20 Dead, Fire Spread Due to Firecrackers

Last Updated:October 15, 2025, 09:07 IST
Jaisalmer Bus Fire: जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर AC स्लीपर बस में आग लगने से 20 यात्रियों की मौत और 16 झुलसे. बस में शॉर्ट सर्किट और डिग्गी में रखे पटाखों ने आग को और भीषण बनाया. मृतकों की पहचान डीएनए टेस्ट से होगी. हादसे ने अवैध बस मॉडिफिकेशन और सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.Jaisalmer Bus Fire
Jaisalmer Bus Fire: राजस्थान के जैसलमेर जिले में मंगलवार दोपहर लगभग 3:30 बजे जोधपुर-जैसलमेर हाईवे पर के के ट्रेवल्स की AC स्लीपर बस में अचानक आग लगने से हुए हादसे में 20 यात्रियों की मौत हो गई है. बस में कुल 57 यात्री सवार थे, जिनमें से 16 यात्री गंभीर रूप से झुलस गए और उनका इलाज जोधपुर के महात्मा गांधी हॉस्पिटल (MGH) और MDM अस्पताल में जारी है. हादसे की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि बस में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी. लेकिन आग की तीव्रता और फैलाव का मुख्य कारण एक और बड़ी लापरवाही है. जांच में खुलासा हुआ कि बस की डिग्गी (सामान रखने की जगह) में बड़ी मात्रा में पटाखे रखे गए थे. शॉर्ट सर्किट और एसी कंपार्टमेंट से गैस लीक होने से लगी आग को पटाखों ने विकराल रूप दे दिया.
बस की फाइबर बॉडी, सीटों पर लगे पर्दे, जुगाड़ एसी सिस्टम और संकरी गैलरी होने के कारण आग तेजी से पूरे वाहन में फैल गई. स्थानीय लोगों ने बताया कि बस में अचानक धमाके जैसी आवाज आई और कुछ ही मिनटों में लपटों ने पूरी बस को घेर लिया, जिससे यात्रियों को भागने का मौका नहीं मिला.
लॉक हुए दरवाजे और फंस गए यात्रीबस में केवल एक ही मुख्य गेट था. आग लगने के बाद वायरिंग जल जाने से गेट ऑटोमैटिक लॉक हो गया और यात्री अंदर फंस गए. कई यात्रियों ने खिड़कियों के कांच तोड़कर बाहर निकलने की हताश कोशिश की, लेकिन मजबूत कांच के कारण कुछ ही सफल हो पाए. इस हादसे ने एक बार फिर स्लीपर बसों में आपातकालीन निकास (Emergency Exit) और सुरक्षा मानकों की कमी को उजागर किया है.
जिम्मेदारी और लापरवाही पर उठ रहे सवाल
इस भीषण हादसे ने परिवहन विभाग और बस मालिक की घोर लापरवाही को उजागर किया है. हादसे ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं:
अवैध मॉडिफिकेशन: AC स्लीपर बस को बिना तकनीकी और सुरक्षा स्वीकृति के लोकल स्तर पर मॉडिफाई क्यों किया गया?
खतरनाक सामान: बस की डिग्गी में पटाखों जैसे ज्वलनशील सामग्री की मौजूदगी कैसे थी? यह यात्री सुरक्षा नियमों का घोर उल्लंघन है.
सुरक्षा मानक: बस में आपातकालीन निकास क्यों नहीं था और एक ही मुख्य गेट क्यों था?
सेना और स्थानीय लोगों ने किया रेस्क्यूहादसे की सूचना मिलते ही सेना के जवान और स्थानीय लोग तुरंत मौके पर पहुंचे. सेना की मदद से जेसीबी लाई गई, जिसकी मदद से बस का गेट तोड़ा गया और अंदर फंसे घायल यात्रियों को बाहर निकाला गया. दमकल विभाग की गाड़ी को सूचना मिलने के बाद करीब 45 मिनट में पहुंची, लेकिन तब तक बस पूरी तरह जल चुकी थी.
घायलों का इलाज और डीएनए जांच
सभी गंभीर रूप से झुलसे यात्रियों को जोधपुर के महात्मा गांधी और एमडीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उधर, 20 मृतकों की पहचान के लिए डीएनए परीक्षण (DNA Test) की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, क्योंकि अधिकांश शव पहचान से बाहर हो गए हैं. मृतकों के परिजनों के डीएनए सैंपल लिए जा रहे हैं, जिसके मिलान के बाद ही शवों को पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार के लिए सौंपा जाएगा.
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और संबंधित अधिकारियों ने इस पूरी दुखांतिका की गहन जांच का आदेश दिया है और यह आश्वासन दिया है कि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.
Location :
Jaisalmer,Jaisalmer,Rajasthan
First Published :
October 15, 2025, 09:03 IST
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पटाखों ने AC बस को बनाया कब्रिस्तान! 20 यात्रियों की मौत से सहमा राजस्थान…