुके हैं. यह राशि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के तहत सालाना 9,000 रुपये की बढ़ी हुई सहायता का पहला किश्त है. केंद्र सरकार की मूल 6,000 रुपये की मदद के ऊपर राज्य सरकार ने अतिरिक्त 3,000 रुपये जोड़कर किसानों को आर्थिक मजबूती देने का संकल्प लिया है. यह कदम न केवल अन्नदाताओं की जेब मजबूत करेगा, बल्कि सूखाग्रस्त राजस्थान की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति भी देगा.

राजस्थान विधानसभा में फरवरी 2025 में पेश किए गए राज्य बजट 2025-26 में इसकी आधिकारिक घोषणा हुई थी. वित्त मंत्री एवं उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने बजट भाषण के दौरान कहा था कि किसानों की समृद्धि भजनलाल सरकार का संकल्प है. पीएम-किसान योजना के तहत केंद्र से मिलने वाली 6,000 रुपये की सालाना सहायता के अतिरिक्त राज्य सरकार अब 3,000 रुपये और देगी, जिससे कुल राशि 9,000 रुपये हो जाएगी. यह फैसला कृषि और सिंचाई क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. बजट में कुल 2.5 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया, जिसमें कृषि क्षेत्र को विशेष प्राथमिकता दी गई.

राजस्थान के किसानों को मिल रहा अतिरिक्त मदद

पीएम-किसान योजना की शुरुआत केंद्र स्तर पर 24 फरवरी 2019 को हुई थी, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे लॉन्च किया. इसका उद्देश्य देश के छोटे और सीमांत किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, ताकि वे बीज, खाद, कीटनाशक जैसी जरूरी चीजों की खरीदारी कर सकें. योजना के तहत हर साल 6,000 रुपये तीन समान किश्तों में दिए जाते हैं. प्रत्येक 2,000 रुपये, चार-चार महीने के अंतराल पर दिए जाते हैं.  डीबीटी के जरिए यह राशि आधार-लिंक्ड बैंक खातों में सीधे पहुंचती है, जिससे मध्यस्थों की भूमिका खत्म हो गई. अब तक देशभर के 11 करोड़ से अधिक किसान इससे लाभान्वित हो चुके हैं. राजस्थान में यह योजना 2019 से लागू है और अब राज्य की अतिरिक्त मदद से यह और प्रभावी हो गई है.

2026 के फरवरी या मार्च में आ सकती है अगली किस्त

राजस्थान सरकार ने अपनी ‘मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि’ योजना के तहत यह अतिरिक्त 3,000 रुपये जोड़े हैं. पहले यह राशि 2,000 रुपये थी, लेकिन 2023 विधानसभा चुनाव के संकल्प पत्र में भाजपा ने 12,000 रुपये सालाना देने का वादा किया था. चरणबद्ध तरीके से पहले 8,000 रुपये (2024 में) पहुंचाए गए और अब 9,000 रुपये अगले वर्ष 12,000 तक ले जाने का लक्ष्य है. धनतेरस पर जारी पहली किश्त में 3,000 रुपये  जिसमें केंद्र का 2,000 + राज्य का 1,000 प्रत्येक पात्र किसान को मिले. अगली किश्त फरवरी-मार्च 2026 में आएगी, जब पीएम मोदी 20वीं किश्त जारी करेंगे. जून-जुलाई में तीसरी किश्त का इंतजार रहेगा.

राजस्थान के 72 लाख किसानों को लाभ देने का अनुमान

इस योजना से सबसे ज्यादा फायदा राजस्थान के उन जिलों को होगा, जहां सूखा और कम वर्षा किसानों की कमर तोड़ रही है. बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर जैसे पश्चिमी जिलों में जहां फसलें बारिश पर निर्भर हैं, वहां यह राशि जीवनरेखा साबित होगी. एक अनुमान के मुताबिक, राज्य के 72 लाख पात्र किसानों को सालाना 6,480 करोड़ रुपये का लाभ मिलेगा. इसके अलावा, बजट में अन्य कृषि उपाय भी शामिल हैं. जिसमें 35 लाख किसानों के लिए 25,000 करोड़ रुपये के ब्याज-मुक्त ऋण, 1 लाख किसानों के लिए आधुनिक कृषि उपकरणों पर 300 करोड़ की सब्सिडी, और गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना का विस्तार जिसके तहत 2.5 लाख डेयरी किसानों को 150 करोड़ के बिना ब्याज ऋण मिलेंगे. वैश्विक राजस्थान एग्री-टेक मीट (GRAM) का आयोजन भी किया जाएगा, जो किसानों को आधुनिक तकनीक से जोड़ेगा.

किसान संगठनों  की उर्वरक पर सब्सिडी देने की मांग

किसान संगठनों ने इस फैसले का स्वागत किया है. राजस्थान किसान महासंघ के अध्यक्ष हनुमान राम ने कहा कि यह सराहनीय कदम है. लेकिन हमें उम्मीद है कि अगले बजट में 12,000 रुपये का वादा पूरा होगा. साथ ही, उर्वरक सब्सिडी पर डीबीटी लागू हो. हालांकि, कुछ चुनौतियां भी हैं. कई किसानों को ई-केवाईसी में दिक्कत आ रही है. यदि आधार अपडेट नहीं है या दस्तावेज सही नहीं, तो राशि रुक सकती है.

कौन पा सकता है यह लाभ?

यह योजना 2 हेक्टेयर तक जमीन वाले छोटे और सीमांत किसानों  के लिए है. परिवार का कोई सदस्य आयकर दाता, पेंशनभोगी जैसे विधवा, दिव्यांग या सरकारी कर्मचारी नहीं होना चाहिए. वहीं बड़े जमींदार भी अपात्र हैं. यदि आपका नाम सूची में नहीं है, तो तुरंत अप्लाई करें. यह योजना न केवल आर्थिक मदद है, बल्कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाने का माध्यम भी है. राजस्थान सरकार का यह प्रयास ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार करने में योगदान देगा. दिवाली पर यह सौगात किसानों के लिए सबसे बड़ा पटाखा साबित हो रही है. यदि आप किसान हैं, तो अपना स्टेटस जरूर चेक करें. खुशहाली का यह तोहफा आपके द्वार पर है.

पीएम-किसान पोर्टल pmkisan.gov.in पर जाएं. ‘फार्मर कॉर्नर’ में ‘नो योर स्टेटस’ चुनें. आधार, मोबाइल या खाता नंबर डालें. ई-केवाईसी के लिए वेबसाइट, एप या सीएससी सेंटर पर बायोमेट्रिक/ओटीपी वेरिफिकेशन करें. इसके अलावा हेल्पलाइन नंबर-155261 या 011-24300606 पर संपर्क कर जानकारी ले सकते हैं. वहीं राज्य कृषि विभाग की साइट agriculture.rajasthan.gov.in पर भी जानकारी उपलब्ध है.

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